दिल्ली- एनसीआर
लिंग की परवाह किए बिना सहमत वयस्कों को अपने साथी चुनने की अनुमति दी जानी चाहिए!” – अमर सिंह

लिंग की परवाह किए बिना सहमत वयस्कों को अपने साथी चुनने की अनुमति दी जानी चाहिए!” – अमर सिंह
नई दिल्ली। एक मजबूत सांस्कृतिक और शाही वंश से आने वाले, एक उद्यमी और भारत के कपूरथला शाही परिवार के सदस्य, अमर सिंह वर्षों से भारत के LGBTQ आंदोलन के संचालक रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट की नवीनतम टिप्पणी पर अपने विचार साझा करते हुए वे कहते हैं कि “377 आदेश का तात्पर्य है कि समलैंगिक जोड़े विवाह जैसी यूनियन बना सकते हैं”, अमर सिंह कहते हैं, “सहमति देने वाले वयस्कों को लिंग की परवाह किए बिना अपना साथी चुनने की अनुमति दी जानी चाहिए। प्यार के रास्ते में कुछ भी नहीं आना चाहिए और मुझे उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट इसे स्वीकार करेगी और भारत की एलजीबीटी+ आबादी को वह सम्मान प्रदान करेगी जिसके वे हकदार हैं।
रिपोर्टों के अनुसार, 2018 में समलैंगिकता को लीगल बनाकर, सर्वोच्च न्यायालय ने न केवल समलैंगिक जोड़ों के बीच सहमति से यौन संबंधों की पुष्टि की, बल्कि यह भी माना कि समान-लिंग वाले जोड़े एक स्थिर, “शादी-समान” रिश्ते में रह सकते हैं, इसे ध्यान में रखते हुए अदालत भारत में समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने की मांगों के आलोक में विवाह की उभरती धारणा को फिर से परिभाषित करने पर विचार करेगी।
एलजीबीटी और महिलाओं के अधिकारों के प्रबल समर्थक अमर ने दुनिया भर में महिलाओं और एलजीबीटीक्यू लोगों के अधिकारों के लिए लड़ने के अपने मिशन का समर्थन करने के लिए अपने संसाधनों का आह्वान किया है। इस परोपकारी कार्य को आगे बढ़ाते हुए, उन्होंने 2025 तक दुनिया भर के संग्रहालयों को महिलाओं और एलजीबीटीक्यू कलाकारों द्वारा $5 मिलियन मूल्य की कला देने का भी वादा किया, और कला के इस मूल्य को दो साल से कम समय में पहले ही दान कर चुके हैं।
किसी परोपकारी कार्य के लिए लड़ना और मानवता की सेवा करना अमर के खून में दौड़ता है क्योंकि उनकी पूर्वज राजकुमारी अमृत कौर स्वतंत्रता की लड़ाई के दौरान भारत में एक नारीवादी नेता थीं और उनकी दादी ने पंडित जवाहरलाल नेहरू की तरह महिलाओं की शिक्षा का समर्थन किया।
अमर का मानना है कि हालांकि यौन रूपांतरण थेरेपी हर जगह मौजूद है और अधिकांश देशों में कानूनी है, फिर भी बहुत कुछ किया जाना बाकी है।
दिल्ली- एनसीआर
दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस वे पर केमिकल से भरे ट्रक में लगी आग

मेरठ। दिल्ली—मेरठ एक्सप्रेस वे पर काशी टोल प्लाजा के पास शुक्रवार को तड़के केमिकल से लदे ट्रक में भीषण आग लग गई। ट्रक में लाखों रुपए का केमिकल भरा हुआ था। आग लगने से केमिकल से लदा ट्रक धू-धू कर जलकर राख हो गया। जब तक मौके पर फायर बिग्रेड की गाड़ी पहुंचती ट्रक पूरी तरह से जल चुका था।
माना जा रहा है कि ट्रक के अंदर लदे केमिकल के साइलेंसर पर गिरने से आग की घटना हुई है। बताया जा रहा है कि ट्रक केमिकल लादकर सिलगुढी की ओर जा रहा था।घटना सुबह 6 बजे के आसपास की बताई जा रही है। केमिकल से लदा ट्रक जब काशी टोल प्लाजा के पास पहुंचा तो ट्रक के अगले हिस्से से आग की लपटें उठने लगीं। ट्रक चालक ने ट्रक रोक लिया। ट्रक में आग लगी देखकर चालक और क्लीनर कूद गए और दूर खड़े हो गए। मामले की सूचना ट्रक चालक ने मालिक को दी।एक्सप्रेस वे पर ट्रक में आग लगती देख वाहन चालकों ने अपने वाहन दूर ही रोक दिए। किसी प्रकार का कोई बड़ा हादसा ना हो इसकी जानकारी कुछ वाहन चालकों ने 112 नंबर पर पुलिस को दी। थोड़ी देर में एक्सप्रेस वे पर गश्त करती पुलिस पहुंची और आग लगे ट्रक को किसी तरह से एक्सप्रेस वे पर एक तरफ करवाया।
