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स्वास्थ्य

क्षय रोगी खोजने के लिए 15 मई से चलेगा विशेष अभियान

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नोएडा, 09 मई, 2023। टीबी मुक्त भारत अभियान को गति प्रदान करने के लिए एक बार फिर अभियान चलाया जाएगा। इस बार यह अभियान आयुष्मान भारत – हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर्स (एचडब्ल्यूसी) के जरिए चलेगा। इसे विशेष क्षय रोगी खोज अभियान नाम दिया गया है। अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं जिला क्षय रोग अधिकारी डा. शिरीष जैन ने बताया – विशेष क्षय रोगी खोज अभियान 15 मई से शुरू होगा। एचडब्ल्यूसी पर टीबी संबंधी सेवाओं के सुदृढ़ीकरण के लिए यह अभियान 21 कार्य दिवस का होगा। उन्होंने बताया –  शासन के निर्देश पर अभियान के सफल संचालन के लिए विस्तृत कार्ययोजना तैयार की जा रही है।

 डा जैन ने बताया- अभियान के संबंध में राज्य क्षय नियंत्रण कार्यक्रम अधिकारी की ओर से दिशा-निर्देश प्राप्त हो गए हैं। एचडब्ल्यूसी पर टीबी संबंधी सेवाओं के सुदृढ़ीकरण के लिए अभियान से पूर्व ग्राम स्तर पर ग्राम प्रधान की अध्यक्षता में विलेज हेल्थ सैनिटेशन एंड न्यूट्रीशियन कमेटी (वीएचएसएनसी) की बैठक का आयोजन किया जाएगा। हर एचडब्ल्यूसी के क्षेत्र में उच्च प्राथमिकता (दूरस्थघनी आबादी और मलिन बस्ती) वाले क्षेत्रों का चयन किया जा रहा है। राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) के स्टाफ द्वारा सूची तैयार कर संबंधित सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) को उपलब्ध करायी जाएगी। उन्होंने बताया- अभियान के लिए माइक्रो प्लान तैयार कर लिया गया। बुधवार (10 मई) को मुख्य चिकित्सा अधिकारी की अध्यक्षता में अभियान की तैयारियों को लेकर विभागीय बैठक आयोजित की जाएगी।

डा.जैन ने निर्देश दिए हैं कि ग्राम स्तर पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान टीबी मुक्त ग्राम पंचायत के बारे में बताया जाए और ग्राम प्रधान समेत अन्य मुअज्जिज लोगों को टीबी मुक्त ग्राम पंचायत बनाने के लिए प्रेरित किया जाए।

एनटीईपी स्टाफ बीच में उपचार छोड़ने वाले क्षय रोगियों की सूची तैयार कर सीएचओ को उपलब्ध कराएगा ताकि रोगी को वापस उपचार पर लिया जा सके। जिला स्तर पर अभियान का पर्यवेक्षण खुद सीएमओएसीएमओडिप्टी सीएमओजिला कार्यक्रम प्रबंधक (डीपीएम) और जिला कम्युनिटी प्रोसेस मैनेजर (डीसीपीएम) करेंगे, जबकि ब्लॉक स्तर पर यह जिम्मेदारी प्रभारी चिकित्सा अधिकारीब्लॉक कार्यक्रम प्रबंधक (बीपीएम) और ब्लॉक कम्युनिटी प्रोसेस मैनेजर (बीसीपीएम) की होगी।

2022 में चलाया गया था पहला विशेष अभियान
टीबी मुक्त भारत का लक्ष्य हासिल करने के लिए वर्ष 2022 में पहली बार टीबी संबंधी सेवाओं के सुदृढ़ीकरण के लिए आयुष्मान भारत – हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर को शामिल किया गया था। 23 अगस्त से 30 सितंबर, 2023 तक हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के जरिए पहला विशेष क्षय रोगी खोज अभियान चलाया गया था। इसके बाद दिसंबर, 2022 से हर माह की 15 तारीख को एचडब्ल्यूसी पर एकीकृत निक्षय दिवस का आयोजन किया जाता है। एकीकृत निक्षय दिवस पर आशा की ओर से चिन्हित क्षय रोग से मिलते जुलते लक्षण वालों की बलगम जांच कराई जाती है। साथ ही शुगर व एचआईवी स्क्रीनिंग भी की जाती है। अधिक से अधिक लोगों को लाभान्वित करने के उद्देश्य से टीबी की जांच बढ़ाई जा रही है।

स्वास्थ्य

आई एम ए ने सरधना एम एल ए अतुल प्रधान के खिलाफ खोला मोर्चा

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मेरठ । सपा से सरधना विधायक अतुल प्रधान के खिलाफ शहर के डॉक्टरों ने मोर्चा खोला दिया हैं। न्यूटिमा अस्पताल प्रकरण के बाद मंगलवार को डॉक्टरों ने अतुल प्रधान के खिलाफ आई एम ए से विरोध प्रदर्शन कर पैदल मार्च निकाला। इस दौरान सैंकड़ों की संख्या में डॉक्टर डी एम कार्यालय पहुंचे। यहां डॉक्टरों ने सरधना विधायक अतुल के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। डॉक्टरों के हाथों में पोस्टर थे। जिन पर लिखा था सरधना विधायक भक्षक हैं, हम चिकित्सक रक्षक हैं। इस दौरान डॉक्टरों ने डी एम को ज्ञापन सोपते हुए करवाही करने की मांग की।

डी एम को ज्ञापन देने के बाद मीडिया से बात करते हुए  कहा कि व्हाइट कोर्ट की शांति अब लाएगी। कहा कि  सरधना विधायक हमारा उत्पीड़न कर रहे हैं। हमें न्याय और सुरक्षा चाहिए। प्रदर्शन में आईएमए के पदाधिकारी, न्यूटिमा अस्पताल के डॉक्टर समेत सैंकड़ों डॉक्टर्स शामिल रहे।

