मेरठ । शासनादेश के अनुसार हूटर का प्रयोग एंबुलेंस,दमकल गाड़ी , पेट्रोलिंग वाहन, वीआईपी गाड़ियों पर किया जा सकता है। लेकिन जिले में लग्जरी वाहनों लगे हुए हुटर लोगों की परेशानी का सबब बन रहे है। सत्ता की हनक के चलते पुलिस भी इन लग्जरी वाहनों पर कार्रवाई करने से गुरेज कर रही है।जब कभी इन हुटरों के चलते हंगामा होता तो पुलिस कार्रवाई करने के बजाय समझौते का प्रयास करने में जुट जाती है।
जिले की बात करें तो जिले में सैकड़ों लग्जरी वाहन मौजूद है। जिसमें अधिकतर वाहनों पर किसी न किसी राजनीतिक दलों के झंडे लगे है। सबसे ज्यादा सत्ताधारी पार्टी के नेताओं व छूट मैया नेताओं के वाहनों पर तेज आवाज वाले हूटर लगे है। जो की पूरी तरह अवैध है। हूटर का प्रयोग सिर्फ और सिर्फ सरकारी व प्राइवेट हॉस्पिटल की एंबुलेंस ,दमकल की गाड़ियों पर लगाने की अनुमति है। इसके बाद नियमों को ताक पर रखकर ये वाहन सड़कों पर बेखौफ दौड़ रहे है। इस वाहनों के कारण कई बार हादसे हो चुके है। सबसे ज्यादा परेशान ऐसे वाहनों से उस समय होती है जहां भीड़ होती है। ऐसे स्थानों पर ऐसे लग्जरी वाहन तेज आवाज में हूटर बजाते है। जिसके कारण आगे चलने वाले वाहन हडबडाहट में एक्सीडेंट कर देते है। अभी दो दिन पूर्व थाना मेडिकल क्षेत्र में प्रवेश विहार में कुछ इस तरह ड्रामा देखने को मिला। जब सत्ताधारी पार्टी का झंडा लगी लग्जरी कार वहां पर निकली तेज हूटर के कारण आगे चल रहे वाहन ने दूसरे वाहन में टक्कर मार दी। लोगों ने कार को रोककर कार चालक से हुटर लगाने का कारण पूछा तो वह सत्ता की हनक दिखाने लगा इस दौरान जमकर हंगामा हुआ । लोगों ने कार पर पथराव कर दिया। घटना की जानकारी मिलने पर मेडिकल थाने के पीवीएस चौकी की पुलिस मौके पहुंची तो लोगों ने जमकर हंगामा किया। लोगों को आरोप था हूटर का प्रयोग सरकारी वाहनों पर ही किया जा सकता है। जिस पर पुलिस ने लग्जरी कार से लगा हुआ हुटर उतार कर अपने कब्जे में किया। ऐसे कोई एक मामला नहीं है। आए दिन इस प्रकार की हंगामे होना आम हो गया है। हम किसी पर सवाल नहीं उठा रहे है। हमारा सिर्फ और सिर्फ ये कहना है। जब सरकार ने वाहनों पर हूटर लगाने के नियम बना रखे तो इसका उल्लंघन किस आधार पर किया जा रहा है। आखिरकार पुलिस ऐसे वाहनों पर कार्रवाई क्यों नहीं करती है।