मेरठ में आज। स्वामी विवेकानंद सुभारती विश्वविद्यालय के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग में हिन्दी पत्रकारिता दिवस को वर्तमान परिपेक्ष्य में हिन्दी पत्रकारिता की दशा-दिशा एवं जरूरत विषय पर आधारति व्याख्यान के आयोजन के साथ मनाया गया। इस अवसर पर डीएमई मीडिया स्कूल नोएडा के डीन व वरिष्ठ शिक्षाविद् एवं पत्रकार प्रो. डॉ. अम्बरीष सक्सेना ने विद्यार्थीयों को संबोधित किया। अपने संबोधन में डॉ. सक्सेना ने विद्यार्थीयों को हिन्दी पत्रकारिता के इतिहास से लेकर वर्तमान समय में इसकी स्थिति से रुबरु कराया। उन्होंने कहा कि आज की हिन्दी पत्रकारिता बहुत ही सशक्त और सुदृढ़ रूप से खड़ी है तथा यह अंग्रेजी पत्रकारिता से कोसं मील आगे है। इसके महत्व को कभी नकारा नहीं जा सकता। देश के स्वाधीनता आंदोलन में हिन्दी पत्रकारिता मील का पत्थर साबित हुई है। उन्होंने आगे कहा कि राष्ट्र निर्माण में हिन्दी पत्रकारिता की महत्वपूर्ण भूमिका है।
जनसंचार एवं पत्रकारिता के विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए डॉ. अम्बरीष ने कहा कि पत्रकारिता का उद्देष्य नागरिको को अपने और पूरे देश के लि सर्वोत्तम एवं आवश्यक जानकारी प्राप्त करना है। बकौल डॉ. सक्सेना हिन्दी भाषा की शुद्ध जानकारी रखना पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए जरुरी है। उन्होंने कहा कि भाषा की टियाँ और अशुद्धियों की ओर ध्यान दिया जाना जरुरी है। डॉ. अम्बरीष सक्सेना ने कहा कि हिन्दी पत्रकारिता को अंग्रजी पत्रकारिता से ना कभी कोई भय था ना है और ना कभी रहेगा। तकनीक के इस युग में हिन्दी पत्रकारिता ने भी तकनीक को अपना कर स्वयं को और अधिक मजबूत किया है। इस कड़ी में कंप्यूटर और इंटरनेट पर हिन्दी के फॉण्टों का इस्तेमाल हो चाहे अन्य तकनीकि सुविधाएं सभी ने हिन्दी पत्रकारिता को आगे बढ़ाने में अपना सहयोग ही दिया है।
इस अवसर पर पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो.डॉ. सुभाष चंद्र थलेड़ी ने कहा कि विद्यार्थियों को विशेषकर पत्रकारिता के छात्रों को पढ़ाई के दौरान ही अपने भीतर शुद्ध हिन्दी लेखन एवं उसके प्रयोग के बारे में जागरूक होना चाहिए और निरंतर प्रयास के द्वारा इसे ठीक करना चाहिए।
इस कार्यक्रम का संयोजन पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के सहायक आचार्य राम प्रकाश तिवारी ने किया वहीं कार्यक्रम के अंत में सभी का धन्यवाद ज्ञापन वरिष्ठ प्रवक्ता नीरज अग्रवाल ने किया। इस दौरान विभाग की अकादमिक समन्वयक प्रीति सिंह, डॉ. गुंजन शर्मा, प्रो. अशोक त्यागी, संजय जुगरान उपस्थित रहे। वहीं विद्यार्थियों के रूप में वर्णिका, मान्वी त्यागी, छैना त्यागी, हर्ष बसुटा, आस्था, भूमि, सुमैया, लाइबा तस्किन, अर्पित, विशेष शर्मा, हर्षुल, मोहित प्रजापति, आदि रहे।