मेरठ : खैरनगर के रहने वाले मन्नान ने दो घण्टे लाइन में लगकर पर्चा बनवाया ओर एक घण्टे बाद डॉक्टर के पास जाने का नम्बर आया।चिकित्सा ने उन्हें रेडियोथेरेपी कराने की सलाह दी। लेकिन यहां रेडियोथेरेपी उपलब्ध नही है।
इलाज के लिए उन्हें निजी अस्पताल का रुख करना पड़ेगा या एलएल आरएस मेडिकल कॉलेज जाना होगा। मन्नान ऐसे एकेले व्यक्ति नही है । पीएल शर्मा जिला अस्पताल में हर रोज करीब डेढ़ हजार मरीज ओपीडी में आते है। इन्हें लंबी कतारों में लगना पड़ता है। चिकित्सक जांच लिखते है तो पता चलता है कि यहां कई जांच और इलाज की सुविधाएं उपलब्ध ही नही है। नतीजा मायूस होकर लौटना पड़ता है और निजी अस्पताल या मेडिकल का रुख करना पड़ता है।
सुविधाओं का अभाव है और मरीज लाचार है। जिला अस्पताल में इसके लिये बोर्ड भी लगाया गया है। इसमें उपलब्ध ओर बिना सुविधाओं के बारे में जानकारी भी दी गई है। ये हालात मेरठ में तब है जब केंद्र और प्रदेश सरकार स्वस्थ्य सुविधाओं पर खासा जोर दे रही है। इसके बावजूद इन चिकत्सीय सुविधाओं के न होने से मरीज को खासी परेशानी हो रही है।
सुविधाएं बढ़ाने के लिए शासन से चल रहा पत्राचार जो सुविधाएं उपलब्ध है और जो उपलब्ध नही है उन सभी बोर्ड अस्पताल में लगा है ताकि मरीज को परेशानी न हो बाकी सुविधाएं भी मुहैया कराने के प्रयास किए जा रहे है। शासन से पत्राचार चल रहा है। जो सुविधाएं यहां नही है उनके लिये मरीजो को मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया जाता है :- डॉ कौशलेंद्र सिंह चिकित्सा अधिकक जिला अस्पताल मेरठ