मेरठ के मेडिकल में आउटसोर्सिंग कंपनी विश्वा इंटरप्राइजेज द्वारा उपलब्ध कराए गए सफाई कर्मियों का किस तरह उत्पीड़न किया जा रहा है। इसका उदाहरण है, ऐसे कर्मचारी है, जो कंपनी के रिकॉर्ड में तो मृत है, लेकिन वह यहां काम कर रहे हैं। कर्मचारियों का आरोप है कि पिछले तीन से चार साल से उनका पीएफ काटा जा रहा है, लेकिन वह कहां जा रहा है। इसकी उन्हें कोई जानकारी नही है। जब भी वह पीएफ के पैसे की मांग करते हैं तो कहा जाता है। कागजों में आपकी मौत हो चुकी है।
निजी कंपनी विश्वा इंटरप्राइजेज पर मेडिकल के आउटसोर्सिंग सफाई कर्मियों ने गंभीर आरोप लगाए है। दो कर्मचारियों ने कंपनी पर उनका प्रोविडेंट फंड हड़पने का आरोप लगाया है, साथ ही कहा कि पिछले सात साल से महज आठ हजार रुपये प्रतिमाह तनख्वाह दी जा रही है।
सफाईकर्मी राजू ने बताया वह पिछले 16 साल से मेडिकल में संविदाकर्मी के रूप में काम कर रहा है। जबकि पिछले तीन साल से निजी आउटसोर्सिंग कंपनी विश्वा इंटरप्राइजेज में उसका रजिस्ट्रेशन है, लेकिन कंपनी ने अपने पीएफ रिकार्ड में उसे मृत घोषित कर रखा है। यह बात उस समय पता चली जब जरूरत पड़ने पर राजू ने अपना पीएफ का पैसा निकालने की कोशिश की। कंपनी की ओर से हर माह पीएफ के नाम पर तनख्वाह से पैसा काटा जाता है, लेकिन वह पैसा कहां जा रहा है। इसकी उसे कोई जानकारी नहीं दी जाती। उन्हें केवल आठ हजार रुपये प्रतिमाह तनख्वाह दी जाती है। जिसमें से एक हजार रुपये पीएफ के काट लिए जाते हैं।
चार साल से निजी कंपनी विश्वा इंटरप्राइजेज में रजिस्टर्ड मंगल भी कंपनी के प्रोविडेंट फंड रिकॉर्ड में मृत है। मंगल ने बताया उसकी तनख्वाह से हर माह एक हजार रुपये पीएफ के नाम पर काट लिए जाते हैं। जब उसने कंपनी के मैनेजर से जरूरत पड़ने पर पैसे की मांग की तो उन्होंने बताया कि वह कागजों में मृत घोषित हो चुका है। इस वजह से पैसा नहीं दिया जा सकता है। पीड़ित का आरोप है पिछले चार साल से कंपनी के लिए काम कर रहा है, लेकिन आज तक उसकी तनख्वाह नीं बढ़ाई गई। जबकि लगातार महंगाई बढ़ रही है। इतना होने पर भी हर माह एक हजार रुपये काट जाते हैं।
अतुल शिवराज, फैसेलिटी मैनेजर, विश्वा ने बताया कि जब हम कर्मचारियों का पीएफ निकालते हैं तो साइबर कैफे वालों ने सारा पैसा निकालने के लिए कुछ कर्मचारियों को मृत दिखा दिया। इस वजह से इन कर्मचारियों का पैसा रुक गया है, हमने कंपनी के मुख्यालय पर यह प्रकरण भेजाहै। जल्दी ही इसका समाधान हो जाएगा।
मेरठ के मेडिकल में आउटसोर्सिंग कंपनी विश्वा इंटरप्राइजेज द्वारा उपलब्ध कराए गए सफाई कर्मियों का किस तरह उत्पीड़न किया जा रहा है। इसका उदाहरण है, ऐसे कर्मचारी है, जो कंपनी के रिकॉर्ड में तो मृत है, लेकिन वह यहां काम कर रहे हैं। कर्मचारियों का आरोप है कि पिछले तीन से चार साल से उनका पीएफ काटा जा रहा है, लेकिन वह कहां जा रहा है। इसकी उन्हें कोई जानकारी नही है। जब भी वह पीएफ के पैसे की मांग करते हैं तो कहा जाता है। कागजों में आपकी मौत हो चुकी है।
निजी कंपनी विश्वा इंटरप्राइजेज पर मेडिकल के आउटसोर्सिंग सफाई कर्मियों ने गंभीर आरोप लगाए है। दो कर्मचारियों ने कंपनी पर उनका प्रोविडेंट फंड हड़पने का आरोप लगाया है, साथ ही कहा कि पिछले सात साल से महज आठ हजार रुपये प्रतिमाह तनख्वाह दी जा रही है।
