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उत्तर प्रदेश

एंकाउंटर के नाम पर माफियाओं की हत्या करवा रही योगी सरकारः चंद्रशेखर आजाद

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एंकाउंटर के नाम पर माफियाओं की हत्या करवा रही योगी सरकारः चंद्रशेखर आजाद
शामली। उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव के प्रचार प्रसार को लेकर आजाद समाज पार्टी के संस्थापक चंद्रशेखर आजाद आज शामली पहुंचे थे। जहां पर उन्होंने गठबंधन प्रत्याशियों के पक्ष में प्रेस वार्ता करते हुए बीजेपी पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि हमारा गठबंधन तानाशाही सरकार से लड़ रहा है। सरकार एनकाउंटर के नाम पर माफियाओं की हत्या करा रही हैं। मध्य प्रदेश का आकाश गुर्जर जो कि अग्निवीर भर्ती में शामिल होने आया था उसे पुलिस ने मार दिया। मुख्यमंत्री के मिट्टी में मिला देने की बात करते है बृजभूषण, अजय मिश्रा टेनी, चिन्मयानंद स्वामी, कुलदीप सेंगर इनको तो सरकार ने मिट्टी में नहीं मिलाया है। 80 करोड़ गरीबो को राशन देने की बात करने वाली सरकार जनता के टैक्स से राशन दे रही है। मतलब सरकार हमारी बिल्ली हमें म्याऊं का काम कर रही है। उन्होंने कहा कि सारस जैसे जानवर से प्यार करने पर बीजेपी नफरत करने का काम करती है।
आपको बता दें कि आजाद समाज पार्टी के संस्थापक चंद्रशेखर आजाद आज शामली पहुंचे थे। जहां पर उन्होंने गठबंधन प्रत्याशियों के पक्ष में एक बैठक आयोजित की है। वहीं चंद्रशेखर आजाद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए बीजेपी पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में महिलाओं के साथ रेप जैसी घटनाएं लगातार बढ़ रही है। एससी एसटी एक्ट में एक वर्ष में 56000 से ज्यादा मुकदमे दर्ज हुए हैं। मुख्यमंत्री को शर्म आनी चाहिए। अगर उनके अंदर जरा भी नैतिकता है तो मुख्यमंत्री को इस्तीफा दे देना चाहिए। वही उत्तर प्रदेश में हत्या जैसी घटना भी लगातार बढ़ रही है। देश के गृहमंत्री कहते थे कि हमारी सरकार में महिलाएं आधी रात को भी जेवर पहनकर बाहर निकल सकती है लेकिन यहां तो सरेआम हत्या हो रही है, यहां तो माफियाओं की हत्या हो रही है। एनकाउंटर के नाम पर मध्य प्रदेश के आकाश गुर्जर को जो अग्निवीर भर्ती में सामिल होने आया था उसको आगरा पुलिस ने मार दिया। आकाश गुर्जर के परिवार वाले लड़ते रहे। लेकिन पुलिस ने एक नहीं सुनी। मुकदमा कोर्ट के आदेश पर दर्ज हुआ। इसलिए यूपी में कानून व्यवस्था सही नहीं है। सारस की घटना में आपने देखा होगा कि सरकार जानवरों से प्यार करने वालों से भी नफरत करने का काम करती है। दिल्ली के जंतर मंतर पर खिलाड़ी धरने पर बैठे है। बृजभूषण को भी इस्तीफा दे देना चाहिए, ताकि जांच अच्छे से हो सके। उत्तर प्रदेश में माफियाओं की हत्याओं का समर्थन चंद्रशेखर आजाद ने किया है जिस पर उन्होंने कहा है कि उत्तर प्रदेश सरकार में माफियाओं की हत्या हो रही है। योगी के मिट्टी में मिला देने वाले बयान पर आजाद ने कहा कि बृजभूषण सिंह, चिन्मयानंद स्वामी, अजय मिश्र टेनी और कुलदीप सेंगर को तो मिट्टी में नहीं मिलाया। अगर मुकदमे किसी और पर दर्ज होते तो अब तक मिट्टी में मिल गया होता। लेकिन इनको योगी सरकार ने मिट्टी में नहीं मिलाया। यह सरकार तानाशाही सरकार है। यहां तानाशाही नहीं चलेगी यह गलतफहमी दिमाग से निकाल दो। सरकार बदलती रहती है। बीजेपी को प्यार पसंद ही नहीं है योगी गरीबों को राशन देने की बात करते हैं। मुख्यमंत्री कौन होते हैं गरीबों को राशन देने वाले। जनता टैक्स देती है। टैक्स से ही 80 करोड़ लोगों को राशन दिया गया है। सरकार हमारी बिल्ली हमें को म्याऊं का काम कर रही है। वही अबकी बार भी हमारा गठबंधन मैदान में है और जीत भी हासिल करेगा क्योंकि गठबंधन की ताकत हम इनको खतौली में दिखा चुके है। जब हमारा गठबंधन नहीं था तो यह लोग लगातार खतौली में दो बार जीत चुके थे लेकिन अब की बार ऐसा नहीं हुआ। इस बार भी गठबंधन सरकार को मुंहतोड़ जवाब देगा।
बाइट :– चंद्रशेखर आजाद (संस्थापक आजाद समाज पार्टी)

