स्वास्थ्य
नई तकनीक से घुटनों की रिप्लेसमेंट सर्जरी हुई आसान: डॉ. अतुल मिश्रा

मेरठ। हमारे देश में घुटनों का दर्द तथा घुटनों की अर्थराइटिस एक बहुत ही आम तथा गंभीर समस्या बन गई है, इसका सबसे मुख्य कारण ओस्टियो आर्थराइटिस है, जिसमें उम्र बढ़ने की वजह से घुटनों का कार्टिलेज घिस जाता है, जिससे कि घुटनों में दर्द एवं गंभीर अवस्था में घुटनों में टेढ़ापन आ जाता है। उक्त जानकारी फोर्टिस हॉस्पिटल नोएडा के वरिष्ठ हड्डी रोग सर्जन एवं हैड ऑफ़ डिपार्टमेंट डॉ. अतुल मिश्रा ने मीडिया से बातचीत के दौरान दी।
उन्होंने बताया, शुरुआती अवस्था में दवाइयों तथा व्यायाम से आराम आ जाता है, पर जो घुटने बहुत ही खराब अवस्था में पहुंच जाते है, तब ज्वाइंट रिप्लेसमेंट के अलावा कोई भी अन्य विकल्प नहीं होता है, घुटने की रिप्लेसमेंट सर्जरी के आश्चर्यजनक परिणाम होते हैं, जिससे कि घुटने का टेढ़ापन ठीक हो जाता है, दर्द दूर हो जाता है और मरीज की कार्य करने की क्षमता बढ़ जाती है। इन्हीं सब खूबियों के कारण आज लाखों लोग सर्जरी कराकर इस अद्भुत तकनीक का फायदा उठा रहे हैं, पर कई मरीज गंभीर रूप से गठिया से पीड़ित होने के बावजूद कई भ्रांतियों व गलतफहमी की वजह से सर्जरी कराने से कतराते हैं व डरते हैं।
स्वास्थ्य
अंतरराष्ट्रीय दिव्यांगजन सशक्तिकरण दिवस का आयोजन

मेरठ। प्राथमिक विद्यालय पुलिस लाइन गेट नंबर 4 मेरठ नगर के प्रांगण में अंतरराष्ट्रीय दिव्यांगजन सशक्तिकरण दिवस का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि ऊर्जा मंत्री सोमेंद्र तोमर द्वारा मां सरस्वती की प्रतिमा पर दीप प्रचलित कर किया गया। कार्यक्रम में विशेष अतिथि में मुख्य विकास अधिकारी महोदय मेरठ सुश्री नूपुर गोयल का स्वागत बुके देकर तथा मोमेंटो को देखकर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी आशा चौधरी द्वारा किया गया। कार्यक्रम के अंतर्गत परिषदीय विद्यालयों में अध्ययनरत मेरठ जनपद के दिव्यांग बच्चों को खेलकूद जिसमें रस्साकसी, कुर्सी दौड़, 50 मीटर दौड़, गायन, चित्रकला, छूकर पहचानो आदि प्रतियोगिताओं का आयोजन कर विजेता रहे प्रतिभागियों को गणमान्य द्वारा पुरस्कृत किया गया। मंत्री द्वारा अपने उद्बोधन में दिव्यांग बच्चों को शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़े जाने वह उनके चौमुखी विकास के उद्देश्यों की पूर्ति हेतु विभाग द्वारा किए जा रहे कार्यों की भूरि-भूरि प्रशंसा की गई और दिव्यांग बच्चों को शुभकामनाएं प्रदान की गई। मुख्य विकास अधिकारी द्वारा दिव्यांग बच्चों को होम पेज किट, लो विजन किट, ब्रेल किट, हियरिंग एड, ट्राई साइकिल, व्हीलचेयर, कैलिपर्स प्रदान किया गया। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी महोदया द्वारा मुख्य अतिथियों एवं गणमान्य का कार्यक्रम में उपस्थित होने हेतु आभार व्यक्त किया गया एवं बच्चों एवं उनके अभिभावकों को शिक्षा की मुख्य धारा से जुड़े रहने का आह्वान किया गया। जिला समन्वयक समे० शि० हरेंद्र शर्मा द्वारा कार्यक्रम का संचालन किया गया एवं मंच संचालन श्रीमती नीलम द्वारा किया गया। कार्यक्रम में सभी विकास खंडों के खंड शिक्षा अधिकारी, सभी जिला समन्वयक, प्रधानाध्यापक एवं सहायक अध्यापक उपस्थित रहे। कार्यक्रम को सफल बनाने में समस्त विशेष अध्यापक एवं फिजियोथैरेपिस्ट समे०शि०, मेरठ का विशेष सहयोग रहा।
स्वास्थ्य
