कंकरखेड़ा थाना क्षेत्र की वैष्णव धाम कॉलोनी में एक स्ट्रीट डॉग के द्वारा दूसरी मंजिल से कूदकर आत्महत्या का मामला सामने आया है। इस मामले में एनीमल केयर संस्था से जुड़े लोगों ने डीएम दफ्तर पर प्रदर्शन किया और डीएम के नाम ज्ञापन देकर इस मामले में कालोनी के कुछ लोगों पर गम्भीर आरोप लगाए हैं।
ये था पूरा मामला
दरअसल पूरा मामला मेरठ के कंकरखेड़ा थाना क्षेत्र की वैष्णो धाम कालोनी से जुड़ा है । कॉलोनी के रहने वाले पुलिसकर्मी सुधीर मलिक की करीब दस साल की मासूम बच्ची पर 29 मई को पडोसी के पालतू पिटबुल कुत्ते ने अचानक हमला बोल दिया था । मासूम के ऊपर पिटबुल ने एक के बाद एक कई बार वार किया और उसे नोंच डाला था । तब बच्ची को गंभीर चोटें आई थीं । बच्ची को किसी तरह स्थानीय लोगों की मदद से बचा लिया गया था। जिस वक्त उस पर पिटबुल ने हमला बोला था उस वक्त वह मासूम साइकिल चला रही थी।
ऐसे गई डॉगी भूरा की जान
इस घटना के बाद कॉलोनी वासियों ने नाराजगी जताते हुए नगर निगम में शिकायत दर्ज कराई थी। इतना ही नहीं तब नगर निगम की टीम अगले दिन वहां पहुंची थी और स्ट्रीट डॉग्स को पकड़ने के लिए वहां घेराबंदी की गई थी । इसी दौरान आरोप है कि कुछ स्थानीय लोगों की मदद से नगर निगम की टीम एक भूरा नामक गली के कुत्ते के पीछे उसे पकड़ने के लिए दौड़ रही थी। भागते भागते हुए डॉगी एक घर में घुस गया था, पीछे से स्थानीय लोग और नगर निगम की टीम भी उस घर में घुस गई थी। इसके बाद कुत्ता हांफता हांफता उस घर की दूसरी मंजिल पर पहुंच गया था। इसके बाद डॉगी भूरा ने जब खुद को वहां अपने को घिरा पाया तो दूसरी मंजिल से वह नीचे कूद गया था, जिसमें उसकी जान चली गई थी ।
इसके बाद से एनिमल केयर संस्था के द्वारा कॉलोनी के लोगों समेत नगर निगम की टीम के खिलाफ कुत्ते को आत्महत्या के लिए प्रेरित करने का आरोप लगाया जा रहा है । एनिमल केयर संस्था के पदाधिकारी शनिवार को जिलाधिकारी कार्यालय पर पहुंचे। वहां लोगों ने मांग की कि ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त एक्शन होना चाहिए ।
दबंगों की वजह से मर गया भूरा डॅागी
डरपोक भी था वह कॉलोनी के जानवरों से नफरत करने वाले दबंगों की वजह से मर गया और उसको कहीं फेंक दिया गया इस बात का खुलासा नगर निगम की टीम के एक सदस्य ने भी किया जो खुद भी पशु प्रेमी है आए दिन कुत्तों के खिलाफ बहुत ही बढ़ा चढ़ा कर लिखा जाता है जिससे ऐसा लगता है की यह एक पशु प्रेम को खत्म करने की साजिश है इसी वजह से इंसान के सबसे करीबी और प्यारे दोस्त और फ्री का मोहल्ले के चौकीदार कुत्ते को आवारा आतंक की उपाधि दे रखी है।
एनिमल केयर संस्था की तरफ से डीएम को दिए गए ज्ञापन में कहा गया है कि वैष्णो धाम कॉलोनी में चल रहे पिटबुल प्रकरण के कारण जो निर्दोष कुत्ता अपनी जान गवा चुका है। उसके दोषियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। इतना ही नहीं संस्रथा के लोगों का आरोप है कि नगत उस बेजुवान को दौड़ाकर उसके पीछे लोग न पड़ते तो आज भूरा जिंदा होता।