एनसीआरटीसी को नई दिल्ली में आयोजित एक समारोह में 15वें निर्माण उद्योग विकास परिषद (सीआईडीसी) विश्वकर्मा पुरस्कार 2024 के तहत तीन प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। एनसीआरटीसी को निर्माण, सामग्री, आपूर्ति, सेवाओं और निर्माण क्षेत्र से संबंधित किसी भी क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ और व्यावसायिक रूप से प्रबंधित 2500 करोड़ रुपये से अधिक टर्नओवर वाले संगठनों की श्रेणी में अचीवमेंट अवार्ड (उपलब्धि पुरस्कार) प्राप्त हुआ है।
इसके साथ ही एनसीआरटीसी को दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर के लिए सोशल डेवेलपमेंट एंड इम्पैक्ट और बेस्ट कन्स्ट्रक्शन प्रोजेक्ट के लिए भी दो अचीवमेंट अवार्ड प्राप्त हुए हैं।
विश्वकर्मा पुरस्कार निर्माण क्षेत्र में अनुकरणीय योगदान और उपलब्धियों की सराहना और प्रोत्साहन देने के लिए प्रदान किए जाते हैं। सीआईडीसी भारतीय निर्माण उद्योग के भीतर शीर्ष निकाय है जो सर्वोत्तम निर्माण प्रक्रियाओं को बढ़ावा देने की दिशा में लगातार काम करने के लिए समर्पित है।
एनसीआरटीसी दिल्ली से मेरठ के बीच देश के पहले रीज़नल रैपिड ट्रांसिट सिस्टम (आरआरटीएस) को कार्यान्वित कर रहा है, जो राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में महानगरीय और बड़े शहरों, कस्बों और शहरी नोड्स को जोड़ने वाली एक रेल-आधारित उच्च गति और हाई फ्रिक्वेंसी वाली क्षेत्रीय पारगमन प्रणाली है। इसका उद्देश्य बेहतर पहुंच के माध्यम से यात्रियों को सशक्त बनाना और एनसीआर के आर्थिक और सामाजिक विकास को बढ़ावा देना है, जिससे लोगों की रोज़मर्रा की जीवनशैली भी विकसित होगी।
दिल्ली, गाजियाबाद और मेरठ जैसे घनी आबादी और भीड़भाड़ वाले शहरों में भारत की पहली आरआरटीएस परियोजना के कार्यान्वयन में एनसीआरटीसी के सामने बड़ी चुनौतियाँ आईं। इस परियोजना के तहत भीड़भाड़ वाली सड़कों, वॉटर बोडीज़ और रेलवे लाइनों को पार करने के लिए वायडक्ट, अंडरग्राउंड सेक्शन और स्पेशल स्टील स्पैन बनाने की आवश्यकता पड़ी, जिसके लिए संबन्धित हितधारकों के साथ भी समन्वय किया गया। इन बाधाओं के बावजूद, एनसीआरटीसी ने सावधानीपूर्ण प्लानिंग के जरिए कुशल लॉजिस्टिक्स प्रबंधन और न्यू इंजीनियरिंग समाधानों के माध्यम से सफलतापूर्वक काम पूरा किया। इस रणनीतिक दृष्टिकोण ने एनसीआरटीसी को कोविड-19 महामारी से उत्पन्न अभूतपूर्व चुनौतियों के बीच भी परियोजना को समयसीमा के भीतर पूरा करने की दिशा में सक्षम बनाया।
आरआरटीएस कॉरिडोर पर चलने वाली नमो भारत ट्रेनों की डिज़ाइन गति 180 किमी/घंटा और परिचालन गति 160 किमी/घंटा है। आरआरटीएस तेज़, विश्वसनीय, सुरक्षित, आरामदायक, कुशल और टिकाऊ परिवहन समाधान प्रदान कर रहा है और दिल्ली को गाजियाबाद, मुरादनगर, मोदीनगर और मेरठ के शहरी केंद्रों से जोड़ रहा है।
माननीय प्रधान मंत्री ने हाल ही में 6 मार्च 2024 को दुहाई से मोदी नगर नॉर्थ आरआरटीएस स्टेशन तक 17 किलोमीटर के अतिरिक्त खंड पर नमो भारत ट्रेन सेवाओं का उद्घाटन किया। वर्तमान में, दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर पर साहिबाबाद और मोदी नगर नॉर्थ के बीच 34 किलोमीटर के सेक्शन में नमो भारत ट्रेन सेवाएँ संचालित हैं। इस सेक्शन में कुल आठ स्टेशन शामिल हैं, जबकि कॉरिडोर के लिए बनाए जा रहे अन्य स्टेशनों का निर्माण कार्य तेजी से प्रगति कर रहा है। दिल्ली से मेरठ तक सम्पूर्ण कॉरिडोर की लंबाई 82 किमी है, जिसे जून 2025 की लक्षित समयसीमा से पहले संचालित करने का लक्ष्य है।