दिल्ली- एनसीआर
Delhi मेट्रो एलाइनमेंट के ऊपर से आरआरटीएस कॉरिडोर का वायाडक्ट दिल्ली में तैयार

दिल्ली मेट्रो एलाइनमेंट के ऊपर से आरआरटीएस कॉरिडोर का वायाडक्ट दिल्ली में तैयार।
न्यू अशोक नगर मेट्रो स्टेशन के पास मेट्रो के ऊपर से गुज़रेगी रैपिडएक्स ट्रेन।
दिल्ली को प्रदूषण और भीड़ भाड़ से बचाने के लिए बनाई जा रही दिल्ली-गाज़ियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर ने दिल्ली में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। इसके अंतर्गत दिल्ली मेट्रो के ब्लू लाइन के ऊपर से आरआरटीएस कॉरिडोर का वायाडक्ट सफलतापूर्वक तैयार कर लिया गया है।
आरआरटीएस कॉरिडोर का यह वायाडक्ट न्यू अशोक नगर मेट्रो स्टेशन के पास लगभग 20 मीटर की ऊंचाई पर दिल्ली मेट्रो के कॉरिडोर को पार कर रहा है। इतनी ऊँचाई पर पहले से स्थित एवं परिचालित मेट्रो ट्रैक के ऊपर से सफ़लतापूर्वक निर्माण कार्य करना इंजीनियरिंग की दृष्टि से एक बड़ी उपलब्धि है।
मेट्रो से सफ़र करने वाले यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए इस हिस्से के वायाडक्ट का अधिकतम निर्माण कार्य रात्रि के समय किया गया। यहाँ काम करना चैलिंजिंग था क्योंकि इस स्थान पर दोनों ओर कार्य करने के लिए पर्याप्त जगह उपलब्ध नहीं थी। तारिणी (लॉन्चिंग गेंट्री) की सहायता से गर्डर के सेगमेंट्स को आपस में जोड़ने का काम किया गया और समयबद्ध रूप से इसका निर्माण कर लिया गया। इस निर्माण कार्य में एनसीआरटीसी को डीएमआरसी का पूरा सहयोग मिला तथा उनके साथ तारतम्यता में निर्बाध सेवा सुनिश्चित करते हुए एनसीआरटीसी ने सुरक्षित रूप से निर्माण पूरा किया।
सराय काले खाँ आरआरटीएस स्टेशन से न्यू अशोक आरआरटीएस स्टेशन की ओर बढ़ते हुए कॉरिडोर का एलिवेटेड अलाइनमेंट दिल्ली मेट्रो के वायाडक्ट को क्रॉस करता है। यह वायाडक्ट ब्लू लाइन मेट्रो की सेवाएँ प्रदान करता है जिससे रोज़ाना बड़ी संख्या में लोग सफ़र करते हैं। ऐसे में बिना सेवा बाधित किए इसके ऊपर से निर्माण करना एक चुनौतीपूर्ण कार्य था।
मल्टी-मॉडल इंटीग्रेशन एनसीआरटीसी द्वारा निर्माणाधीन आरआरटीएस का मूल सिद्धांत है। इसके अंतर्गत यात्रियों की सुगम और निर्बाध यात्रा के लिए आरआरटीएस स्टेशनों की योजना रणनीतिक रूप से इस प्रकार बनाई गई है कि इन्हें मौजूदा सार्वजनिक परिवहन साधनों के जितना करीब संभव हो बनाया जाए और इनमें आपस में कनेक्टिविटी प्रदान की जाए। इसके लिए एनसीआरटीसी को निर्माण एवं सिविल इंजीनियरिंग संबंधी कई जटिलताओं का भी सामना करना पड़ा है।
न्यू अशोक नगर मेट्रो स्टेशन पर बड़ी संख्या में यात्री नोएडा से आते हैं। मल्टी-मॉडल इंटीग्रेशन के माध्यम से भविष्य में, ये यात्री न्यू अशोक नगर आरआरटीएस स्टेशन पहुँचकर, सीधी रैपिड रेल पकड़ कर मेरठ या दिल्ली की ओर यात्रा कर सकेंगे।