बदलते परिवेश में योग, आध्यात्म, संतुलित आहार, शांति एवं नींद/ विश्राम का महत्व पर एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी

मेरठ। राष्ट्रीय राजमार्ग बाईपास स्थित वेंकटेश्वर संस्थान के लिए आज का दिन बेहद खास रहा। वेंकटेश्वरा समूह के अध्यक्ष डॉक्टर सुधीर गिरी के विशेष निमंत्रण पर युगांडा में भारत के राजदूत वरिष्ठ आईएफएस अधिकारी श्री यू एस रावत ने तेजी से बदलते परिवेश में संतुलित खान-योग आध्यात्म शांति एवं नींद का महत्व विषय पर एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय व्याख्यान दिया। उन्होंने बताया कि किस तरह आज भारत की समृद्ध ऐतिहासिक विरासत योग एवं आध्यात्म को पाश्चात्य देशों ने तो पूरी तरह से आत्मसात कर लिया है, जबकि हम अपनी ऐतिहासिक विरासत से विमुख होते जा रहे हैं। यह स्वस्थ जीवन शैली के लिए एक बड़ा खतरा होने के साथ-साथ राष्ट्र विकास को भी अवरुद्ध करता है।
श्री वेंकटेश्वरा विश्वविद्यालय/ संस्थान के डॉक्टर सी सी रमन सभागार में तेजी से बदलते परिवेश में योग आध्यात्मिक संतुलित आहार शांति एवं नींद का महत्व विषय पर आयोजित अंतरराष्ट्रीय सेमिनार का शुभारंभ समूह अध्यक्ष डॉक्टर सुधीर गिरी, युगांडा में भारत के राजदूत/ हाई कमिश्नर श्री यू एस रावत, प्रधान सलाहकार प्रोफेसर वीपीएस अरोड़ा, प्रतिकूलाधिपति डॉ राजीव त्यागी, कमांडेंट श्री डीएस रावत आदि ने सरस्वती मां की प्रतिमा के सम्मुख दीप प्रज्वलित करके किया।
अपने संबोधन में मुख्य अतिथि/ वक्ता युगांडा में भारत के राजदूत श्री यू एस रावत ने कहा कि आज पूरा विश्व अच्छी शिक्षा, स्वास्थ्य, योग, आध्यात्म एवं वैश्विक मुद्दों पर भारत को “फॉलो” कर रहा है, लेकिन हमारे युवा पीढ़ी पाश्चात्य चमक दमक से दुष्प्रभावित होकर अनियमित दिनचर्या, जंक फूड और नशाखोरी की जकड़ में पड़ती जा रही है, यह किसी भी राष्ट्र के विकास के लिए शुभ संकेत नहीं है। योग, आध्यात्म, संतुलित आहार, शांति एवं अच्छी नींद यह स्वस्थ एवं सुखी जीवन के पांच तत्व हैं, इन्हें अपनाकर ही भारत विश्व गुरु बनने की राह पर चल पड़ा है।
वेंकटेश्वरा समूह के अध्यक्ष डॉ सुधीर गिरि ने कहा कि भारत की समृद्ध विरासत योग एवं आध्यात्म के बल पर युवा पीढ़ी के हॉलिस्टिक डेवलपमेंट से आज भारत दुनिया का सिरमौर है, सरताज है। उन्होंने सभी युवाओं से पाशश्चात जीवन शैली को पूरी तरह छोड़कर ऊपर दिए गए पांच तत्व अपने की अपील की। अंतरराष्ट्रीय सेमिनार को प्रतिकुलाधिपति डॉ राजीव त्यागी एवं दिल्ली कमांडेंट डीएस रावत ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर सीईओ अजय श्रीवास्तव, कुलपति डॉ राकेश यादव, कुलसचिव पीयूष पांडे, डॉ लक्ष्मण सिंह रावत, डॉ दिव्या गिरधर, डॉ राजेश सिंह, डॉ योगेश्वर शर्मा, डॉ अनिल जायसवाल, डॉ एस एन साहू, मेरठ परिसर निर्देशक डॉ प्रताप सिंह, अरुण गोस्वामी, डॉ दिनेश सिंह, सुनील कुमार भगवानिया, मारूफ चौधरी, मीडिया प्रभारी विश्वास राणा आदि लोग उपस्थित रहे। कार्यक्रम का शानदार संचालन आशी नायर ने किया।
स्वास्थ्य
कैंसर, लीवर फेल, किडनी फेल और थैलेसीमिया का इलाज आयुर्वेद से संभव,” कहा आचार्य मनीष और डॉ. बीआरसी ने ‘द सर्कैडियन डॉक्टर’ पुस्तक के लॉन्च कार्यक्रम में।

