मेरठ के सिविल लाइन थाना क्षेत्र की एक कॉलोनी निवासी सेवानिवृत्त बैंककर्मी को चार दिन डिजिटल अरेस्ट कर 1.73 करोड़ की ठगी कर ली गई। साइबर ठगों ने पीड़ित को मनी लॉन्ड्रिंग में जेल भेजने का खौफ दिखाकर शिकार बनाया।
पुलिस ने बताया कि सेवानिवृत्त बैंककर्मी के मोबाइल पर 17 सितंबर को कॉल आई थी। कॉलर ने खुद को टेलीकॉम विभाग से बताते हुए कहा कि आपके सभी रजिस्टर्ड, मोबाइल नंबर बंद किए जा रहे हैं। आपके आधार कार्ड का इस्तेमाल कर केनरा बैंक में एक खाता खोला गया है। जिसमें 6.80 करोड़ रुपये मनी लॉन्ड्रिंग के आए हैं। इसके बाद उनके व्हाट्सएप नंबर पर कॉल आई। कॉलर ने उनके खिलाफ महाराष्ट्र में रिपोर्ट दर्ज होने की जानकारी दी और जेल भेजने की धमकी देकर डराया।
उन्हें घर से बाहर जाने और किसी से मिलने से रोका गया। 18 सितंबर को उनके खाते से एक बैंक खाते में एक बार 3.80 लाख और दूसरी बार 5 लाख रुपये ट्रांसफर करा लिए। 20 सितंबर को एक बैंक खाते में 90 लाख रुपये, 21 सितंबर को एक बैंक खाते में 45 लाख रुपये और दूसरे बैंक खाते में 30 लाख रुपये ट्रांसफर करा लिए।
साइबर थाना प्रभारी सुबोध सक्सेना ने बताया कि साइबर ठगों के बैंक अकाउंट फ्रीज करने की कार्रवाई के लिए रिपोर्ट भेज ही गई है।
एसएसपी विपिन टाडा का कहना है कि साइबर क्राइम थाने में एक शिकायत प्राप्त हुई थी। शिकायत मे एक व्यक्ति द्वारा बताया गया है। कि महाराष्ट्र में युवक के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में एक एफआईआर दर्ज किया गया है। उनके बैंक का तथ्य सामने आने पर व्यक्ति ने बताया कि आरबीआई से एक कॉल बताया गया है जिसमे उनके एकाउंट से पैसे लिये गए। बताया गया कि पीड़ित युवक ने जैसे जैसे उन्होंने कॉल पर बताया वैसे ही युवक ने उनके एकाउंट में ट्रांजेक्शन करते रहे तब पश्चात उनको महसूस हुआ कि उनके साथ कुछ गलत हो रहा है। साइबर थाने पुलिस को इस मामले की सूचना के मिलने के बाद तुरंत कार्यवाही की गई है। युवक से मनी लॉन्ड्रिंग के नाम पर एक करोड़ से अधिक ठगी की गई है। उनसे एक फ़र्ज़ी एकाउंट में पैसे ट्रांसफर कराये गए थे। घटना का आवरण करने के लिये साइबर थाने में दो टीमें बनी है। एसएसपी का कहना है जल्द ही इस मामले का आवरण कर लिया जायेगा।