मोदी रबड़ को सरकार से लीज पर मिली 117 एकड़ जमीन जर्मनी की कंपनी कॉन्टिनेंटल को बेचे जाने के मामले में प्रशासन ने पुराने रिकॉर्ड खंगालने शुरू कर दिए हैं। मोदी रबड़ पर नगर निगम के हाउस टैक्स के 100 करोड़ रुपये बकाया थे। बताया जा रहा है कि हाउस टैक्स की इस रकम की वसूली के लिए अब नगर आयुक्त ने अधिकारियों की एक समिति गठित की है जो जांच कर रही है। नगर आयुक्त सौरभ गंगवार ने बताया कि मोदी रबर फैक्टरी से निगम का 100 करोड़ का बकाया हाउस टैक्स वसूल किया जाएगा। जिसको लेकर नोटिस भी जारी किया गया है।
बता दे कि 1972 में मोदी रबर कंपनी को सरकार ने 117 एकड़ जमीन को लीज पर दिया था । मोदी रबर कंपनी ने जमीन को 2010 में जर्मनी की कंपनी कॉन्टिनेंटल को बेच दिया। इस जमीन की कीमत मौजूदा सर्किल रेट के हिसाब से करीब 1100 करोड़ रुपए आकि जा चुकी है।
उस वक्त अमित कुमार भारतीय मेरठ में सरधना के एसडीएम थे। एसडीएम सरधना ने जमीन का फर्जी तरीके से दाखिल खारिज कराया था। तत्कालीन कमिश्नर सुरेंद्र सिंह ने मामले में तीन अधिकारियों की कमेटी गठित कर जांच शुरू कर दी। जांच में एसडीएम सरधना पर लगे आरोप सही पाए गये । जिसकी रिपोर्ट शासन को भेज दी गई। इस मामले में हाल ही में सरधना के तत्कालीन एसडीएम और वर्तमान में कानपुर के अपर नगर आयुक्त अमित कुमार भारतीय को चार्जशीट दी गई है। उनके खिलाफ विभागीय जांच कानपुर के मंडल आयुक्त अमित गुप्ता को दी गई है।
मेरठ के आरटीआई एक्टिविस्ट लोकेश खुराना ने कमिश्नर सुरेंद्र सिंह से शिकायत की। उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी रबर लिमिटेड ने लीज की जमीन कॉन्टिनेंटल को बेची थी, लेकिन राज्य सरकार को इसकी कोई जानकारी नहीं दी गई । तत्कालीन तहसीलदार सरधना ने लीज डीड की शर्तों के विपरीत राजस्व अभिलेखों में जमीन का दाखिल खारिज 27 जून, 2011 को कर दिया।
नियम तोड़ते हुए इस दाखिल खारिज के विरुद्ध एसडीएम सरधना की कोर्ट में शिकायत की गई, कोर्ट के आदेश को तहसीलदार के आदेशों को अग्रिम आदेशों तक स्थगन कर दिया। 24 फरवरी, 2020 को तत्कालीन एसडीएम सरधना अमित कुमार भारतीय ने मोदी कॉन्टिनेंटल से नया आवेदन पत्र लिया। इसके आधार पर राज्य सरकार की अरबों की भूमि को मोदी कॉन्टिनेंटल के नाम अवैध रूप से दर्ज कर लिया।
कमिश्नर सुरेंद्र सिंह ने मामले में इसके लिए जांच समिति बनाई थी। इसमें मेरठ विकास प्राधिकरण के तत्कालीन अपर आयुक्त चैत्रा वी. एमडीए, उपाध्यक्ष शशांक चौधरी और एसडीएम सदर संदीप भागिया को शामिल किया गया। समिति से 15 नवंबर तक रिपोर्ट मांगी गई थी। जांच में सारे आरोप सही पाए गए। शासन को पूरे मामले की रिपोर्ट भेज दी गई।
आरटीआई एक्टिविस्ट लोकेश खुराना ने मामले में हाईकोर्ट में पीआईएल दाखिल की थी। हाईकोर्ट ने सरकार से जवाब मांगा तो पूरे मामले की फाइल तलब की गई। प्रदेश सरकार में विशेष सचिव विजय कुमार ने कानपुर के अपर नगर आयुक्त अमित कुमार भारतीय को भ्रष्टाचार में दोषी पाते हुए चार्जशीट जारी कर दी है। पूरे मामले की जांच कानपुर मंडल के आयुक्त को दी गई है।