उत्तरप्रदेश परिवहन निगम के हर जिम्मेदार अधिकारी को विभाग की तरफ से अब सीयूजी नम्बर की सौगात दी गई है, अब तक ऐसा नहीं था। जिसकी वजह से निगम की बसों में यात्रा करने वाले यात्रियों को अगर कोई सुझाव या शिकायत देना होता था तो कई बार अफसरों तक उनका सन्देश पहुंच जाता था और कई बार ऐसा नहीं होता था।
अब राज्य मुख्यालय से प्रदेशभर में हर पद के लिए एक अलग नम्बर निर्धारित कर दिया गया है, जिससे निश्चित ही अब यात्रियों को अगर किसी भी जगह यात्रा के समय में कोई समस्या आती है तो पदनाम के साथ जारी किए गए नम्बरों पर सम्पर्क करके निगम के जिम्मेदारों तक परिवहन निगम से जुड़ी समस्याओं से लेकर सुझाव तक यात्री दे सकेंगे।
इस बारे में मेरठ परिक्षेत्र के आरएम के के शर्मा ने बातचीत के दौरान कहा कि परिवहन विभाग निरंतर यात्रियों की बेहतरी के लिए प्रयासरत है।
ऐसे में उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम अब विभाग में जिम्मेदारों को पदनाम के साथ मोबाईल नम्बर उपलब्ध करा रहा है। उन्होंने कहा कि अब तक अधिकारी के नाम पर मोबाईल नम्बर थे। जिससे तब अधिक समस्या आती थी जब किसी भी डिपो में तैनात अधिकारी का स्थानांतरण या फिर रिटायरमेंट हो जाता था। क्योंकि अधिकारियों का मोबाईल नंबर ही यात्रियों की सुविधा के लिए भी बसों में अंकित किए जाते थे।
परिवहन निगम के मेरठ परिक्षेत्र के क्षेत्रीय प्रबंधक के के शर्मा ने बताया कि प्रदेश मुख्यालय से प्रदेशभर में नए सीयूजी नम्बर जारी कर दिए हैं। उन्होंने कहा कि अब प्रदेश की सड़कों पर चलने वाली बसों में संबंधित डिपो के आरएम, एआरएम के नवीन सीयूजी नम्बर प्रत्येक बस में भी अंकित कराए जा रहे हैं, ताकि किसी भी यात्री को यात्रा में कोई भी असुविधा है या फिर कोई भी सूचना अधिकारियों तक देनी है तो आसानी से वह सूचना विभाग तक पहुंच सके।
इस बारे में मेरठ डिपो के सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक ने बताया कि जो पुराने नंबर होते थे, तो अगर अधिकारी का ट्रांसफर होता था तो वह मोबाइल नम्बर भी अधिकारी अपने साथ ही लेकर चला जाता था। इससे समस्या यह होती थी कि जरूरत पड़ने पर यात्री अगर उस नम्बर को मिलाते थे तो उन्हें निगम की बसों में वही नम्बर सम्पर्क के लिए लिखा मिलता था। जिससे कि यात्रियों को काफी असुविधा होती थी।
होता यह था कि वह अपनी बात जरूरत पड़ने पर नहीं रख पाते थे। जिससे समय पर सही सूचना भी नहीं मिल पाती थी।
उन्होंने कहा कि अभी सभी जगहों पर नए सीयूजी नम्बर दे दिए गए हैं। सभी बसों में मेरठ में भी वह नम्बर पदनाम के साथ लगा दिए गए हैं। ताकि अगर जनता का रोडवेज से सम्बंधित कोई असुविधा होने को लेकर बात करनी हो या सुझाव देना हो तो अब आसानी से उन नम्बरों पर सम्पर्क करके सुझाव दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि अब अगर किसी भी रोडवेज बस डिपो के अधिकारी का स्थानांतरण भी अगर हो जाता है या फिर सेवानिवृत्त भी अधिकारी हो जाता है तो भी अब यह नम्बर यथावत रहेंगे।