न्यू अशोक नगर आरआरटीएस स्टेशन को न्यू अशोक नगर के मेट्रो स्टेशन से कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए लगभग 90 मीटर लंबा और करीब 6 मीटर चौड़ा फुटओवर ब्रिज बनाया जाएगा, जो मेट्रो के कॉनकोर्स लेवल पर कनेक्ट होगा। इस फुटओवर की ऊंचाई ज़मीन से करीब 8 मीटर होगी। इसके तैयार होने से रैपिडएक्स और मेट्रो के यात्री स्टेशन से बाहर निकले बिना ही दूसरे स्टेशन तक पहुंच सकेंगे। यह न केवल यात्रियों की तनाव मुक्त यात्रा सुनिश्चित करेगा बल्कि परिवहन साधनों के बाहर लगने वाले ट्रैफिक जाम और भीड़भाड़ को नियंत्रित करने में भी मुख्य भूमिका निभाएगा। यह महिलाओं, बुजुर्गों तथा बच्चों और अधिक सामान के साथ यात्रा कर रहे यात्रियों के लिए विशेष रूप से सुविधाजनक होगा। साथ ही, आस-पास के क्षेत्रों की स्टेशन तक बेहतर कनेक्टिविटी और पहुंच प्रदान करने के लिए, एनसीआरटीसी इस स्टेशन पर दो और एफओबी का भी निर्माण कर रहा है।
दिल्ली में एलिवेटेड सेक्शन के लिए अब तक 5 किलोमीटर से ज्यादा लंबे वायाडक्ट का निर्माण पूरा हो चुका है। इसके साथ ही पिलर निर्माण का भी 90 फीसदी काम पूरा हो चुका है और बाकी का निर्माण कार्य तेजी से किया जा रहा है।
एनसीआरटीसी का लक्ष्य है कि जून 2025 तक पूरे दिल्ली-गाज़ियाबाद-मेरठ कॉरिडोर को परिचालित कर दिया जाए। उसके पहले, इसी वर्ष जल्द ही 17 किमी लंबे प्राथमिक खंड को जनता के लिए खोल दिया जाएगा
दिल्ली- एनसीआर
G20 Summit: ब्रिटेन के PM ऋषि सुनक ने पत्नी अक्षता संग अक्षरधाम मंदिर में किये दर्शन

नई दिल्ली: ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक आज अक्षरधाम मंदिर पहुंचे. इस दौरान उनके साथ पत्नी अक्षता मूर्ति भी दिखीं. दिल्ली पुलिस ने प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के अक्षरधाम मंदिर दौरे के मद्देनजर सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किये. सुनक जी20 शिखर सम्मेलन में शरीक होने के लिए अपनी पत्नी अक्षता मूर्ति के साथ भारत आये हैं. भारत आने से पहले ऋषि सुनक ने ये इच्छा जाहिर की थी कि वह किसी मंदिर में दर्शन करना चाहेंगे. अब उनकी ये इच्छा पूरी हो गई है।
ऋषि सुनक कहते हैं कि उन्हें ‘हिंदू होने पर गर्व’ है और भारत उनके दिल के बेहद करीब है. फिर ऋषि सुनक की पत्नी अक्षता मूर्ति भारतीय बिजनेसमैन व इंफोसिस के मालिक नारायण मूर्ति की बेटी हैं. ऐसे में भारतीयों के लिए भी ऋषि सुनक खास स्थान रखते हैं. पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इलाके में पहले ही अवरोधक लगा दिये गये हैं, और जी20 शिखर सम्मेलन के मद्देनजर जांच की जा रही है. उन्होंने बताया कि ब्रिटेन के प्रधानमंत्री की यात्रा के लिए पर्याप्त संख्या में सुरक्षा कर्मी तैनात किये गए हैं।
PM मोदी और ऋषि सुनक के बीच हुई द्विपक्षीय वार्ता
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को जी20 शिखर सम्मेलन से इतर सुनक से मुलाकात की और व्यापार संबंधों को प्रगाढ़ करने तथा निवेश को बढ़ावा देने के तरीकों पर चर्चा की. विदेश मंत्रालय की ओर से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया कि नयी दिल्ली में जी20 शिखर सम्मेलन के इतर सुनक के साथ अपनी द्विपक्षीय बैठक के दौरान, मोदी ने भारत की जी20 अध्यक्षता के दौरान ब्रिटेन की ओर से मिले समर्थन की सराहना की, जिस दौरान जी20 की विभिन्न बैठकों और कार्यक्रमों में उच्च स्तरीय भागीदारी हुई. अक्टूबर 2022 में ब्रिटेन का प्रधानमंत्री बनने के बाद 43 वर्षीय सुनक की यह पहली भारत यात्रा है।
मध्य दिल्ली में प्रगति मैदान क्षेत्र के आसपास बहुस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की गई है. इसी स्थान पर शिखर सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है। नयी दिल्ली और सीमावर्ती इलाकों में वाहनों की जांच तेज कर दी गई है।
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