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कृषि

पौधरोपण जागरूकता के लिए अनूठी पहल दूल्हा दुल्हन बनेंगे पौधे।

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मेरठ।  वन विभाग ने पौधारोपण के प्रति लोगों को  जागरूकता के लिए अनूठी पहल की है। मेरठ में पौधों को दूल्हा, दुल्हन बनाकर उनकी बारात निकाली जाएगी। बैंड बाजे के साथ यह बारात निकलेगी। बारात में स्कूली बच्चे, सामाजिक संगठन के लोग बाराती होंगे। सांसद राजेंद्र अग्रवाल और वन विभाग अधिकारी बारात का तिलक कर उसे निकलवाएंगे। जनता उसमें बाराती बनकर घूमेगी। मेरठ वन विभाग ने पौधरोपण के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए यह अनूठी पहल की है। जिसमें अनोखा कार्यक्रम पौधों की बारात रखा गया है। 18 जुलाई को शास्त्री नगर से यह बारात निकलेगी।

डीएफओ राजेश कुमार ने सोमवार ने बताया कि वन विभाग द्वारा 28 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया है जो अभियान 22 जुलाई से शुरू होगा जिसमें जनपद के सभी विभाग प्रतिभाग करेंगे और अभियान का हिस्सा बनेंगे। सभी को अपने अपने क्षेत्र में पौधारोपण अवश्य करना होगा। पौधे लगाने के साथ-साथ उनकी सुरक्षा का जिम्मा भी सभी को दिया जाएगा और मॉनिटरिंग भी समय-समय पर की जाएगी। बताया गया कि किसानों को भी इस अभियान से जोड़ा जाएगा और किसानों द्वारा खेतों की मेड़ पर पौधे लगवाने का कार्य किया जाएगा और उन्हें इस कार्य के लिए प्रोत्साहन राशि भी दी जाएगी। इस अभियान के लिए वन विभाग ने एक स्लोगन भी तैयार किया गया है “पेड़ लगाएं और पेड़ बचाएं।

22 जुलाई को होगा वृहद पौधरोपण

22 जुलाई को इंटरनेशनल डे ऑफ फारेस्ट मनाया जाना है। इसके लिए पूरे प्रदेश में वृहद स्तर पर तमाम आयोजन हो रहे हैं। मेरठ में भी प्रभारी मंत्री 22 जुलाई को आकर पौधरोपण अभियान में शामिल होंगे ऐसी संभावना है। वन विभाग 22 जुलाई के वृहद पौधरोपण अभियान के लिए तैयारियां कर रहा है। प्रशासन स्तर पर सभी विभागों को पौधरोपण करने का लक्ष्य दिया गया है। सभी अफसरों को इसमें शामिल होकर अभियान को सफल बनाना है। वहीं सेक्टर, जोनल मजिस्ट्रेट की नियुक्ति कर पौधरोपण अभियान चलाया जाएगा।

सर्वधर्म वाटिकाओं को करेंगे विकसित

डीएफओ ने बताया कि पेड़ लगाने के साथ उनका संरक्षण जरूरी है। यह अभियान सफल हो इसलिए कई कार्यक्रम तय किए हैं। हस्तिनापुर सहित शहर के अन्य स्थानों पर जमीन चिन्हित की है। यहां सर्वधर्म वाटिकाएं विकसित करेंगे। सर्वधर्म वाटिकाओं में हर धर्म के लोगों, धर्मगुरुओं को बुलाकर पौधरोपण कराएंगे। शहर में अलग अलग जगहों पर संबंधित धर्म से जुड़े धार्मिक महत्व के पौधों को रोपित कराएंगे। इस कार्य में धर्मगुरुओं से पूरी राय ली जा रही है। इन वाटिकाओं में संबंधित धर्म से जुड़े पौधे लगाएंगे। आरडब्लूए, स्कूल, कॉलेज, कोचिंग, एनजीओ, सरकारी विभाग, मीडियाकर्मियों और स्वास्थ्य विभाग, पुलिस, सेना, राजनीतिक दलों और प्रधानों की हेल्प लेकर भी वाटिकाएं विकसित कर पौधरोपण कराएंगे।

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कृषि

बैंक ऑफ बडौदा का मेगा किसान मेले का आयोजन

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मेरठ। बैंक ऑफ़ बड़ौदा ने भारतीय किसानों के लिए वार्षिक संपर्क कार्यक्रम बड़ौदा किसान पखवाड़ा के छठे संस्करण के अंतर्गत मेरठ में मेगा किसान मेले का आयोजन किया।

