सीएमओ दफ्तर पर भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं ने बोरिया बिस्तर डाल कर अपना डेरा जमा लिया है। यही नही किसानों ने सीएमओ दफ्तर के बाहर भट्टी लगा कर खाना भी बनाना शुरू कर दिया है। ओर सीएमओ के खिलाफ कार्यवाही ना करने का आरोप भी लगाया है।
हस्तिनापुर के हथौड़ा खुर्द निवासी संदीप सिंह का आरोप है कि 22 जून को उसकी 28 वर्षीय पत्नी नवनीत कोर को दिखाने के लिये मवाना के जेके हॉस्पिटल में चेकप कराने के लिए लेकर गया था। महिला गर्भवती थी जिसका चेकप हॉस्पिटल में किया जाना था। डॉक्टरों ने महिला का चेकप कर तुरंत सीजर करने की बात करते हुए। भर्ती किया और आरोप है कि महिला को खून की कमी बताते हुए एक घण्टे के अंदर उसकी पत्नी को 6 खून की बोतल चढ़ा दी जिसकी वजह से उसकी हालत बिगड़ने लगी और हॉस्पिटल के स्थाफ ओर डॉक्टर राहुल मित्तल,नर्सिंग ममता ने मेरठ के लिये रेफर कर करने को बोल दिया। जिसके बाद जब संदीप पत्नी नवनीत कोर को मेरठ लेकर एक निजी हॉस्पिटल पहुँचा तो हॉस्पिटल में डॉक्टरों ने बताया कि महिला की घण्टो पहले मौत हो चुकी है।
इसके बाद जब पीड़ित संदीप सिंह ने इसके बारे में जेके हॉस्पिटल के डॉक्टरों से बातचीत की तो जेके हॉस्पिटल में संदीप सिंह से अभद्रता की गई और जान की धमकी देते हुए वहां से भगा दिया गया। जिसके बाद पीड़ित भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकारियों के साथ थाने पहुँचा ओर डॉक्टरों के खिलाफ तहरीर देकर मुकदमा दर्ज कराया गया। वही थाना प्रभारी संतोष कुमार ने भी कार्यवाही का आश्वासन दिया और सीएमओ दफ्तर से जांच की रिपोर्ट लेने की बात कही।
भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकारियों ने सीएमओ दफ्तर पहुच कर हॉस्पिटल के खिलाफ कार्यवाही करने और हॉस्पिटल की ओटी सील करने की मांग की जिसके चलते काफी बहस भी हुई। बहस के बाद सीएमओ अखिलेश मोहन ने एक टीम गठित कर आज सुबह तक हॉस्पिटल की ओटी सील करने का आश्वासन दिया।
लेकिन हॉस्पिटल में कोई कार्यवाही ना होता देख भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकारियों पीड़ित संदीप सिंह और उनके परिवार ने सीएमओ दफ्तर में डेरा डाल लिया और बोरिया बिस्तर डाल कर घेराव कर लिया यही नही भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं ने सीएमओ दफ्तर के बाहर भट्टी लगा कर खाना बनाना भी शुरू कर दिया ही।
पीड़ित संदीप सिंह का आरोप है कि जेके हॉस्पिटल समझौते की बात कर दबाव बना रहा है कि तहरीर वापस ले। लेकिन संदीप सिंह का कहना है जो मेरी पत्नी के साथ हुआ है वो किसी के परिवार के सदस्य के साथ ना हो इसके लिये वो अपनी लड़ाई लड़ते रहेगे ओर जब तक हॉस्पिटल पर सील नही लगती तब तक भारतीय किसान यूनियन के लोग इकट्ठा होकर यही धरना देकर बैठे रहेंगे।