सफाईकर्मी राजू ने बताया वह पिछले 16 साल से मेडिकल में संविदाकर्मी के रूप में काम कर रहा है। जबकि पिछले तीन साल से निजी आउटसोर्सिंग कंपनी विश्वा इंटरप्राइजेज में उसका रजिस्ट्रेशन है, लेकिन कंपनी ने अपने पीएफ रिकार्ड में उसे मृत घोषित कर रखा है। यह बात उस समय पता चली जब जरूरत पड़ने पर राजू ने अपना पीएफ का पैसा निकालने की कोशिश की। कंपनी की ओर से हर माह पीएफ के नाम पर तनख्वाह से पैसा काटा जाता है, लेकिन वह पैसा कहां जा रहा है। इसकी उसे कोई जानकारी नहीं दी जाती। उन्हें केवल आठ हजार रुपये प्रतिमाह तनख्वाह दी जाती है। जिसमें से एक हजार रुपये पीएफ के काट लिए जाते हैं।
चार साल से निजी कंपनी विश्वा इंटरप्राइजेज में रजिस्टर्ड मंगल भी कंपनी के प्रोविडेंट फंड रिकॉर्ड में मृत है। मंगल ने बताया उसकी तनख्वाह से हर माह एक हजार रुपये पीएफ के नाम पर काट लिए जाते हैं। जब उसने कंपनी के मैनेजर से जरूरत पड़ने पर पैसे की मांग की तो उन्होंने बताया कि वह कागजों में मृत घोषित हो चुका है। इस वजह से पैसा नहीं दिया जा सकता है। पीड़ित का आरोप है पिछले चार साल से कंपनी के लिए काम कर रहा है, लेकिन आज तक उसकी तनख्वाह नीं बढ़ाई गई। जबकि लगातार महंगाई बढ़ रही है। इतना होने पर भी हर माह एक हजार रुपये काट जाते हैं।
अतुल शिवराज, फैसेलिटी मैनेजर, विश्वा ने बताया कि जब हम कर्मचारियों का पीएफ निकालते हैं तो साइबर कैफे वालों ने सारा पैसा निकालने के लिए कुछ कर्मचारियों को मृत दिखा दिया। इस वजह से इन कर्मचारियों का पैसा रुक गया है, हमने कंपनी के मुख्यालय पर यह प्रकरण भेजाहै। जल्दी ही इसका समाधान हो जाएगा।
निजी कंपनी विश्वा इंटरप्राइजेज पर मेडिकल के आउटसोर्सिंग सफाई कर्मियों ने गंभीर आरोप लगाए है। दो कर्मचारियों ने कंपनी पर उनका प्रोविडेंट फंड हड़पने का आरोप लगाया है, साथ ही कहा कि पिछले सात साल से महज आठ हजार रुपये प्रतिमाह तनख्वाह दी जा रही है।
सफाईकर्मी राजू ने बताया वह पिछले 16 साल से मेडिकल में संविदाकर्मी के रूप में काम कर रहा है। जबकि पिछले तीन साल से निजी आउटसोर्सिंग कंपनी विश्वा इंटरप्राइजेज में उसका रजिस्ट्रेशन है, लेकिन कंपनी ने अपने पीएफ रिकार्ड में उसे मृत घोषित कर रखा है। यह बात उस समय पता चली जब जरूरत पड़ने पर राजू ने अपना पीएफ का पैसा निकालने की कोशिश की। कंपनी की ओर से हर माह पीएफ के नाम पर तनख्वाह से पैसा काटा जाता है, लेकिन वह पैसा कहां जा रहा है। इसकी उसे कोई जानकारी नहीं दी जाती। उन्हें केवल आठ हजार रुपये प्रतिमाह तनख्वाह दी जाती है। जिसमें से एक हजार रुपये पीएफ के काट लिए जाते हैं।
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अतुल शिवराज, फैसेलिटी मैनेजर, विश्वा ने बताया कि जब हम कर्मचारियों का पीएफ निकालते हैं तो साइबर कैफे वालों ने सारा पैसा निकालने के लिए कुछ कर्मचारियों को मृत दिखा दिया। इस वजह से इन कर्मचारियों का पैसा रुक गया है, हमने कंपनी के मुख्यालय पर यह प्रकरण भेजाहै। जल्दी ही इसका समाधान हो जाएगा।