जमीनी विवाद के चलते बुजुर्ग पर जानलेवा हमला, पहले कार से बाइक में टक्कर मारी, फिर लाठी डंडों से पीटा, फिर मरोड़ मरोड़ कर हाथ पैर की हड्डियां तोड़ी। पुलिस ने खेल करते हुए मामला केवल सड़क दुर्घटना में दर्ज किया।
11 मई को आईजी ने किया थाने का निरीक्षण, जो औपचारिकता बनकर रह गया, क्युकी ऐसे मामले की उन्हे कोई भनक नहीं लगी
पूरा घटनाक्रम इस प्रकार है,
मेरठ में थाना किठौर क्षेत्र के राधना इनायतपुर गांव निवासी 63 वर्षीय खलिक अहमद की खेती की कुछ जमीन पड़ोस के नंगला सलेमपुर गांव के क्षेत्र में है। इस पुश्तैनी जमीन के बंटवारे को लेकर दूसरे पक्ष रईस आदि के साथ विवाद चल रहा है और रईस वा उसके परिवार ने खलीक व उसके भाइयों की ज़मीन पर नाजायज कब्ज़ा कर रक्खा हे पिछले दिनों विवाद होने पर रईस ने गियेहु की फ़सल काटने के बाद खलीक व उसके भाइयों की ज़मीन खाली करने का वादा किया था और विवाद को समाज के कुछ लोगों ने मिलकर निम्टा लिया था।खलीक अक्सर सुबह सवेरे अपनी पुश्तैनी खेती की ज़मीन पर खेती करने के लिए नंगला सलेमपुर जाता हे और पिछले 30 सालों से खलीक की यही दिनचर्या है वो राधने से जाता है और नंगला से बकरी बच्चों के लिए चारा लेकर आता हे।
इस प्रक्रिया के तहत 9 मई की सुबह भी, खलीक अहमद हेलमेट पहने अपनी बाइक पर खेतो के रास्ते से गुजरते हुए इस विवादित जमीन की तरफ जा रहें थे। रास्ते में नहर की पुलिया पर इन्होंने विपक्षी रईस के बेटे फरीद को बैठे देखा मगर खलीक उसे इग्नोर करके आगे बढ़ गए। थोड़ी दूर चलने पर सूनसान जगह पर, रईस अपने पुत्रों आदिल, तारिक , शहज़ाद और हसीन के साथ कार से आया और उसने चलती बाइक में टक्कर मार कर खलीक को खेतों में गिरा दिया, इसके बाद रईस और उसके पांच बेटों ने कार से उतर कर खलीक अहमद पर लाठी डंडों से हमला बोल दिया।
खलील के हाथ पैरों और बदन पर जमकर लाठियां बरसाई गई, उसके बाद बड़ी ही निर्दयता से बुजुर्ग खलीक अहमद के हाथ और पैर को मरोड़ मरोड़ कर हड्डियां तोड़ना सुनिश्चित किया गया।
पीड़ित का शोर सुनकर कुछ राहगीर रुके तो हमलावर धमकी देते हुए फरार हो गए। राहगीरों ने मौके पर हालत की वीडियो बनाई और पीड़ित का बयान भी रिकॉर्ड किया। किसी राहगीर ने खलिक से नंबर पूछकर उनके बेटे और दामाद को सूचित किया, साथ ही पुलिस कंट्रोल रूम और एंबुलेंस को सूचित किया गया।
108 नंबर की एंबुलेंस से खलीक अहमद को पहले किठौर अस्पताल लाया गया, लेकिन उनकी गंभीर हालत को देखते हुए डॉक्टर्स ने तत्काल मेडिकल हॉस्पिटल की इमरजेंसी में रेफर किया गया, जहां उनके हाथ पैर का ऑपरेशन करके हड्डी वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया।
उधर खलीक अहमद के दामाद राशिद FIR दर्ज कराने के लिए थाना किठौर गए और पूरी घटना की जानकारी देते हुए नामजद तरहरीर दी मगर उन्हे शाम तक पुलिस ने यह कहकर FIR दर्ज नहीं की कि लाइट नहीं है तो कंप्यूटर काम नही कर रहा। बाद में पुलिस ने राशिद से कहा कि जानलेवा हमले की बात बाद में जोड़ी जायेगी, फिलहाल केवल सड़क दुर्घटना की बात लिखकर तहरीर दें ताकि मेडिकल कराया जा सके। राशिद पुलिस के बहकावे में आ गए और हमला हटाकर बाकी बातें लिखकर तहरीर दे दी और पुलिस ने इसी तहरीर के आधार पर केवल सड़क दुर्घटना की FIR दर्ज कर ली।
पुलिस ने आरोपियों की गाड़ी को भी मंगाकर थाने में खड़ा कर लिया मगर कोई गिरफ्तारी नहीं की। उधार आरोपी परिवार तुरंत अपने गांव सलेमपुर घर में ताला लगाकर फरार होगया हे।
पीढ़ित के घर वालों का आरोप हे की मुलजिमान को किठौर पुलिस का पूरा सहयोग और संरक्षण मिला हूवा है।
घटना के, और ऑपरेशन के अगले दिन होश में आने पर खलीक ने पूरी वारदात बयान करते हुए एक तहरीर थानाध्यक्ष किठौर, सीओ किठौर, एसपी देहात और एसएसपी के संयुक्त नाम लिखकर भिजवाई, जिसे सीओ किठौर ने लेकर जांच कराने का आश्वासन दिया। मगर घटना के तीन दिन बाद भी पुलिसिया रुख में कोई बदलाव नहीं आया है।
11 मई को मेरठ के आईजी ने भी थाने का निरीक्षण किया जो औचक नही औपचारिक बनकर रह गया, क्युकी थाने में चल रहे इस खेल की उन्हे कोई भनक तक नहीं लगी। बल्कि थाने में बिछे लाल गलीचों में उन्हे सब अच्छा ही अच्छा नजर आया।
अब मेडिकल हॉस्पिटल के हड्डी वार्ड में भर्ती खलीक अहमद और उनका परिवार दहशत के साए में है, उन्हे डर है कि खुले घूम रहे अपराधी इस केस को मिटाने के लिए खलीक पर दुबारा हमला कर सकते हैं।