दर्शकों को भरोसा दिलाने वाली एक विशुद्ध कला है जादू

दर्शकों को भरोसा दिलाने वाली एक विशुद्ध कला है जादू

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आज दुनिया के मशहूर जादूगर जुआन तमारिज, भले 81 वर्ष के हो चुके हों, मैड्रिड में उनके साथ डिनर के लिए बाहर जाना, ऐसा है मानो आप असल जिंदगी में किसी कार्टून चरित्र के साथ घूम रहे हों। तमारिज 52 वर्षों से एक पेशेवर जादूगर हैं और उनके अपने देश और बाकी दुनिया में भी उन्हें जादू की दुनिया का बेताज बादशाह माना जाता है। डेविड ब्लेन जैसे जादूगरों की वर्तमान पीढ़ी समेत दुनिया भर के जादूगर उन्हें ‘उस्ताद’ कहते हैं। स्पेन में तो उन्हें वाकई आइकन का दर्जा मिला हुआ है।

धूम्रपान कर रहे कुछ युवाओं का समूह उन्हें देखते ही फुसफुसाया, ‘तमारिज?’ उन्हें अपनी आंखों पर भरोसा नहीं हो रहा था। एक दूसरी लड़की उन्हें इतनी खुशी से मुड़-मुड़कर देख रही थी, जो मुझे तो अपनी निजता के उल्लंघन जैसा लग रहा था। लेकिन तमारिज इसके आदी हो चुके हैं। जब वह किसी रेस्तरां में जाते हैं, तो ज्यादातर लोग उनसे वही घिसा-पिटा मजाक करते हैं, ‘मेरी पत्नी को गायब कर दो’, लेकिन तमारिज हर बार इस पर ऐसी प्रतिक्रिया देते हैं, मानो वह पहली बार यह मजाक सुन रहे हों। मैंने हाल ही में एक होटल में तमारिज का एक शो देखा, जिसमें चालीस के करीब दर्शक थे। उन्होंने ताश की गड्डी निकाली और दर्शकों में से चार लोगों को बुलाया। उनमें से एक ने गड्डी फेंटी, दूसरे ने काटी और फिर चारों ने एक-एक पत्ता ले लिया। तमारिज ने बगैर पत्तों को हाथ लगाए, चारों के पत्ते बता दिए। जब उन्होंने ऐसा किया, तो दर्शकों के चेहरे के भाव ऐसे थे, जिसे बयां नहीं किया जा सकता। मानो उन्होंने कोई चमत्कार होते देख लिया हो।

अमेरिका में 20वीं सदी के उत्तरार्ध में जादू की दुनिया के सबसे महान कलाकारों में डॉग हैनिंग, डेविड कॉपरफील्ड, सिग्फ्रायड व रॉय थे। ये सही मायनों में वे जादूगर थे, जो किसी की पत्नी को वाकई गायब कर सकते थे। लेकिन तमारिज कुछ अलग हैं। चकाचौंध वाली लाइटों या उपकरणों पर निर्भर रहने के बजाय वह दर्शकों के ध्यान के साथ खेलते हैं। उन्होंने जादू की दुनिया को ‘क्लोज-अप’ नामक शैली से परिचित कराया, जिसमें सामान्य वस्तुओं के साथ जादू किया जाता है। स्पेनिश टेलीविजन पर लगातार बीस साल तक जादू दिखाने के बाद वह लगभग सेवानिवृत्त हो चुके हैं। लेकिन जब वह अमेरिका पहुंचे, तो वहां उन्हें विश्व के महानतम जादूगर के रूप में ख्याति मिली। आदर्श जादूगर की पोशाक पहने वाली छवि के विपरीत वह सामान्य कपड़ों में बस कुर्सी पर बैठ जाते हैं और फिर उनकी ताश की गड्डी ही सारे कमाल दिखाती है। उनके हाथों की तेजी और आवाज में आने वाले उतार-चढ़ाव लोगों को रोमांचित कर देते हैं।

ललित कलाओं में कभी जगह न बना सकने वाले जादू की कला अब पूरी दुनिया में बेशक ढलान पर है, लेकिन स्पेन को जादू की दुनिया की राजधानी बनाने वाले इस युग के महानतम जादूगर 81 साल के जुआन तमारिज के दिमाग में झांककर देखें, तो पता चलता है कि जादू को जादू बनाकर पेश करना और दर्शकों को यह भरोसा दिला देना कि चमत्कार संभव हैं, वाकई एक विशुद्ध कला है।

दुनिया के मशहूर जादूगर जुआन तमारिज, भले 81 वर्ष के हो चुके हों, मैड्रिड में उनके साथ डिनर के लिए बाहर जाना, ऐसा है मानो आप असल जिंदगी में किसी कार्टून चरित्र के साथ घूम रहे हों। तमारिज 52 वर्षों से एक पेशेवर जादूगर हैं और उनके अपने देश और बाकी दुनिया में भी उन्हें जादू की दुनिया का बेताज बादशाह माना जाता है। डेविड ब्लेन जैसे जादूगरों की वर्तमान पीढ़ी समेत दुनिया भर के जादूगर उन्हें ‘उस्ताद’ कहते हैं। स्पेन में तो उन्हें वाकई आइकन का दर्जा मिला हुआ है।