बड़ौदा किसान पखवाड़ा के माध्यम से बैंक किसानों के साथ जुड़ने और बैंक द्वारा की गई विभिन्न कृषि आधारित पहलों तथा कृषि उत्पादों और योजनाओं के बारे में किसानों को जागरूक करने का प्रयास कर रहा है।भारत के अग्रणी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में से एक बैंक ऑफ़ बड़ौदा ने आज भारतीय कृषि अर्थव्यवस्था पर केंद्रित एक पखवाड़े तक चलने वाले बैंक के वार्षिक संपर्क कार्यक्रम बडौदा  किसान पखवाड़ा के छठे संस्करण के अंतर्गत बैंक के बरेली अंचल द्वारा शुक्रवार 24 नवंबर 2023 को सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं  प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ उत्तरप्रदेश में एक मेगा किसान मेले का आयोजन किया। किसानों से जुड़ाव के लिए समर्पित यह कार्यक्रम 16 नवंबर 2023 से शुरू होकर 30 नवंबर 2023 को बड़ौदा किसान दिवस समारोह के साथ सम्पन्न होगा। बैंक ने विभिन्न आउटरीच कार्यक्रमों के माध्यम से बड़ौदा किसान पखवाड़ा के दौरान बरेली अंचल में 80 000 किसानों तक पहुंचने का लक्ष्य रखा है। बरेली अंचल में मेरठ आगरा बरेली मुरादाबाद और शाहजहाँपुर सहित उत्तर प्रदेश का पश्चिमी भाग शामिल है।
मेरठ में मेगा किसान मेले का उद्घाटन बैंक ऑफ बड़ौदा के कार्यपालक निदेशक  लाल सिंह और बैंक ऑफ बड़ौदा के बरेली अंचल के महाप्रबंधक और अंचल प्रमुख  एम अनिल ने किया।इस अवसर पर बैंक ऑफ़ बड़ौदा के कार्यपालक निदेशक  लाल सिंह  ने बताया कि बैंक ऑफ़ बड़ौदा के पास कृषक ग्राहकों का एक मजबूत आधार है और हम कृषि क्षेत्र को सेवा प्रदान करने वाले अग्रणी बैंकों में से एक है। हमें मेरठ में इस विशाल किसान मेले का आयोजन करते हुए खुशी हो रही है  उत्तर प्रदेश के बरेली अंचल की 350 से अधिक शाखाएँ इस वर्ष के बड़ौदा किसान पखवाड़े में भाग ले रही है। हम किसान बैठकें चौपाल और किसान मेले जैसे कई कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं जो हमें कृषक समुदाय के साथ संपर्क बढ़ाने और हमारे सम्मानित कृषक ग्राहकों की बैंकिंग और उनकी वित्तपोषण संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद करेंगे।
बैंक ऑफ बड़ौदा की बरेली अंचल में 516 शाखाएँ हैं जिनमें से 368 अर्ध.शहरी ग्रामीण शाखाएँ हैं। कृषि ऋण स्वर्ण ऋण ट्रैक्टर ऋण और स्वयं सहायता समूहों ;एसएचजी को ऋणों की बरेली अंचल के कृषि ऋणों में महत्वपूर्ण भूमिका है 2022 में आयोजित बड़ौदा किसान पखवाड़ा के दौरान बैंक ऑफ बड़ौदा बरेली अंचल ने किसान मेले चौपाल मिट्टी परीक्षण और पशु चिकित्सा जांच शिविर आदि जैसे 800 से अधिक कार्यक्रम आयोजित किए थे और इस अवधि के दौरान 40 000 से अधिक किसानों को जोड़ा गया। आयोजन भारत सरकार द्वारा शुरू की गई विभिन्न आत्मनिर्भर भारत योजनाओं जैसे कृषि अवसंरचना निधि ;एआईएफ पशुपालन अवसंरचना विकास निधि ;एएचआईडीएफ प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना ;पीएमएसएसवाई पीएम सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यम योजना;पीएम.एफएमई आदि को बढ़ावा देने में भी मदद करेगा।
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कृषि क्षेत्र में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी पर पांच दिवसीय लघु अवधि पाठ्यक्रम सम्पन्न

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मेरठ।  इन-स्पेस, इसरो, एआईसीटीई,एमआईटी मेरठ और इंद्रप्रस्थ इंजीनियरिंग कॉलेज साहिबाबाद के संयुक्त प्रयासों से कृषि क्षेत्र में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी पर पांच दिवसीय लघु अवधि पाठ्यक्रम का समापन हुआ।