उत्तर प्रदेश

बागपत के मौहल्ला देशराज की मलिन बस्ती में चलाया गया स्वच्छता अभियान

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मेरठ। स्वच्छता ही सेवा’ पखवाड़ा के अन्तर्गत “एक तारीख एक घण्टा स्वच्छता के लिये कार्यक्रम के आयोजन हेतु जनपद प्रभारी मंत्री,  जसवंत सिंह सैनी जी,  राज्य मंत्री संसदीय कार्य एवं औद्योगिक विकास विभाग उप्र व जनपद नोडल अधिकारी,चैत्रा वी०, प्रबन्ध निदेशक, पीवीवीएनएल व जिलाधिकारी, जनपद- बागपत,  जितेन्द्र प्रताप सिंह एवं अन्य जनपदीय अधिकारियों ने देशराज मौहल्ला, मलिन बस्ती व पक्का घाट पर “स्वच्छता ही सेवा” पखवाड़े के अन्तर्गत एक अक्टूबर को एक घण्टा स्वच्छता अभियान कार्यक्रम जनपद में चलाया गया। जिसमें सभी नागरिकों द्वारा सामूहिक रूप से एक घण्टा श्रमदान किया गया। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी  की जयन्ती की पूर्व संध्या पर एक स्वच्छांजलि के रूप में सफल कार्यक्रम का आयोजन एक तारीख एक घण्टा स्वच्छता के लिए हर गांव एवं नगर निकाय आदि स्थलों पर किया गया।

नोडल अधिकारी द्वारा 33/11 के0वी0 विद्युत उपकेन्द्र पुरा महादेव पर 33 के0वी0 क्षतिग्रस्त जम्फर के प्रतिस्थापन करते हुए निरीक्षण किया गया और अधिकारियों को नियमानुसार शटडाउन देने एवं लाइन स्टाफ को सुरक्षा के मद्देनजर लाईनों पर कार्य करते समय सभी सेफ्टी मापदण्ड अपनाये जाने के निर्देश दिए।

नोडल अधिकारी,  चैत्रा वी० के द्वारा जनपद में ऐतिहासिक परशुरामेश्वर महादेव मन्दिर पर पहुंचकर स्व्च्छता ही सेवा कार्यक्रम के अन्तर्गत स्वयं श्रमदान कर मन्दिर की साफ-सफाई का निरीक्षण किया गया तथा मन्दिर परिसर में उपस्थित मन्दिर कमेटी / ग्राम वासियों / श्रद्धालुओं को स्वच्छता बनाये रखने हेतु शपथ दिलाई गई। जिसमें  अनुराग अग्रवाल, मुख्य अभियन्ता (वितरण), मेरठ क्षेत्र, मेरठ, निकेत वर्मा, उपजिलाधिकारी, बागपत, अमित त्यागी, डी.पी.आर.ओ. बागपत,  सुनील कुमार, अधीक्षण अभियन्ता, विद्युत वितरण मण्डल – बागपत,  अमर सिंह, अधिशासी अभियन्ता, विद्युत वितरण खण्ड- प्रथम, बागपत, आर.पी. सिंह, विद्युत वितरण खण्ड – द्वितीय, बागपत इत्यादि भी उपस्थित रहे।

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उत्तर प्रदेश

मुस्लिम के बाद दलित वोटबैंक भी छिटका? घोसी उपचुनाव से मायावती को बड़ा संदेश

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घोसी विधानसभा उपचुनाव लड़ना बसपा की राजनीतिक सूझबूझ वाला रहा या नुकसानदायक यह तो समय बताएगा, पर चुनावी परिणामों ने यह साफ कर दिया है कि मुस्लिम के साथ दलित मतदाता ने सपा के साथ जाने में परहेज नहीं किया।बसपा सुप्रीमो मायावती हर मौके पर दलितों के साथ मुस्लिमों को साधती रहती हैं और यह बताने की कोशिश करती हैं कि भाजपा से मुकबला वही कर सकती हैं, मगर घोसी उपचुनाव के परिणाम से बसपा की मुस्लिम-दलित वोट बैंक पर पकड़ कमजोर होती दिखी। घोसी उपचुनाव परिणाम कहीं न कहीं मायावती के लिए भी संदेश गया है।

