कनोहर लाल स्नातकोत्तर महिला महाविद्यालय में अनुसंधान विकास प्रकोष्ठ एवं शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के तत्वाधान में एक दिवसीय वर्कशॉप , विषय- ” Promoting Research through NEP- 2020: Fundamentals of Research Project and Research Proposal” आयोजित किया गया, जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में प्रो . संजीव कुमार शर्मा, विभागाध्यक्ष, राजनीति विज्ञान विभाग, चौधरी चरण सिंह विवि मेरठ, पूर्व कुलपति महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय, बिहार उपस्थित रहे तथा मुख्य वक्ता डॉ. प्रज्ञान चौधरी, विभागाध्यक्ष, इतिहास विभाग, दिगंबर जैन पी.जी. कॉलेज, बड़ौत, एवं प्रोफेसर मंजू खोकर, मनोविज्ञान विभाग, मेरठ कॉलेज, मेरठ, उपस्थित रहे।
कार्यक्रम की शुरुआत मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलित करके एवं अतिथियों को पौधा भेंट करके कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ. अलका चौधरी ने अपने स्वागत संबोधन में नई शिक्षा नीति के उद्देश्य एवं लक्ष्यों पर चर्चा करते हुए कहा कि किसी भी महाविद्यालय अथवा राष्ट्र की प्रगति तथा सर्वांगीण विकास में अनुसंधान की अग्रणी भूमिका है। यह वर्कशॉप उसका ही एक प्रयास है जिसके माध्यम से राष्ट्र के विकास में योगदान दिया जा सकता है। क्रमशः महाविद्यालय की शोध पत्रिका ‘जनक’ जिसमें महाविद्यालय की प्रवक्ताओं तथा अन्य दूरस्थ महाविद्यालयों के विद्वजनों एवं शोधार्थियों का शोध प्रकाशित हुआ है, का अतिथियों द्वारा वितरण किया गया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रो. संजीव कुमार शर्मा जी ने छात्राओं में आत्मविश्वास का संचार करने के लिए उनको प्रोत्साहित करते हुए कहा कि विपरीत परिस्थितियों में भी खुश रहने का प्रयास करिये, अपने समकक्ष तथा अधीनस्थ वर्गों की प्रशंसा करिए जिससे उनमें और उत्कृष्ट कार्य करने की प्रेरणा जागृत होगी। उन्होंने कहा कि अलग-अलग शैक्षिक संस्थानों एवं राज्यों में भ्रमण करिए जिससे ज्ञान का विस्तार हो सके तथा नई संभावनाओं के विषय में अवगत हो सकें।
तत्पश्चात अनुसंधान विकास प्रकोष्ठ की समन्वयक प्रोफेसर पूनम सिंह ने मुख्य अतिथि जी को धन्यवाद ज्ञापित किया।
प्रथम तकनीकी सत्र रिसर्च प्रोजेक्ट : प्रमुख घटक एवं विधियां विषय पर आधारित रहा। प्रथम सत्र के मुख्य अतिथि वक्ता डॉ. प्रज्ञान चौधरी, विभागाध्यक्ष, इतिहास विभाग, दिगंबर जैन पी.जी. कॉलेज, बड़ौत, रहे। प्रथम तकनीकी सत्र शोध की अवधारणा व आवश्यकता तथा शोध के विभिन्न चरणों पर आधारित रहा।
द्वितीय तकनीकी सत्र में मुख्य अतिथि वक्ता प्रोफेसर मंजू, खोकर , डिपार्टमेंट ऑफ़ साइकोलॉजी, मेरठ कॉलेज, मेरठ, ने रिसर्च प्रपोजल: संरचना और दिशा निर्देश विषय पर अपना बहुमूल्य ज्ञान समस्त छात्रों के साथ साझा किया। कार्यशाला में 450 से अधिक छात्राएं शोधार्थी एवं शिक्षक-शिक्षिकाएं उपस्थित रहे।
कार्यक्रम के अंत में अनुसंधान विकास प्रकोष्ठ की सह – समन्वयक डॉ. प्रीति सिंह द्वारा वर्कशॉप की आख्या प्रस्तुत करते हुए महाविद्यालय के प्रत्येक सदस्य को वर्कशॉप के सफल आयोजन में अपना महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया गया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रो. संजीव कुमार शर्मा जी ने छात्राओं में आत्मविश्वास का संचार करने के लिए उनको प्रोत्साहित करते हुए कहा कि विपरीत परिस्थितियों में भी खुश रहने का प्रयास करिये, अपने समकक्ष तथा अधीनस्थ वर्गों की प्रशंसा करिए जिससे उनमें और उत्कृष्ट कार्य करने की प्रेरणा जागृत होगी। उन्होंने कहा कि अलग-अलग शैक्षिक संस्थानों एवं राज्यों में भ्रमण करिए जिससे ज्ञान का विस्तार हो सके तथा नई संभावनाओं के विषय में अवगत हो सकें।
तत्पश्चात अनुसंधान विकास प्रकोष्ठ की समन्वयक प्रोफेसर पूनम सिंह ने मुख्य अतिथि जी को धन्यवाद ज्ञापित किया।
प्रथम तकनीकी सत्र रिसर्च प्रोजेक्ट : प्रमुख घटक एवं विधियां विषय पर आधारित रहा। प्रथम सत्र के मुख्य अतिथि वक्ता डॉ. प्रज्ञान चौधरी, विभागाध्यक्ष, इतिहास विभाग, दिगंबर जैन पी.जी. कॉलेज, बड़ौत, रहे। प्रथम तकनीकी सत्र शोध की अवधारणा व आवश्यकता तथा शोध के विभिन्न चरणों पर आधारित रहा।
द्वितीय तकनीकी सत्र में मुख्य अतिथि वक्ता प्रोफेसर मंजू, खोकर , डिपार्टमेंट ऑफ़ साइकोलॉजी, मेरठ कॉलेज, मेरठ, ने रिसर्च प्रपोजल: संरचना और दिशा निर्देश विषय पर अपना बहुमूल्य ज्ञान समस्त छात्रों के साथ साझा किया। कार्यशाला में 450 से अधिक छात्राएं शोधार्थी एवं शिक्षक-शिक्षिकाएं उपस्थित रहे।
कार्यक्रम के अंत में अनुसंधान विकास प्रकोष्ठ की सह – समन्वयक डॉ. प्रीति सिंह द्वारा वर्कशॉप की आख्या प्रस्तुत करते हुए महाविद्यालय के प्रत्येक सदस्य को वर्कशॉप के सफल आयोजन में अपना महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया गया।