मेरठ, 22 मई 2023। जनपद के स्वास्थ्य केन्द्रों पर सोमवार को खुशहाल परिवार दिवस का आयोजन किया गया है । इस मौके पर स्वास्थ्य कर्मियों और चिकित्सकों ने परिवार नियोजन के सुरक्षित साधनों के बारे में जानकारी दी। यह भी बताया कि परिवार नियोजन क्यों जरूरी है। इस दौरान 29 महिलाओं ने पीपीआईयूसीडी और 27 महिलाओं ने आईयूसीडी अपनायी।
इस दौरान दस महिलाओं ने नसबंदी कराने पर सहमति व्यक्त की। 341 महिलाओं ने अंतरा इंजेक्शन लगवाया। परिवार नियोजन के पति जागरूकता से महिलाएं काफी खुश नजर आईं। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अखिलेश मोहन ने बताया- परिवार नियोजन पूरी प्लानिंग के साथ परिवार पूरा करने का एक कार्यक्रम है। मॉ व शिशु का अच्छा स्वास्थ्य इस कार्यक्रम का आधार है। विभाग का प्रयास है कि लोगों परिवार नियोजन के प्रति जागरूक हों। खुशहाल परिवार दिवस के मौके पर उत्तर प्रदेश टेक्निकल सपोर्ट यूनिट (यूपीटीएसयू) के सहयोग से परिवार नियोजन के बारे में काउंसलिंग की गई। शासन से मिले निर्देशों के मुताबिक इस आयोजन का उद्देश्य हाई रिस्क प्रेगनेंसी, एक वर्ष के दौरान शादी करने वाले दंपति और तीन या उससे अधिक बच्चों वाले दंपति को परिवार नियोजन के बारे में जानकारी देना और उनकी इच्छा के मुताबिक उन्हें जरूरी साधन उपलब्ध कराना है। उन्होंने बताया खुशहाल परिवार दिवस में दो बच्चों के जन्म के बीच तीन वर्ष का सुरक्षित अंतर रखने के लिए परिवार नियोजन के अस्थाई साधनों की जानकारी दी गई। इस दौरान महिलाओं के लिए गर्भनिरोधक इंजेक्शन अंतरा, आईयूसीडी और पीपीआईयूसीडी की सुविधा मुहैया कराई गई। परिवार पूरा कर चुके योग्य दंपति को परिवार नियोजन के स्थाई साधन अपनाने की सलाह दी गई।
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी व नोडल अधिकारी डॉ. विश्वास चौधरी ने बताया जिला महिला अस्पताल के साथ सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और स्वास्थ्य उप केंद्रों पर खुशहाल परिवार दिवस मनाया गया। साथ ही परिवार नियोजन साधनों के बारे में विस्तार से बताते हुए विवाह पंजीकरण के बारे में भी अवगत कराया गया। इसमें आशा कार्यकर्ता की महत्वपूर्ण भूमिका है। वह खुशहाल परिवार दिवस पर लक्षित समूह की चिन्हित महिलाओं को हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर चलने के लिए प्रेरित करती हैं, ताकि उनको विस्तार से परिवार नियोजन साधनों के बारे में जानकारी मुहैया कराई जा सके। साझा प्रयास के विशेषज्ञों ने सुरक्षित गर्भ समापन के बारे में स्वास्थ्य केंद्र पर महिलाओं को जागरूक किया।
जिला परिवार नियोजन विशेषज्ञ ने बताया आशा-एएनएम घर-घर तक परिवार नियोजन सेवाओं की जानकारी पहुंचा रही हैं और दो बच्चों के जन्म के बीच सुरक्षित तीन वर्ष के अंतर का महत्व भी बता रही हैं। उन्होंने बताया दो बच्चों के जन्म के बीच सुरक्षित अंतर मां और शिशु, दोनों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए जरूरी है।