मेरठ में 15 अगस्त को जिला कारागार मेरठ मे 78वां स्वतंत्रता दिवस मनाया गया। इस अवसर पर कारागार में ध्वजारोहण किया गया। कारागार में जेल प्रहरियों को सम्मानित भी किया गया। कारागार के प्रांगण में स्कूल के बच्चो ने सांस्कृतिक कार्यक्रम किये साथ ही कैदियों ने भी 15 अगस्त के मौके पर देशभक्ति गीतों ओर डांस किया और अपनी आजादी को लेकर कविताएं भी पड़ी।
पयामे इंसानियत द्वारा जिला कारागार जेलर डॉ विनेश राज शर्मा को शॉल पहना कर सम्मानित किया वही डिप्टी जेलर समेत कैदियों को भी उनके अच्छे कामो को लेकर सम्मानित किया गया। इस बार जेल से 15 अगस्त के मौके पर 7 कैदियों को रिहा कराया गया है जिसमे 6 पुरुष और एक महिला है।
78वां स्वतंत्रता दिवस के मौके पर आज मेरठ के जिला कारागार में 15 अगस्त बड़े धूमधाम के साथ मनाया गया इस अवसर पर जिला कारागार जेलर डॉ विनेश राज शर्मा द्वारा ध्वजारोहण कर तिरंगे को सलामी दी गई। ओर राष्ट्रीय गान गाया गया इस अवसर पर जिला कारागार में उपस्थिर 2 हजार से अधिक महिला और पुरूष कैदियों ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर शामिल हुए।
कार्यक्रम की शुरुआत कारगार में आये स्कूली बच्चो ने एक से बढ़कर एक प्रस्तुति दी और देश भक्ति गीतों पर जमकर डांस किया तो स्कूल के बच्चो ने अपनी कविताओं के माध्यम से देश प्रेम की भावनाओ पर प्रकाश डाला जेल में कैदियों ने भी अपनी प्रतिभा दिखाई और देशभक्ति गानों पर जमकर थिरके वही समाजवादी पार्टी में मंत्री रहे इसरार सैफी ने कलाकारों को अच्छी प्रस्तुति के लिए इनाम दिया और सम्मति भी किया। जिला कारागार के अंदर महिलाओ को उनके अच्छे कार्यो को देखते हुए ट्रेक सूट की किट बाटी गई। तो वही देसी घी से बने लड्डू ओर गर्मा गर्म भाजी भी कैदियों को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर परोसी गई।
जिला कारागार जेलर ने कहा कि जिला कारागार मेरठ पश्चिमी उत्तर प्रदेश की सव्वेदनशील जेलों में से एक है। आज जेल के अंदर स्वतंत्रता दिवस बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। जिन बंदियों ने पिछले समय मे कम्प्यूटर सीखा उन बंदियों को प्रमाण पत्र दिये गये। यही नही बंदियों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम में हिस्सा लिया। बंदियों ने गाने भी गुनगुनाये तथा बंदियों के मनोरंजन के लिए समाज सेवियों ने बढ़ चढ़ कर भाग लिया वही मेरठ के कुछ स्कूलों के बच्चो ने आकर कार्यक्रम प्रस्तुत किये।
जेलर ने कहा कि जिस तरह कैदियों ने जेल में रहकर अपनी शिक्षा पूरी की है कम्प्यूटर सीखा है। ऐसे ही ओर कैदियों के लिए हमारा प्रयास है कि जिन कैदियों को कुछ नही आता है उनको खेती या अन्य कामो में इसकी रुचि है उसको सिखाया जाये। जेलर ने बताया कि हमारे यहां कपड़ा फैक्टरी का भी काम सिखाया जाता है। जेल के अंदर फुटबॉल मेकिंग होती है। जिसमे जेल के अंदर पुरुष बंदीयो के साथ साथ महिला बंदी भी फुटबॉल बना रही है। जेलर ने बताया कि मेरठ जिला कारागार से 100 बंदियों ने अभी तक सैलून का काम सिख कर सजा पूरी होने के बाद बाहर अपनी सैलून की दुकान चला रहे है। जेल के अंदर कम्प्यूटर से लेकर सैलून कपड़ा और अन्य कामो को सीखने की ट्रेनिंग दी जाती है।
जेलर ने बताया कि पयामे इन्सानित द्वारा जो संस्था बंदियों को रिहा कराती है इस बार मेरठ के जिला कारागार से 7 बंदियों को रिहा कराया गया है जिनका जुर्माना पयामे इंसानियत ने जमा कराया है इसमें 6 पुरूष ओर एक महिला है जिनका समय होने पर जेल से रिहा कर दिया जायेगा।