वर्ष 2022 में बसपा रही तीसरे नंबर पर

घोसी विधानसभा सीट पर 4.24 लाख से अधिक मतदाता हैं। इनमें दलित 71 हजार और मुस्लिम 86 हजार हैं। मायावती ने इसी समीकरण को ध्यान में रखते हुए वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में मुस्लिम उम्मीदवार वसीम इकबाल पर दांव लगाया था। वसीम इस चुनाव में 54248 वोट पाकर तीसरे नंबर पर थे। इससे साफ है कि इस चुनाव में भी बसपा को मुस्लिम और दलित वोट पूरा नहीं मिला। इस चुनाव में सपा ने जीत दर्ज की थी। घोसी उपचुनाव में भी यही वोट निर्णायक साबित हुए।

बसपा से निकलने वालों ने बनाया समीकरण

घोसी विधानसभा उपचुनाव में सपा मुखिया अखिलेश ने बसपा से निकल कर साथ आने वालों को मोर्चे पर लगाया, जिससे दलित वोट बैंक को अपने पाले में लाया जा सके और लोकसभा चुनाव के लिए दिए गए पीडीए फार्मूले को सच साबित किया जा सके। देखा जाए तो अखिलेश का यह फार्मूले पर सफल होते दिखे। इस विधानसभा सीट पर दलित मतों में कोरी, पासी और सोनकर जातियां हैं। परिणाम बता रहे हैं कि कोरी और पासी जातियों ने सपा का साथ दिया।

उपचुनाव से बड़ा संकेत

देश में अगले साल लोकसभा चुनाव होना है। देश में यह चुनाव एनडीए बनाम इंडिया के बीच होने वाला है। बसपा इन दोनों गठबंधनों से अलग है। बसपा चाहती थी कि उनके कॉडर के लोग घोसी विधानसभा चुनाव के मतदान से किनारा कर लें, जिससे यह साबित हो जाए कि वो उनके साथ है। मगर ऐसा न होने से आने भविष्य के चुनावी समीकरण का संकेत भी हो सकता है।

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उत्तर प्रदेश

अधिवक्ताओं पर दर्ज मुकदमों को खत्म करने की मांग , हापुड़ में लाठी चार्ज केे विरोध में वकीलों का प्रदर्शन

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अम्बेडकरनगर। हापुड़ में अधिवक्ताओं के ऊपर हुए बर्बरता पूर्वक हुए लाठी चार्ज के विरोध में बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश के आह्वान पर बार एसोसिएशन एवं तहसील के अधिवक्ताओं ने सोमवार से तीन दिवसीय हड़ताल शुरू किया था। इसी क्रम में मंगलवार को बार एसोसिएशन अध्यक्ष संजय कुमार त्रिपाठी और  सचिव हरिगोविन्द यादव की अध्यक्षता में आयोजित धरना-प्रदर्शन में अधिवक्ताओं ने घटना की निंदा करते सैकड़ो की संख्या पर सड़क पर उतर कर प्रदर्शन किया।

बार अध्यक्ष संजय कुमार त्रिपाठी ने कहा कि घटना की जितनी निंदा की जाए , कम है। उन्होंने डीएम हापुड़ एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक का स्थानान्तरण करने, लाठी चार्ज करने वाले पुलिसकर्मियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज करने और दर्ज फर्जी मुकदमों को खत्म किए जाने की मांग किया। पूर्व अध्यक्ष डीपी सिंह ने एडवोकेट्स प्राटेक्शन एक्ट को लागू करने की मांग करते हुए हापुड़ की घटना में घायल अधिवक्ताओं को तुरन्त अहेतुक सहायता देने की मांग सीएम से किया।

बार एसोसिएशन के आवाहन पर वरिष्ठ उपाध्यक्ष देव प्रकाश पांडेय डीपी सिंह ,महेन्द्र सिंह ,सुनील श्रीवास्तव, मनोज पांडेय ,धीरज कुमार पांडेय, मनीष मिश्र ,दिवाकर शुक्ला ,पंकज तिवारी, अतुल तिवारी, अनिल तिवारी, शिवाकांत पांडेय, अंबिका सिंह, सुरेन्द्र यादव, दिलीप तिवारी, कपिल देव, इंद्रमणि शुक्ला, दिलीप मिश्र आदि तमाम अधिवक्ताओं ने जोरदार प्रदर्शन किया।

अधिवक्ताओं ने मांग उठाई है कि हापुड़ के  जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक के स्थानांतरण और दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाए।अधिवक्ताओं के खिलाफ दर्ज मुकदमे वापस लिए जाने और एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट यूपी में लागू किए जाने की भी आवाज उठाई गई। इसके साथ ही, परिसर में उत्तर प्रदेश पुलिस महानिदेशक का पुतला भी फूंका गया।

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