बिहार
बिहार में बीजेपी सांसद को पुलिस ने दौड़ाकर पीटा।

‘मैं MP हूं. मुझे तो छोड़ दो’, बिहार पुलिस ने बीजेपी सांसद को भी दौड़ाकर पीटा बिहार में मानसून के साथ-साथ बिहार की पुलिस की लाठियां भी खूब बरस रही है. बुधवार को पुलिस ने जहां किसान सलाहकारों को खदेड़-खदेड़ कर पीटा, वहीं गुरुवार को वह बीजेपी कार्यकर्ता और नेताओं पर लाठियां बरसाती दिखी .
बिहार पुलिस ने नेता प्रतिपक्ष हो या बीजेपी सांसद सब पर लाठियां भांजी . महाराजगंज के बीजेपी सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल पर जब पुलिस लाठियां बरसाने लगी तो उन्होंने कहा कि मुझे तो छोड़ दो मैं सांसद हूं.
जनार्दन सिंह सिग्रीवाल को पुलिस लाठी चार्ज के बाद गंभीर चोटें आई है. मीडिया के सामने आने के बाद उन्होंने कहा कि शायद उनका हाथ भी फ्रैकचर हो गया है. इसके साथ ही उनके अंगरक्षकों को भी चोट आई है. बीजेपी सांसद सिग्रीवाल को उनके साथ मौजूद सुरक्षाक्रमियों और समर्थकों ने किसी तरह पुलिस से बचाया. इस दौरान मारो मारो की आवाज भी आ रही थी. बीजेपी सांसद को अस्पताल ले जाया गया है.
जनता लेगी लाठीचार्ज का बदला
बीजेपी नेता सिग्रीवाल ने कहा कि हम किसानों की बिहार के युवाओं की आवाज उठा रहे थे. लेकिन महागठबंधन सरकार ने इसे दबाने की कोशिश की है. वहीं बीजेपी नेताओं पर लाठीचार्ज के बाद बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि हम शांतिपूर्ण तरीके से विधानसभा मार्च कर रहे थे. इसके बाद भी हमपर लाठीचार्ज किया गया. सैकड़ों कार्यकर्ता को घायल कर दिया गया.नीतीश कुमार का यह कैसा लोकतंत्र है. बीजेपी नेता ने कहा कि लाठीचार्ज का बदला जनता अगले चुनाव में लेगी.
वहीं बीजेपी नेता पूर्व केंद्रीय मंत्री शाहनवाज हुसैन ने कहा कि यह अन्याय है. लोकतंत्र की हत्या है. बिहार में इमरजेंसी लागू हो गई है नीतीश कुमार की तानाशाही नहीं चलेगी.
बीजेपी कार्यकर्ताओं और नेताओं पर लाठीचार्ज की बीजेपी नेताओं ने कड़ी निंदा की है. बीजेपी नेता शाहनवाज हुसैन ने इसकी तुलना इमरजेंसी से की है.वहीं पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि लाठीचार्ज का बदला जनता अगले चुनाव में लेगी.
बिहार
पटना में 32 वर्षीय भाजपा नेता की चाकू मार कर हत्या कर दी गई

पटना। दोस्त के साथ मॉर्निंग वॉक करने के लिए निकले 32 वर्षीय भाजपा नेता की बदमाशों द्वारा चाकू घोंपकर हत्या कर दिए जाने से इलाके में दहशत पसर गई। सूचना पाते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने भाजपा नेता के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिये भिजवा दिया। पुलिस हत्या करके फरार हुए अपराधियों की तलाश जुट गई है।
सोमवार की सवेरे बेतिया के गांव गोडवा टोला के रहने वाले 32 वर्षीय भाजपा नेता सोनू कुमार अपने दोस्त के साथ मॉर्निंग वॉक करने के लिए निकले थे। भाजपा अनुसूचित जाति के नेता पर अचानक से बदमाशों ने हमला बोल दिया। जब तक भाजपा नेता बदमाशों के इरादों को समझ पाते उससे पहले ही अपराधियों ने भाजपा नेता के ऊपर चाकू से ताबड़तोड़ प्रहार कर दिए।
साथ में मौजूद दोस्त ने हमलावरों को रोकने की कोशिश की। लेकिन उन्होंने उसे भी चाकू मार कर घायल कर दिया। दिनदहाड़े भाजपा नेता की हत्या और उसके साथी को घायल करने के मामले को लेकर इलाके में हड़कंप मच गया। आसपास के लोग भाग दौड़ करते हुए मौके पर पहुंचे और दोनों को उठाकर इलाज के लिए अस्पताल में ले गए। जहां डॉक्टर ने भाजपा नेता को जांच पड़ताल करने के बाद मृत घोषित कर दिया है। अस्पताल में भर्ती कराए गए दोस्त की हालत गंभीर होना बताई जा रही है। जिसकी पहचान 30 वर्षीय सुजीत कुमार पुत्र सुरेंद्र शाह के रूप में की गई है।
सूचना पर पहुंची पुलिस में भाजपा नेता के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। पुलिस का कहना है कि वह इस मामले को गंभीरता से ले रहे हैं और अपराधियों को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
बिहार
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह बोले- ‘बिहार में शरिया कानून लाना चाहते हैं CM नीतीश, सनातन संस्कृति को खत्म करने की साजिश’

