मेरठ के थानां टीपीनगर में रह रहे पुलिस के सिपाही ओर उसके परिवार पर दबंग टीचर ने धारदार हथियारों से हमला कर दिया। ओर सिपाही के सर में लोहे की रोड मारकर बुरी तरह घायल कर दिया। इसकी शिकायत जब सिपाही ने थाना टीपीनगर को दी तो पुलिस ने भी हाथ खड़े कर दिये ओर सिपाही की एक ना सुनी और ना ही सिपाही की रिपोर्ट दर्ज की गई। जिसके बाद घायल सिपाही ओर उसका परिवार ने उपचार कराया और एसएसपी की शरण ली और न्याय की गुहार लगाई है।
पीड़ित की पत्नी का कहना है कि उसने स्कूल की प्रधानाचार्या ओर वेन ड्राइवर, ओर स्कूल के मास्टर ने बच्चो की फीस के नाम पर एक लाख रुपये लिये ओर स्कूल में 20 हजार रुपये चढ़ाये गये उसके बाद भी बच्चो को रोज परेशान कर उनको स्कूल से भगा दिया जाता है। जब इसका पता चला तो बच्चो के माता पिता ने इसका विरोध किया जिसपर स्कूल के लोगो ने उसके पति और उसके परिवार पर जान से मारने की नीयत से हमला किया। ओर सीढ़ियों से घसीटते हुए नीचे ले गये। ओर महिला के पति पर धारदार हथियारों से हमला कर दिया। यही नही महिला के पति के सर पर लोहे की रॉड मारी गई जिससे उसका पति बुरी तरह घायल हो कर बेहोश हो गया।
महिला का पति पुलिस में कॉन्स्टेबल के पद पर पुलिस लाइन में तैनात है उसके बावजूद जब पीड़ित परिवार थाना टीपी नगर पहुँचा ओर अपनी शिकायत लिखित में सोपी तो थानां टीपीनगर प्राथना पत्र लेकर रख लिया लेकिन कोई कार्यवाही नही की वही घायल परिवार ने अपना उपचार कराया और थानां टीपीनगर से न्याय की गुहार लगाई लेकिन खाकी ने खाकी की एक ना सुनी और उसको घर जाने का आश्वासन दिया।
पुलिस कॉन्स्टेबल का पीड़ित न्याय मांगने के लिये एसएसपी कार्यालय पहुँचा ओर गुहार लगाई और दबंगो की गिरफ्तारी के लिये अपना प्राथना पत्र भी दिया जिसके बाद थानां टीपीनगर पुलिस को उचित कार्यवाही करने के आदेश दिये गए और पीड़ित परिवार को कार्यवाही होने का आश्वासन पुलिस द्वारा दिया गया है।
लेकिन सवाल यही है कि जब पुलिस अपने सिपाही को इंसाफ नही दिला सकती है तो लाखों लोग जो पुलिस की सुरक्षा में खुद को सुरक्षित मानकर बैठे है उनका क्या होगा। या थानां टीपीनगर को सख्त आदेश जारी हो कि तत्काल प्रभाव से कार्यवाही कर पुलिस कॉन्स्टेबल के परिवार को इंसाफ दिलाया जाए और मारपीट के आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जाये।