मेरठ मोदीपुरम स्थित मोदी टायर फैक्टरी पर 105 करोड़ रुपए के गृहकर मामले में शुक्रवार को हाईकोर्ट में सुनवाई होना बताया गया है। बता दे कि मोदी टायर फैक्टरी को 50 फीसदी यानी 52.5 करोड़ का गृहकर देना पड़ सकता है। कोर्ट का ऑर्डर अभी जारी नहीं हुआ है। जिसका नगर निगम को बेसब्री से इंतजार है। नगर निगम को 52.5 करोड़ का गृहकर आने पर विकास कार्य के नाम पर शासन से धनराशि मिलने की उम्मीद जगी है। प्रमुख सचिव नगर विकास ने गृहकर की वसूली कम होने पर नाराजगी जताकर धनराशि पर रोक लगाने की चेतावनी दी थी।
नगर निगम के अधिकारियों की लापरवाही के चलते मोदी टायर फैक्टरी पर 105 करोड़ का गृहकर बकाया है। गृहकर का बिल देने के बाद नगर आयुक्त सौरभ गंगवार ने मुख्य एवं वित्त लेखा अधिकारी नगर निगम जितेंद्र प्रताप सिंह की अध्यक्षता में जांच कमेटी गठित की थी। जांच कमेटी ने मोदी टायर फैक्टरी का निरीक्षण किया, जिसमें कई खामियां मिली। 105 करोड़ का गृहकर फैक्टरी ने नहीं दिया और वह कोर्ट चली गई थी। जिसमें शुक्रवार को सुनवाई होना बताया गया। नगर निगम की ओर से अधिवक्ता ने गृहकर लेने की मजबूत पैरवी की। जिसमें 50 फीसदी यानी 52.5 करोड़ के गृहकर देने के बाद अगली सुनवाई करने की बात कही है। अगली सुनवाई 16 जनवरी को होगी। कोर्ट का ऑर्डर अभी जारी नहीं हुआ है।
नगर आयुक्त सौरभ गंगवार का कहना कि कोर्ट के ऑर्डर के बाद निगम आगे की कार्रवाई करना तय करेगा। निगम को मोदी टायर फैक्टरी से 105 करोड़ रुपये का गृहकर मिल जाएगा तो वह शहर के विकास में काम आएगा।