बेगुसराय: केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने बिहार के सीएम नीतीश कुमार पर करारा हमला बोला है। गिरिराज ने कहा, ‘नीतीश कुमार मुस्लिम परस्त राजनीति करके शरिया कानून लाना चाहते हैं। आज भी बिहार के अंदर कई स्कूल हैं, जहां रविवार के बदले शुक्रवार को छुट्टी होती है। पढ़ाई के नाम पर ये हिंदुओं के बच्चों को संस्कृति से दूर रखने की साजिश है। बिहार में सनातन संस्कृति को खत्म करने की साजिश हो रही है। उनमें हिम्मत नहीं है कि मुसलमानों की छुट्टियों में वे कटौती कर सकें।’
बच्चों को संस्कृति से अलग रखने का षड़यंत्र: गिरिराज
गिरिराज ने कहा, ‘बिहार में सनातन संस्कृति को खत्म करने की साजिश हो रही है। हमारे बच्चों को संस्कृति से अलग रखने का षड़यंत्र रचा जा रहा है। ये उन्हें पता नहीं लगने देना चाहते कि तीजियां किसको कहते हैं, जन्माष्टमी और नवमी किसको कहते हैं, नवरात्रि और सप्तमी क्या होता है, दीपावली और धनतेरस क्या होता है।’
लालू और नीतीश पर साधा निशाना
गिरिराज ने कहा कि हिंदू जातियों में विभक्त है, वोटबैंक नहीं है और जिस दिन हिंदू जातियों में एकत्रित हो गया, नीतीश कुमार को ये कानून वापस लेना पड़ेगा। ये हिंदू विरोधी कानून है। बिहार की संस्कृति और संस्कार के ऊपर प्रहार है। जब लालू यादव सीएम थे तो यहां सिम्मी का ऑफिस था। नीतीश कुमार की सरकार में पीएफआई फल-फूल रहा है। ये बिहार की जनता और बिहार का हिंदू कभी बर्दाश्त नहीं करेगा।
बिहार
पत्रकार मर्डर केस में 4 संदिग्ध गिरफ्तार, पिता ने आठ पर लगाया आरोप; सीएम नीतीश ने दिया था ऐसा आदेश

दैनिक अखबार के पत्रकार विमल यादव की हत्या मामले में पुलिस ने 4 संदिग्धों को हिरासत में लिया है। पूर्णिया के IG सुरेश चौधरी ने 4 स्पेशल को इस मामले में शामिल सभी आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए लगाया है।
अररिया में पत्रकार विमल यादव की हत्या मामले में पुलिस ने 4 संदिग्धों को हिरासत में लिया है। पुलिस उससे पूछताछ कर रही है। साथ ही इन चारों की निशानदेही के आधार पर अन्य आरोपियों की तलाश में छापेमारी कर रही है। पत्रकार विमल यादव के पिता ने इस मामले में 8 लोगों पर नामजद FIR दर्ज करवाई थी। पूर्णिया प्रमंडल के IG सुरेश चौधरी ने कहा कि इसमें मामले में स्पेशल टीम का गठन किया गया है। 4 अलग-अलग टीम इस मामले में शामिल सभी आरोपियों की तलाश में छापेमारी कर रही है। कुछ संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है।
अररिया पुलिस के अनुसार, प्रारंभिक जांच में कहा कि हत्या से पता चलता है कि “पत्रकार विमल यादव की उसके पड़ोसियों के साथ पुरानी दुश्मनी थी। आशंका है कि इसी मामले को लेकर वारदात को अंजाम दिया गया है। परिजनों का कहना है कि सुपौल जेल में बंद रूपेश ने ही हत्या की साजिश रची थी। उसने जेल से ही हत्या की सुपारी दी थी।
इधर, पत्रकार विमल यादव के परिजनों का कहा कि 4 साल पहले यानी अप्रैल 2019 में विमल यादव के छोटे भाई गब्बू यादव की हत्या कर दी गई थी। उस वक्त गब्बू यादव बेलसरा पंचायत के सरपंच थे। विमल अपने भाई की हत्याकांड के मुख्य गवाह थे। केस का स्पीडी ट्रायल चल रहा था। विमल की मुख्य गवाही होनी थी। अचानक उनकी हत्या कर दी गई। परिजनों का कहना है कि जिसने गब्बू यादव की हत्या करवाई, उसने ही विमल की हत्या की सुपारी दी है। गवाही के बाद आरोपी को डर था कि उसे उम्रकैद की सजा न हो जाए इसलिए बचने के लिए उसने ऐसा किया।
सीएम नीतीश कुमार ने दिया था यह आश्वासन
अररिया में पत्रकार की हत्या मामले में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि यह बहुत दुख की बात है। मुझे इसकी जानकारी मिली तो मैंने तुरंत अधिकारियों को कहा कि घटना के संबंध में पता करें। यहां आने से पहले मैंने ये खबर देखी है। कैसे एक पत्रकार की इस तरह हत्या हो जाती है, अधिकारी इसको देख रहे हैं। इस मामले में शामिल सभी दोषियों की जल्द से जल्द गिरफ्तारी का निर्देश दिया है।
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