मेरठ : सिरी फोर्ट ऑडिटोरियम, नई दिल्ली में एक महत्वपूर्ण सभा में, हिम्स के संस्थापक, प्रसिद्ध आचार्य मनीष ने आयुर्वेद की अविश्वसनीय उपचार क्षमता में परिवर्तनकारी अंतर्दृष्टि साझा की। शंकाओं को दूर करते हुए और आशा जगाते हुए, आचार्य मनीष ने कैंसर, लीवर फेल, किडनी फेल और थैलेसीमिया जैसी जटिल बीमारियों के इलाज में आयुर्वेद की प्रभावशीलता पर जोर दिया। उनके भावपूर्ण प्रवचन ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। उन्होंने प्राचीन ज्ञान पर प्रकाश डाला जो समग्र उपचार का मार्ग प्रशस्त करता है।
शाम की गूंज को बढ़ाते हुए, डॉ. बिस्वरूप रॉय चौधरी, जिन्हें डॉ. बीआरसी के नाम से भी जाना जाता है, ने अपनी अभूतपूर्व पुस्तक ‘द सर्कैडियन डॉक्टर’ का अनावरण किया, जो लोगो के कल्याण के लिए एक क्रांतिकारी दृष्टिकोण पेश करती है। सिरी फोर्ट ऑडिटोरियम में इस सहक्रियात्मक कार्यक्रम ने न केवल आयुर्वेद की जीत का जश्न मनाया, बल्कि स्वास्थ्य और जीवन शक्ति के लिए वैकल्पिक रास्ते तलाशने वालों के लिए आशा की किरण भी दिखाई। इसके साथ ही, आयोजन स्थल पर आपातकालीन स्थिति और दर्द प्रबंधन के लिए वासो-स्टिम्यूलेशन थेरेपी भी शुरू की गई।
कार्यक्रम में, डॉक्टरों और मरीजों ने किडनी, कैंसर, लीवर, शुगर, बीपी और हृदय रोगों को उलटने में हिम्स की सफलता की पुष्टि की। व्यक्तियों को अपना डॉक्टर बनाने की दृष्टि से प्रेरित, हिम्स में आचार्य मनीष और उनकी टीम ने बीमारियों से लड़ने के लिए शरीर की आंतरिक शक्ति बढ़ाने पर जोर दिया।
द सर्कैडियन डॉक्टर के बारे में बात करते हुए, डॉ. बीआरसी ने कहा, “द सर्कैडियन डॉक्टर सिर्फ एक किताब नहीं है; यह हमारे स्वास्थ्य के प्रति दृष्टिकोण में एक आदर्श बदलाव है। हमारे शरीर की प्राकृतिक लय को समझने और उसके साथ तालमेल बिठाकर, हम पुरानी बीमारियों को रोकने और उलटने के लिए खुद को सशक्त बनाते हैं। ”
“द सर्कैडियन डॉक्टर” सर्कैडियन रिदम की समझ पर प्रकाश डालता है, जो स्वास्थ्य को नियंत्रित करने वाली एक समयबद्ध मानवीय घटना है। डॉ. बीआरसी ने इस बात पर जोर दिया कि सर्कैडियन क्लॉक को सही करना पुरानी और जीवनशैली से संबंधित बीमारियों को रोकने और उलटने में महत्वपूर्ण हो सकता है।
समग्र स्वास्थ्य के बारे में बात करते हुए, आचार्य मनीष ने कहा, “हिम्स आयुर्वेद में, हम शरीर की जन्मजात उपचार शक्ति में विश्वास करते हैं। हमारा एकीकृत दृष्टिकोण, प्राचीन आयुर्वेदिक ज्ञान को आधुनिक चिकित्सा पद्धतियों के साथ जोड़कर, विभिन्न प्रकार की बीमारियों के इलाज में सफल साबित हुआ है, जो आशा प्रदान करता है।”
आयुर्वेद को बढ़ावा देने के अपने अथक प्रयासों में, आचार्य मनीष ने समग्र स्वास्थ्य देखभाल समाधान चाहने वाले रोगियों के लिए हिम्स को आशा की किरण के रूप में सामने लाया है। हिम्स बहु-विषयक दृष्टिकोण का उपयोग करके बीमारियों का इलाज करता है, जिसमें आयुर्वेद, एलोपैथी, यूनानी, प्राकृतिक चिकित्सा, होम्योपैथी और बहुत कुछ शामिल है। मरीज़ों की देखभाल के प्रति अस्पताल की प्रतिबद्धता उन व्यक्तियों की सफलता की कहानियों में स्पष्ट है, जिन्होंने किडनी फेल, लिवर विफलता, थैलेसीमिया और कैंसर जैसी स्थितियों से उबरने का अनुभव किया है। हिम्स केंद्र भारत के कई अन्य शहरों जैसे डेराबस्सी, चंडीगढ़, लखनऊ, नवी मुंबई, ठाणे, संगरूर, भागलपुर, गुरुग्राम, लुधियाना, अमृतसर, जालंधर, दिल्ली और गोवा में भी स्थापित किए गए हैं। पूरे देश में 200 से अधिक विशेषज्ञ डॉक्टर इन केंद्रों में अपनी सेवाएं प्रदान कर रहे हैं।
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