मेरठ में अवैध हथियारों का सौदागर अनिल बंजी एसटीएफ को चखमा देकर कश्मीर भाग गया है । इससे पहले गैंगस्टर धर्मेंद्र किरठल से दुश्मनी के चलते संजीव जीवा से अनिल बंजी ने हाथ मिला लिया था और कश्मीर जा कर रहने लगा था। वही अब मेरठ एसटीएफ की टीम अनिल बंजी की लोकेशन के बारे में पता लगाने में जुटी हुई है। ताकि अवैध हथियारों के सौदागर की गिरफ्तारी कर ओर भी बदमाशो का खुलासा किया जा सके। एसटीएफ द्वारा उसकी महिला दोस्त के मोबाइल नम्बरो को भी सर्विलांस पर लगाने की तैयारी की जा रही है। एसटीएफ अनिल बंजी के इस धंधे में अवैध कारोबार से ओर कौन लोग उसके साथ है इसका भी पता लगाया जा रहा है। उनकी भी जांच पड़ताल एसटीएफ और कंकरखेड़ा पुलिस संयुक्त रूप से कर रही है।
एसटीएफ के एएसपी बृजेश कुमार सिंह ने बताया कि शनिवार रात कंकरखेड़ा क्षेत्र में एक काली स्कार्पियो में हथियारों के जखीरे के साथ बागपत के लोहड्डा गांव निवासी रोहन सिंह को एसटीएफ ने गिरफ्तार किया था। उसके पास गाड़ी से फैक्ट्री मेड 17 सिंगल व डबल बैरल बंदूक, 35 डिब्बों में रखे 700 कारतूस एसटीएफ द्वारा बरामद किए गये थे। रोहन के पिता राकेश कुमार यूपी पुलिस में दारोगा के पद पर कार्यरत हैं और उत्तर प्रदेश के मथुरा में उनकी तैनात हैं।
गिरफ्तार रोहन सिंह ने पूछताछ में बताया कि तीन साल पहले कंकरखेड़ा के डिफेंस एन्क्लेव में रहने वाले अनिल बालियान उर्फ बंजी से गिरफ्तार अरोपी रोहन की मुलाकात हुई थी। उस समय बंजी प्रापर्टी की खरीद फरोख्त के साथ हथियारों की बड़ी तस्करी करने में शामिल था । इसी दौरान अनिल बालियान ने मोदीपुरम स्थित कृषि विश्वविद्यालय के डीन राजबीर पर जानलेवा हमला किया था। जिसमे डीन गम्भीर रूप से घायल हुए थे।
पूछताछ में बताया कि अनिल के जेल जाने के बाद रोहन ने ही हथियार तस्करी की कमान संभाल लिया थी। तभी से दोनों अवैध हथियारों की तस्करी में एक साथ जुड़ गये ओर बड़े पैमाने पर तस्करी शुरू कर दी । थाना कंकरखेड़ा पुलिस द्वारा रोहन की धरपकड़ के दौरान अनिल बंजी मौके से नेपाल भाग गया था। अनिल ने फरारी के बाद अपना मोबाइल नंबर बंद कर दिया था, लेकिन उसके बावजूद उसी नम्बर से वाट्सएपचलाया जा रहा है। एसटीएफ ने उसके वाट्सएप नंबर की जानकारी जुटा ली है। बंजी की लोकेशन अब कश्मीर में मिल रही है।
एसटीएफ ने बताया कि 2013 में रोहटा रोड पर बदमाश धर्मेंद्र किरठल के साथी अनिल बामडोली की हत्या की गई थी। इस हत्याकांड में अनिल वालियान उर्फ बंजी पर मुखबिरी का आरोप लगा था। तभी से धर्मेंद्र किरठल और अनिल बंजी आमने-सामने आ गए थे ओर एक दूसरे के दुश्मन बन गए। धर्मेंद्र से बचने के लिए अनिल बालियान ने संजीव जीवा गैंग के साथ अपना गैंग जोड़ लिया और उसी के गैंग में शामिल होकर हत्या लूट अवैध हथियारों का काला कारोबार शुरू कर लिया।
एसटीएफ के मुताबिक फैजाबाद जेल में बन्द अनिल बालियान ने संजीव जीवा से मिलकर 12 लाख में एके-47 और 1300 कारतूस भी खरीदें। ताकि धर्मेंद्र किरठल पर हमला कर उसको अपने रास्ते से हटाया जा सके और अपना रास्ता साफ हो जाये। इसी बीच डीन राजवीर पर हमले के लिए भी अनिल बालियान उर्फ बंजी ने थाना भवन शामली के अनिल पिंटू से संपर्क किया था।
एसटीएफ के मुताबिक अनिल उर्फ पिंटू को राजवीर की हत्या करने के लिए एके-47 और 1300 कारतूस दिए गए थे। इन अवैध हथियार एके-47 की खरीदारी कश्मीर से संजीव जीवा ने की थी। उस समय बंजी अपनी जान बचाकर कश्मीर भाग गया था। वो वही से अपना गैंग चला रहा था।