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मेरठ दौराला की रहने वाली नेहा तीसरी बार मां बनी हैं। इस बार उन्होंने एक दो नहीं बल्कि एक साथ तीन बेटो को जन्म दिया है। नेहा दौराला के पाबला खास गांव की रहने वाली है उनके पति मजदूरी करते हैं ।
गर्भधारण के बाद से डिलीवरी तक नेहा स्वास्थ्यकर्मियों के सम्पर्क में रही और जब उनकी डिलीवरी का समय नजदीक आया तो परिजनों ने उन्हें नजदीक के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया । जहां नेहा ने एक साथ जुड़वां तीन बेटो को बीते दिनों 30 मई जन्म दिया।
नेहा ने बताया कि डॉक्टरों को उसका सिजेरियन करना पड़ा। उनका कहना है कि तीन नन्हे मेहमानों के जीवन में एक साथ आने से परिवार में सभी खुश हैं।
नेहा बतलाती है कि दो लडकियां होने पर चिढ़ाती थीं पड़ोस की महिलाएं…
नेहा ने बताया कि उनकी पहले दो बेटियां थीं। जब आसपास के लोगों को ये मालूम चला कि वह गर्भ से हैं तो उनकी पड़ोस की कुछ महिलाएं उन्हें ये कहकर चिढ़ाती थीं कि उसे तीसरी भी लड़की ही होगी।
हालांकि नेहा ने कहा कि उन्हें और उनके पति विपिन को इस बात से कोई फ़र्ख नहीं पड़ता था कि उनकी दो बेटियां हैं। वह कहती हैं कि उनके ससुराल में भी किसी के लिए ये बात मायने नहीं रखती।
SNCU वार्ड में नर्सरी में सुरक्षित हैं तीनों बच्चे..
नेहा ने बताया कि तीनों बच्चों में वजन कम था, वहीं उनमें से एक बच्चे को डिलीवरी के बाद कुछ समस्या हुई थी, जिसके लिए दौराला की सीएचसी से उन्हें जिला अस्पताल में रैफर किया गया था।
नसबंदी फॉर्म भर दिया है नेहा और विपिन ने..
नेहा ने बताया कि उन्होंने और उनके पति विपिन ने नसबंदी के लिए भी अब फॉर्म भर दिया है। उन्होंने बताया कि बेटे बेटी में हमने कभी फ़र्ख नहीं समझा।
तीनों बच्चों का डिलीवरी करने वाले डॉक्टर ने अस्पताल में ही कर दिया नामकरण…
नेहा ने बताया कि तीनों बच्चों का नामकरण भी डॉक्टर से ने डिलीवरी के बाद अस्पताल में ही कर दिया। उन्होंने बताया कि एक का नाम अंश ,दूसरे का नाम वंश और तीसरे शिशु का नाम वंशु रख दिया है।
मेरठ महिला जिला अस्पताल कर SNCU वार्ड में बतौर नर्सिंग ऑफिसर तैनात शालिनी ने बताया कि तीनों जुड़वां बवचों में से जो सबसे छोटा है वह मां का दूध नहीं पी पा रहा था ,कुछ और भी समस्या थी ,लेकिन अब काफी सुधार है और जल्द ही तीनों बच्चों की छुट्टी भी कर दी जाएगी। वह कहती हैं कि जच्चा और बच्चा चारों स्वस्थ हैं।