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स्वास्थ्य

पीएमएसएमए क्लीनिक में 1328 गर्भवती की हुई प्रसव पूर्व जांच

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मेरठ। मातृत्व स्वास्थ्य को सुदृढ़ बनाने के लिए प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (पीएमएसएमए) के अंतर्गत  गुरूवार  को जनपद के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र (सीएचसी) व फर्स्ट रेफरल यूनिट (एफआरयू) पर “प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व क्लीनिक”काआयोजनकियागया।जिला महिला चिकित्सालय, मेडिकल कॉलेज ,सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र प्रसवपूर्व जांच (एएनसी) की गयीं। । इस दौरान 1328 गर्भवती की प्रसव पूर्व जांच  की गयी, जिसमें78 गर्भवती उच्च जोखिम गर्भावस्था वाली (एचआरपी) चिन्हित की गयीं। इस दौरान  24 गर्भवती महिलाओं को आयरन सूकोज इंजेक्शन लगाए गये।

अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी (आरसीएच) डा. कांति प्नसाद ने  बताया- गर्भवती की प्रसव पूर्व जांच के लिए प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत जिस तरह हर माह की एक, नौ 16 व 24 तारीख को स्वास्थ्य केन्द्रों पर विशेष आयोजन होता है। 24 तारीख को जनपद की सभी एफआरयू पर “प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व क्लीनिक” का आयोजन किया जाता है।  उन्होंने बताया- गर्भवती को गर्भ ठहरने के बाद प्रसव पूर्व जांच कराने के लिए आशा कार्यकर्ता प्रेरित करती हैं।

बता दें कि प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस के अवसर पर प्रत्येक गर्भवती की पांच जांच- (ब्लड टेस्ट , ब्लड प्रेशर , यूरिन टेस्ट, हीमोग्लोबिन, अल्ट्रासाउंड) की जाती है। इसके अलावा एचआईवी, हेपेटाइटिस सहित कई अन्य जांच भी की जाती हैं।

जिला मातृ परार्मश दाता इलमा अजीम ने   बताया- पहली जांच गर्भ ठहरने के आठ सप्ताह के अंदर, दूसरी जांच 14 से 26 सप्ताह के बीच, तीसरी जांच 28 से 34 सप्ताह के बीच और चौथी जांच 36 सप्ताह का समय पूरा होने पर कराने की सलाह दी जाती है। दूसरी और तीसरी तिमाही में सभी गर्भवती को कम से कम एक प्रसव पूर्व जांच सुविधा उपलब्ध कराने के लिए प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान  शुरू किया गया है। उन्होंने बताया प्रधानमंत्री मातृत्व सुरक्षित दिवस पर अधिक से अधिक से गर्भवती महिलांए जांच कराए । सभी जांचे पूरी तरह निशुल्क है।

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स्वास्थ्य

जिले में घर घर टीबी रोगी खोजी अभियान शुरू डीटीओ ने दिखाई हरी झंडी

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मेरठ। मुख्य चिकित्सा अधिकारी के दिशा निर्देशन में एक्टिव कैस फंइडिंग घर-घर टीबी रोगी खोज अभियान शुरू हो गया। जिला क्षय रोग अधिकारी डा गुलशन राय ने हेतु डीएन डिग्री कॉलेज से प्रचार प्रसार के लिए रैली निकाली गई ।

रैली को जिला क्षयरोग अधिकारी डॉक्टर गुलशन राय व इंटर कॉलेज के वाइस प्रिंसिपल अतर सिंह के द्वारा हरी झंडी देकर रवाना किया गया स्कूल के बच्चों ने टीबी हारेगा देश जीतेगा व टीबी को हराना है देश को जिताना है आदि नारे देकर जन समुदाय को जागरूक किया। जिला पीपीएम कॉर्डिनेटर द्वारा बताया गया कि किसी भी कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए प्रचार प्रसार होना अति महत्वपूर्ण है प्रचार प्रसार से जन समुदाय में जागरूकता आती है जब तक समुदाय जागरूक नहीं होगा तब तक टीबी जैसी खतरनाक बीमारी पर 2025 तक सफलता पाना मुश्किल है इसलिए भरपूर प्रयास किये जा रहे हैं अलग-अलग माध्यमों से समुदाय को टीबी के प्रति जागरूक किया जाता है जैसे मस्जिद मंदिरों से ऐलान अपील आदि भी कराए जाते हैं ।

धर्म गुरुओं की बैठके भी कराई जाती हैं ,समुदाय स्तर पर स्कूल मदरसो में भी सेंसटाइजेशन बैठकें की जाती हैं बैनर पोस्टर होर्डिग के माध्यम से भी प्रचार किया जाता है । रैली में जिला समन्वयक नेहा सक्सैना जिला पीपी एम कोऑर्डिनेटर शबाना बेगम ,जिला एस टी एसअजय सक्सेना पीएमटीकोऑर्डिनेटर पविंदर यादव,वाईआरजी केयर संस्था के सेंटर मैनेजर इरफान अली ओ आर डब्ल्यू मोहम्मद फाजिल अहमद व इंटर कॉलेज के अन्य अध्यापक भी मौजूद रहे। एक्टिव कैस फाइंडिंग अभियान के अंतर्गत पहले दिन जनपद मेरठ में 266 टीमों द्वारा 15644 घरों का सर्वे किया गया।229 टी बी के संदिग्ध रोगी पाए गए जिनके बलगम के नमूना की जांच की जाएगी और टी बी घोषित होने पर उनको उचित इलाज दिया जाएगा।

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