मेरठ। अब बिजली की चोरी करने वालों की खैर नहीं है। अब विद्युत वितरण निगम लि. ने वेस्ट यूपी के उन ढाई लाख विद्युत उपभोक्ताओं जिनके कनेक्शन पांच से नौ किलो वाट के है। उनकी अब एमआरआई से विभाग की ओर से की जाएगी। मेरठ की करीब 32 हजार ऐसे उपभोक्ता है। जिनके कनेक्शन पांच से नौ किलोवाट के है। विभाग से इस कदम से एक तो राजस्व में बढ़ोत्तरी हो ही साथ ही बिजली की चोरी करने वालों पर लगाम कसेगी।
बता दें पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम के वेस्ट यूपी में सत्तर लाख विद्युत उपभोक्ता है। जब कि इसमें से 2.5 ऐसे उपभोक्ता है। जिनके पांच से नौ किलोवाट के कनेक्शन है। इसमें ऐसे मेरठ जिले के 32 हजार ऐसे उपभोक्ता है जिनके पांच से नौ किलो वाट के कनेक्शन है। अभी तक मीटर रीडर मीटर को चैक करने के लिए जाता था। वह मशीन से बिल निकाल कर उपभोक्ता को दे देता था। विभाग के पास काफी ऐसी शिकायतें आ रही थी। जिसमें बिजली की चोरी होने से विभाग के राजस्व को नुकसान हो रहा था। इसकी काट के लिए विभाग ने एमआरआई थ्योरी को अपनाया है। जिसके माध्यम से मीटर रीडिंग इंस्ट्रूमेंट के जरिए पारदर्शिता आएगी। कुल मिलाकर मीटर की एक साल की पूरी स्कैनिंग कर पूरी जांच की जा सकेगी। मीटर में किसी प्रकार की छोटी या बड़ी छेड़छाड़ कभी की गयी तो एमआरआई में सामने आ जाएगी।
चीफ इंजीनियर धीरज सिन्हा ने बताया कि पूरे पश्चिमांचल में यह अभियान आरंभ कर दिया गया है। इसके कंपनी को हायर किया गया है। जो मीटर की एमआरआई करेंगी। उन्होंने बताया भविष्य में यह अभियान दो से चार किलो वाट वाले विद्युत उपभोक्ताओं पर चलाया जाएगा।