श्री राम के नाम की नगरी कहि जाने वाली अयोध्या नगरी में एक ऐसा पेड़ मिला है जिसकी अनोखी मान्यताएं है कहा जा रहा है कि अयोध्या हाईवे पर भीखी पुरवा में इस पेड़ को मिलने से इसको देखने वालों का ताता बना हुआ है। कहा जा रहा है कि इस पेड़ को विश्व मे भारत के अलावा और कही नही देखा गया है। इसी लिये इसका कोई वैज्ञानिक नाम भी नही रखा गया है।इस पेड़ की खासियत यह है कि इस वर्ष की टहनियां अलग अलग दिशाओं की ओर संकेत करती है इसके बारे में ये भी कहा जाता है कि इस पेड़ की दिशा राम मंदिर की ओर बनी हुई है। लोगो की माने तो इस पेड़ की छाल उतारने के बाद इस के अंदर राम नाम लिखा दिखाई देने का दावा किया जा रहा है हालांकि ये अभी तक नही पता लग सका है कि इसमें कितनी सच्चाई है और इसको क्या नाम दिया गया है वैसे वैज्ञानिक तोर पर इसका अभी कोई नाम नही रखा है लोगो के कहे अनुसार इसका नाम रामबृक्ष के नाम से बताया जा रहा है इतना ही नही कुछ लोगो का ये भी मानना है कि इस व्रक्ष के पत्तो को ओषधि के रूप में भी लिया जाता है।
ये खासियत है इस पेड़ की लोगो के कहे अनुसार
इस पेड़ के बारे में कहा जाता है कि इस पेड़ की छाल अनेको औषधियों के काम आती है। इस कि छाल सूखने के बाद बाज़ारो में मिल जाती है । कई लोग इसकी छाल को काढ़े के लिये इस्तमाल में लेते है वही लोगो का कहना है कि यदि इस पेड़ के पत्तो को घाव पर लगा दिया जाय तो जख्म भी जल्दी ठीक हो जाता है इस पेड़ के बारे में कहा जाता है कि इसका सीधा संबंध रामायण काल से है लेकिन कुछ लोगो का कहना है कि इस पेड़ को श्री राम के नाम पर लगाया गया था इसका इतिहास श्री राम के समय से बना हुआ है फिलहाल अभी कुछ भी कहना सही नही होगा जब तक इसके बारे में पूरी जानकारी जानकारों द्वारा ना दी गई हो।
पेड़ के इतिहास को लेकर चर्चा
इस पेड़ को लेकर अनेको चर्चाये बनी हुई है जैसे कि कहा जा रहा है श्री राम की पत्नी माता सीता को जब रावण श्रीलंका लेकर चला जाता है तब पश्चात श्री राम ने लंका पर हमला कर अपनी पत्नी सीता को छुड़ाने का निर्णय लिया जिसमे उनके छोटे भाई के तीर लगने से जख्मी होने पर हनुमान जी जड़ी बूटी के लिये पूरा पहाड़ उठा ले आये थे और लक्ष्मण को उस ओषधि से ठीक किया गया कहा जाता है कि पहाड़ के एक अंश से निकल कर ये व्रक्ष सारे भारत मे अपनी जड़ें फेला चुका है जिसमे से एक पेड़ अयोध्या के हाइवे पर देखने को मिलता है।
व्रक्ष के बारे में दी गई जानकारी केवल अनुमान पर आधारित है इसमें कितनी सच्चाई है इसका पता विशेषग्यों द्वारा ही लगाया जा सकता है।