इस दौरान कार्यक्रम के समापन सत्र में इन-स्पेस के संवर्धन निदेशालय के निदेशक डॉ. विनोद कुमार, डॉ. वी.एम चौधरी, समूह निदेशक, एनआरएससी/इसरो, डॉ. राजेंद्र सिंह, निदेशक शोध एवं विकास, एमआईटी, मेरठ (पूर्व वैज्ञानिक आईएआरआई/आईसीएआर), एमआईटी के वाइस चेयरमैन पुनीत अग्रवाल और इन-स्पेस के पीआर गौरव कुमार ने सभी प्रतिभागियों को पाठ्यक्रम पूर्णता प्रमाण पत्र प्रदान किये।

पाठ्यक्रम समन्वयक डॉ. राजेंद्र सिंह ने बताया कि देश भर से स्टार्टअप,शोध छात्र, शिक्षाविद् और उद्योग जगत से 40 से अधिक शिक्षकों ने पाठ्यक्रम में भाग लिया। कार्यक्रम में 5 दिनों तक वरिष्ठ वैज्ञानिकों एवं शिक्षाविदों ने फसल क्षेत्र का अनुमान एवं उत्पादन पूर्वानुमान, कृषि भूमि निगरानी, हानिकारक कीट रोग का पता लगाना एवं घटना का पूर्वानुमान, फसल प्रणाली विश्लेषण, मृदा मानचित्रण एवं निगरानी, कृषि सुखा आकलन एवं निगरानी, बागवानी सुखा आकलन, जल संसाधन निगरानी आदि विषयों पर चर्चा की। इस पाठ्यक्रम में पौधों में पोषक तत्वों की कमी के लक्षणों के अध्ययन, सटीक कृषि के लिए सेंसिंग तथा विश्लेषण में प्रगति और फाइटोट्रॉन प्रौद्योगिकी के मौलिक अनुप्रयोगों जैसे विषय भी शामिल हैं। इसमें कृषि के व्यावहारिक पहलुओं पर ध्यान केंद्रित किया गया है, जिसमें मिट्टी का नमूना लेना, मिट्टी का प्रसंस्करण, ड्रोन और रोबोट प्रदर्शन और मिट्टी के विश्लेषण के तरीके शामिल हैं।

इन-स्पेस के संवर्धन निदेशालय के निदेशक डॉ. विनोद कुमार ने कहा की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में भारत सरकार ने अंतरिक्ष क्षेत्र में ऐतिहासिक सुधार शुरू किए हैं। इन अंतरिक्ष सुधारों का उद्देश्य निजी क्षेत्र की भागीदारी के माध्यम से भारत को वैश्विक स्तर पर अग्रणी अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था बनाना है। इस प्रकार के पाठ्यक्रम से हमारे किसानों को अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी से जोड़कर फायदा मिलेगा।इस दौरान पुनीत अग्रवाल, डॉ राजेंद्र सिंह, वंदना यादव, अजय चौधरी, गौरव अग्रवाल, अखिल गौतम आदि का योगदान रहा।

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कृषि

आपूर्ति में कमी के कारण टमाटर के भाव फिर उछले, मदर डेयरी स्टोर्स पर 259 रुपये प्रति किलो हुआ रेट

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केंद्र सरकार के हस्तक्षेप के बाद 14 जुलाई से रियायती दर पर टमाटर की बिक्री शुरू होने से राष्ट्रीय राजधानी में इसकी खुदरा कीमतों में नरमी आई थी, लेकिन कम आपूर्ति के कारण भाव फिर चढ़ गए हैं। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार टमाटर की खुदरा कीमत बुधवार को 203 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गए, जबकि मदर डेयरी के सफल रिटेल स्टोर्स पर कीमत 259 रुपये प्रति किलोग्राम रही।

दिल्ली में टमाटर की कीमतों में एक बार फिर उछाल दिख रहा है। मदर डेयरी ने बुधवार को अपने सफल खुदरा स्टोर्स पर 259 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से इसकी बिक्री की। प्रमुख उत्पादक क्षेत्रों में भारी बारिश के कारण आपूर्ति बाधित होने के कारण टमाटर की कीमतों पर एक महीने से अधिक समय से दबाव बना हुआ है।

केंद्र सरकार के हस्तक्षेप के बाद 14 जुलाई से रियायती दर पर टमाटर की बिक्री शुरू होने से राष्ट्रीय राजधानी में इसकी खुदरा कीमतों में नरमी आई थी, लेकिन कम आपूर्ति के कारण भाव फिर चढ़ गए हैं। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार टमाटर की खुदरा कीमत बुधवार को 203 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गए, जबकि मदर डेयरी के सफल रिटेल स्टोर्स पर कीमत 259 रुपये प्रति किलोग्राम रही।

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