मेरठ में न्यायालय विशेष न्यायाधीश एमपी एमएलए नदीम अनवर ने रेल रोकने के मामले में सांसद राजेंद्र अग्रवाल को अदालत चलने तक कस्टडी में रहने की सजा सुनाई और ₹2000 का जुर्माना भी लगाया है। वही सांसद इससे ना खुश होकर उच्च न्यायल तक जाने की बात कर रहे है। उनका कहना है कि में एक जनप्रतिनिधी के तौर पर लोगो से केवल मिलने गया था। प्रदर्शन से मेरा कोई लेना नही था।
अधिवक्ता मनमोहन सिंह ने बताया कि मेरठ हापुर लोकसभा सीट के भाजपा सांसद राजेंद्र अग्रवाल के खिलाफ 2012 में सिटी स्टेशन पर रेल रोकने के आरोप में एफआईआर दर्ज हुई थी न्यायालय में उनके अधिवक्ता मनमोहन सिंह विंग की ओर से कहा गया कि मुकदमे में उन्हें राजनीतिक रूप से झूठ फसाया जा रहा है न्यायालय ने दोनों पक्षों को सुनकर तथा पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष के आधार देखकर संसद को सजा सुनाई अधिवक्ता की संसद इस सजा से संतुष्ट नहीं है वह इसके खिलाफ अपील करेंगे
इस मामले में सांसद राजेंद्र अग्रवाल का कहना है कि मैं एक जनप्रतिनिधि हूं । ओर मेरा कर्तव्य है कि लोगो की बात सुनी जाए और सरकार तक पहुचाई जाए। उन्होंने कहा कि एक जनप्रतिनिधि होने के नाते में वहां गया था ताकि लोगो को समझाया जा सके शांति की अपील करने के लिये लोगो से मिलकर बातचीत के लिये मैं मौके पर गया था । मैंने किसी भी प्रदर्शन में हिस्सा नहीं लिया था। उन्होंने कहा कि न्यायधीश के इस फैसले से सहमत नहीं हूं। इसके लिये में उच्च न्यायालय में अपील करूंगा।
भाजपा सांसद राजेन्द्र अग्रवाल को न्यायालय चलने तक कोर्ट में बिठाया गया है। सजा के तौर पर।
11 वर्षीय बेटे की हत्या का हुआ खुलासा,माँ के अवैध संबंधों का पता चल गया था बेटे को
मेरठ में मां की ममता को शर्मसार करने का नया मामला सामने आया है जहाँ मां ने अपने अवैध सम्बंधो को कायम रखने के लिये अपने ही 11 वर्षीय बेटे साहिल की हत्या कर दी। साहिल को अपनी माँ के अवैध सम्बन्धों का पता चल गया था। जिसके चलते महिला