मॉस्को। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि यूक्रेन पर संभावित शांति वार्ता में भारत, चीन व ब्राजील मध्यस्थता कर सकते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 23 अगस्त को यूक्रेन व उससे पहले रूस दौरे को अहम बताते हुए पुतिन ने कहा, मध्यस्थता में भारत निश्चित ही अहम भूमिका निभा सकता है। हम तीनों देशों के लगातार संपर्क में हैं।
पुतिन ने कहा, इस्तांबुल में हुई वार्ता के दौरान रूस, यूक्रेन वार्ताकारों के बीच हुआ प्रारंभिक समझौता शांति वार्ता का आधार बन सकता है। यह समझौता कभी लागू हैं। नहीं हुआ। रूसी राष्ट्रपति के हुई प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने कहा, किन भारत इस मुद्दे पर वार्ता का मार्ग प्रशस्त कर सकता है। इससे भारत बन को वैश्विक मामलों में अपने प्रभाव के इस्तेमाल का बड़ा मौका मिलता है। ये अमेरिका व यूक्रेन को राजनीतिक इच्छाशक्ति का इस्तेमाल करने और शांतिपूर्ण समाधान के रास्ते पर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित कर सकेगा। हालांकि उन्होंने यह भी कहा इस मुद्दे पर मध्यस्थता की मोदी की कोई विशेष योजना नही है।
पुतिन व जेलेंसकी से स्वतंत्र रूप से संवाद करते है मोदी
रूसी राष्ट्रपति के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने कहा, भारत के प्रधानमंत्री इस युद्ध में शामिल लोगों से प्रत्यक्ष जानकारी लेने में अग्रणी भूमिका निभा सकते हैं, क्योंकि वह पुतिन, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदीमीर जेलेंस्की और अमेरिकियों के साथ स्वतंत्रता रूप से स्वाद करते है।
पीएम मोदी हाल में पुतिनं और जेलेंस्की से उनके देशों में जाकर मिल चुके हैं। दोनों नेताओं ने मोदी की तारीफ की। मोदी ने जेलेंस्की से कहा था कि भारत कभी तटस्थ तिन, नहीं रहा। हमेशा शांति का पक्षधर रहा है। पुतिन से मोदी ने कहा था, युद्ध के मैदान में समाधान नहीं है। बम, बंदूक व गोलियों के बीच शांति वार्ता सफल नहीं होती।