मेरठ। शोभित इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, (डीम्ड-टू-बी-यूनिवर्सिटी) और अफ्रीकी-एशियाई ग्रामीण विकास संगठन (एएआरडीओ) ने एक दूसरे का सहयोग करने के लिए बुधवार को एक एमओयू पर हस्ताक्षर किए। जिसका उद्देश्य तकनीकी हस्तक्षेप और क्षमता वृद्धि के माध्यम से चुनौतियों का समाधान करके कृषि और ग्रामीण विकास के लिए एक दूसरे के साथ सहयोग करने के लिए एमओयू पर साझा हस्ताक्षर किए। हाल ही में एएआरडीओ ने आईआईटी खड़गपुर और आईआईटी दिल्ली के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं।
एमओयू हस्ताक्षर के दौरान डॉ. मनोज नारदेवसिंह, महासचिव, एएआरडीओ और श्री कुँवर शेखर विजेंद्र, कुलाधिपति, शोभित विश्वविद्यालय, कुलपति प्रोफेसर ए पी गर्ग शोभित विश्वविद्यालय मेरठ और श्री रामी क़ताइशात, सहायक महासचिव, एएआरडीओ और अन्य गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।
इस एमओयू के माध्यम से शोभित विश्वविद्यालय मेरठ एवं एएआरडीओ ऊर्जा, परिवहन, टिकाऊ कृषि, औद्योगिक फसलों के साथ फसल विविधीकरण, जैविक खेती, ग्रामीण बस्ती, कृषि मशीनरी विकास, एर्गोनॉमिक्स, कृषि सूचना विज्ञान, कृषि स्वचालन के क्षेत्रों में तकनीकी हस्तक्षेप , स्मार्ट उपकरण और मशीनें, स्मार्ट सिंचाई, कम लागत वाला ग्रीनहाउस, गैर-इनवेसिव मृदा स्वास्थ्य निगरानी और परीक्षण, नैनो-उर्वरकों, जैव ईंधन और जैव ऊर्जा, शून्य-अपशिष्ट प्रक्रिया / उत्पाद विकास, मिट्टी से मिट्टी की तकनीक, औषधीय रूप से महत्वपूर्ण पौधे, कुपोषण, खाद्य प्रसंस्करण और मूल्यवर्धन, कृषि व्यवसाय विकास, कृषि मूल्य श्रृंखला स्वचालन, स्मार्ट खेती, स्वचालन और खाद्य प्रक्रिया उद्योग, जल और अपशिष्ट प्रबंधन, प्रसार और हस्तांतरण मॉडल / चैनलों को अभिनव, सस्ती और प्रभावी अपनाने के लिए खाद्य-फोर्टिफिकेशन उपयुक्त तकनीक जैसे विषय पर कार्य करने जा रहे हैं।
इस प्रमुख अवसर पर बोलते हुए शोभित विश्वविद्यालय के कुलाधिपति श्री कुंवर शेखर विजेंद्र ने कहा कि यह शोभित विश्वविद्यालय और देश के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण दिन है। इस एमओयू पर हस्ताक्षर न केवल मानव संसाधन विकास, क्षमता निर्माण और विनिमय कार्यक्रम का मार्ग प्रशस्त करेगा बल्कि यह अफ्रीका और एशिया के 34 देशों के लोगों और विशेष रूप से इन देशों की युवा आबादी के जीवन को प्रभावित करने में भी आगे जाएगा। उन्होंने इस एसोसिएशन को एएआरडीओ यूनिवर्सिटी का नाम दिया, यानी शोभित यूनिवर्सिटी में 32 देश प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रज्ञा आज के विज्ञान की निर्माता है और दोनों संगठन मिलकर ग्रामीण विकास और कृषि प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में विश्व का नेतृत्व करने का प्रयास करेंगे।
प्रो. एम. मोनी, प्रोफेसर एमेरिटस और अध्यक्ष, सीएआईआरएस, एसआईईटी ने इस समझौता ज्ञापन के लक्ष्य और उद्देश्यों का विस्तृत विवरण दिया। उन्होंने कहा कि यह दिन शोभित विश्वविद्यालय और दोनों के लिए ऐतिहासिक दिन है। यह समझौता ज्ञापन छात्रों के वैज्ञानिक आदान-प्रदान की शुरुआत का मार्ग प्रशस्त करेगा और शोभित विश्वविद्यालय में अध्ययन के लिए एएआरडीओ सदस्य देशों के छात्रों के लिए शोभित विश्वविद्यालय, मेरठ द्वारा लगभग 50 छात्रवृत्तियां प्रायोजित की जाएंगी।
प्रो. (डॉ.) अमर पी. गर्ग, कुलपति शोभित विश्वविद्यालय मेरठ, ने एमओयू का स्वागत करते हुए कहा कि इस एमओयू के लागू होने से हम एएआरडीओ के तहत संयुक्त अनुसंधान के जरिए सभी देशों की वृद्धि और विकास के लिए अधिक सकारात्मक काम कर सकेंगे। परियोजनाएं, छात्रों का आदान-प्रदान, कृषि प्रौद्योगिकियां। यह गठबंधन दोनों ही संस्थाओं के लिए मील का पत्थर साबित होगा।इस अवसर पर शोभित विश्वविद्यालय के सभी विभागों के निदेशक एवं डीन मुख्य रूप से उपस्थित रहे।