धूम्रपान कर रहे कुछ युवाओं का समूह उन्हें देखते ही फुसफुसाया, ‘तमारिज?’ उन्हें अपनी आंखों पर भरोसा नहीं हो रहा था। एक दूसरी लड़की उन्हें इतनी खुशी से मुड़-मुड़कर देख रही थी, जो मुझे तो अपनी निजता के उल्लंघन जैसा लग रहा था। लेकिन तमारिज इसके आदी हो चुके हैं। जब वह किसी रेस्तरां में जाते हैं, तो ज्यादातर लोग उनसे वही घिसा-पिटा मजाक करते हैं, ‘मेरी पत्नी को गायब कर दो’, लेकिन तमारिज हर बार इस पर ऐसी प्रतिक्रिया देते हैं, मानो वह पहली बार यह मजाक सुन रहे हों। मैंने हाल ही में एक होटल में तमारिज का एक शो देखा, जिसमें चालीस के करीब दर्शक थे। उन्होंने ताश की गड्डी निकाली और दर्शकों में से चार लोगों को बुलाया। उनमें से एक ने गड्डी फेंटी, दूसरे ने काटी और फिर चारों ने एक-एक पत्ता ले लिया। तमारिज ने बगैर पत्तों को हाथ लगाए, चारों के पत्ते बता दिए। जब उन्होंने ऐसा किया, तो दर्शकों के चेहरे के भाव ऐसे थे, जिसे बयां नहीं किया जा सकता। मानो उन्होंने कोई चमत्कार होते देख लिया हो।

अमेरिका में 20वीं सदी के उत्तरार्ध में जादू की दुनिया के सबसे महान कलाकारों में डॉग हैनिंग, डेविड कॉपरफील्ड, सिग्फ्रायड व रॉय थे। ये सही मायनों में वे जादूगर थे, जो किसी की पत्नी को वाकई गायब कर सकते थे। लेकिन तमारिज कुछ अलग हैं। चकाचौंध वाली लाइटों या उपकरणों पर निर्भर रहने के बजाय वह दर्शकों के ध्यान के साथ खेलते हैं। उन्होंने जादू की दुनिया को ‘क्लोज-अप’ नामक शैली से परिचित कराया, जिसमें सामान्य वस्तुओं के साथ जादू किया जाता है। स्पेनिश टेलीविजन पर लगातार बीस साल तक जादू दिखाने के बाद वह लगभग सेवानिवृत्त हो चुके हैं। लेकिन जब वह अमेरिका पहुंचे, तो वहां उन्हें विश्व के महानतम जादूगर के रूप में ख्याति मिली। आदर्श जादूगर की पोशाक पहने वाली छवि के विपरीत वह सामान्य कपड़ों में बस कुर्सी पर बैठ जाते हैं और फिर उनकी ताश की गड्डी ही सारे कमाल दिखाती है। उनके हाथों की तेजी और आवाज में आने वाले उतार-चढ़ाव लोगों को रोमांचित कर देते हैं।

कभी डेविड ब्लेन के सलाहकार रहे जादूगर एएसआई विंड कहते हैं, ‘मुझे लगता है कि जुआन की प्रतिभा को देखने के लिए आपको खुद प्रयास करना होगा। यह भोजन की तरह है। आप उसे ब्रॉशर या वीडियो में देख सकते हैं, लेकिन यह है क्या, यह समझने के लिए आपको उसका स्वाद लेना पड़ेगा।’ स्पेन के लोगों में उनकी प्रसिद्धि की वजह उनका टेलीविजन शो था। लेकिन जादूगरों में भी वह खासे मशहूर उन निजी प्रदर्शनों के लिए थे, जो वह अपने होटल की लॉबी में आधी रात को करते थे। वह समां बांध देते थे। मैं खुद भी जादूगर रहा हूं। जब मैं तेरह साल का था, तब तमारिज के साथ एक शाम बिताने के बाद मैंने अपने अपार्टमेंट में उनसे कुछ दिखाने के लिए कहा, जिसके लिए उन्होंने मना कर दिया।

