मेरठ में कुत्ते के बच्चे को सात घण्टो की मशक्कत के बाद बोरवेल के पाइप में से निकाला गया। जेसीबी से बोरवेल के पैरेलल खुदाई कर उसमें जगह बनाई गई। इस स्पेस में एनजीओ के लोग उतरे और फिर हाथों से मिट्टी की खुदाई करके कुत्ते के बच्चे को बाहर निकाल लिया गया। बता दे कि 22 घण्टे तक ये कुत्ते का बच्चा पाइप के नीचे फसा रहा। जिसको किसी तरह बचाया गया।
मेरठ की गंगोत्री कॉलोनी के ट्यूबवेल में बोरवेल का पाइप खुला हुआ है। इस 25 फिट गहरे खुले पाइप में एक कुत्ते का पिल्ला गिर गया था। सुबह कॉलोनी के लोग उठे तो कुत्ते के पिल्ले की माँ बोरवेल के पास चक्कर काट रही थी। कॉलोनी वालो ने देखा कि कुत्ते का पिल्ला नही है। लोगो ने बोरवेल के अंदर झाक कर देखा तो वो लोग समझ गये की पिल्ला बोरवेल पाइप के नीचे फस चुका है इसी वजह से पिल्ले की माँ वहां घूम रही है और शोर मचा रही है। कॉलोनी वासियों ने इसकी जानकारी एनिमल केयर सोसायटी वालो को दी।
सूचना मिलने पर एनिमल केयर सोसायटी की टीम वहां पहुची। टीम ने रेस्क्यू कर बांस ओर लकड़ी डाल कर उसको खिंचने का प्रयास किया । लेकिन बोरवेल की गहराई ज़्यादा ओर चौड़ाई कम होने की वजह से उसे बाहर नही निकल सके। टीम ने घण्टो तक प्रयास किया लेकिन सफलता हासिल नही हुई जिसके बाद टीम ने जेसीबी मशीन को बुलाया। जेसीबी मशीन से मट्टी की खुदाई कराई गई।
25 फुट की खुदाई कर जमीन में रास्ते की जगह बनाई गई। इसके बाद एनजीओ की टीम मेम्बर सीढ़ियों की मदद से 25 फिट गहराई में नीचे उतरे गड्ढे में उतरने के बाद टीम मेम्बरों ने हाथ और फावड़े की मदद से खुदाई करना शुरू कर दिया। सामने उनको बोरवेल का पाइप मिला जिसको टीम ने काट दिया लेकिन पिल्ले तक नही पहुच सके। इसके बाद टीम ने बॉस में टॉर्च ओर रस्सी जैसे उपकणो का इस्तेमाल किया। वही टीम ने चाइनीज मांझे का इस्तेमाल किया जिसमें पिल्ला उलझ गया जिसको खींच कर बाहर निकाला गया।
पिल्ला अपनी माँ के पास जाकर लिपट गया। वही कॉलोनी वासियों ने टीम का धन्यवाद किया और भगवान का धन्यवाद कर कुत्ते के बच्चे को दूध पिलाया वही लोगो ने एनिमल टीम सोसायटी की भरपूर प्रशंसा की ओर धन्यवाद किया।