उनका कहना था कि जादू कभी एक आदमी के सामने नहीं दिखाया जाता। लोग होने चाहिए, जिनके साथ संवाद किया जा सके। उन्होंने मुझे बताया कि जादू दरअसल, हाथ की सफाई है, जिसमें आप यह तय करते हैं कि दर्शक क्या देखें, और क्या न देखें। तमारिज का जादू देखने का मुझे फिर एक मौका जल्द ही मिला। हम सभी के हाथ में ताश की गड्डी थी। तमारिज ने अपना खेल शुरू कर दिया था। मैं उनकी आवाज को रिकॉर्ड करना चाहता था। लेकिन तमारिज माहिर थे कि कैसे अपने सम्मोहित करने वाले शब्दों से सामने वाले को कुछ देर के लिए सब कुछ भुला दिया जाए। मैं रिकॉर्डिंग की बात ही भूल गया। मनोविज्ञान कहता है कि शॉर्ट टर्म मेमोरी 15 से 30 सेकंड की होती है। उसके बाद या तो यह लॉन्ग टर्म मेमोरी में बदल जाती है, या फिर खो जाती है। आप अपनी चाबी को कहीं रखकर एकदम से भूल जाते हैं, उसकी वजह यही है कि वह आपकी लॉन्ग टर्म मेमोरी में तब्दील नहीं हो पाई। हमारी याद्दाश्त कुछ ऐसी है, मानो हम खुद को ही कॉल कर रहे हों। जादू बस इन्हीं कुछ क्षणों का खेल है।

टेलीविजन पर डेविड ब्लेन का स्ट्रीट मैजिक काफी लोकप्रिय रहा, जिसमें वह सड़क पर चलते हुए लोगों को मजेदार अंदाज में जादू दिखाते हैं। यह वही शैली है, जिसकी शुरुआत तमारिज ने स्पेन के टेलीविजन शो में की थी। आज ये जादू सोशल मीडिया की रील्स में दिखते हैं। जादू को अक्सर ललित कलाओं में जगह नहीं मिलती। लेकिन बैंगनी रंग की टोपी पहने तमारिज की कला सांस्कृतिक आलोचकों को परेशान कर सकती है, देखने वालों को नहीं। तमारिज ने जादू की दुनिया में जो किया, उसका प्रमाण है कि दुनिया की हर जादू की दुकान पर उनका काम जरूर दिखेगा। उनका जादू इस धारणा पर आधारित है कि लोगों को वह अनुभव कैसे कराया जाए, जो हो ही नहीं सकता था। तमारिज के जादू में ताश की गड्डी तो एक जरिया है, दर्शकों की भावनाओं को परखने का, जिन्हें हमेशा यही लगता था कि तमारिज किसी भी क्षण हवा में उड़ने की ताकत रखते हैं।

तमारिज कहते हैं कि उन्होंने इतिहासकार मिर्सिया एलियाडे से काफी कुछ सीखा, जिन्होंने अपनी पुस्तक मेफिस्टोफिल्स एंड द एंड्रोगाइन में इंडियन रोप ट्रिक का उल्लेख किया था। इस ट्रिक में एक रस्सी अपने आप आकाश में उठती है, जब तक कि दूर का छोर दृश्य से गायब नहीं हो जाता। उस रस्सी पर एक लड़का चढ़ता है, और वह भी दृश्य से गायब हो जाता है। अब यह जादू था या नहीं, इसका कोई प्रमाण नहीं है। लेकिन एक प्राचीन मिथक की तरह यह ट्रिक यह इशारा जरूर करती है कि ब्रह्मांड में कुछ रहस्य जादू की तरह मौजूद हो सकते हैं।

तमारिज के जादू के अनुभव का सबसे विस्तृत विवरण उनकी पुस्तक ला विया मैजिका से मिलता है, जिसे ‘द थ्योरी ऑफ फाल्स सॉल्यूशंस एंड द मैजिक वे’ कहा जाता है। तमारिज का तर्क है कि यह जादू के मूल सिद्धांत थे, जिन्होंने फिल्म की कला को संभव बनाया; आखिरकार, एक फिल्म क्या है सिवाय एक भ्रम के जो एक कहानी कहती है?

रात के खाने का समय हो रहा था और हम निकलने की तैयारी कर रहे थे। तभी तमारिज ने ताश की गड्डी उठाई और मुझसे उसे काटने को कहा। फिर उनके कहने पर मैंने एक पत्ता निकाला। मैंने उन्हें बताया नहीं कि ये क्या था। मैंने पत्ता गड्डी में यूं ही रख दिया और पूरी गड्डी को कई बार फेंट दिया। उन्होंने गड्डी अपने हाथ में ली और एक झटके में उसे दूसरी ओर फेंका। सारे पत्ते इधर-उधर बिखरे थे, बस एक पत्ता उनके हाथ में रह गया। वह वही था। मैंने चिल्ला कर कहा, ये नहीं हो सकता। तमारिज मुस्करा रहे थे। वह खुद एक चलते-फिरते जादू हैं। मैड्रिड की उस रात, उस जगह पर, उस पल जो हुआ, उसका कुछ तो रहस्य रहा होगा। लेकिन मैं उसे जानना नहीं चाहता। क्योंकि अगर रहस्य जान लिया, तो उस अनुभव की याद खत्म हो जाएगी। मैंने चमत्कार होते देखा था। वह जादू में जादू था।

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