मेरठ। स्वामी विवेकानन्द सुभारती विश्वविद्यालय में विश्व पर्यावरण दिवस पर भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। सुभारती विश्वविद्यालय के कुलपति मेजर जनरल डॉ.जी.के.थपलियाल, मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ.शल्या राज, प्रतिकुलपति डॉ. हिमांशु ऐरन, पर्यावरण समिति के अध्यक्ष डॉ. मुकेश रूहेला सहित पर्यावरण समिति के सभी सदस्यों व विश्वविद्यालय के विभिन्न पदाधिकारियों ने चिड़ियों को पिंजरे से आज़ाद कर प्रकृति को संरक्षित करने का संदेश दिया। इस अवसर पर सभी ने पौधे रोपित भी किए।
कार्यक्रम के प्रथम सत्र में प्रात सुबह 8 बजे चिड़ियों को पिंजरे से आज़ाद किया गया। द्वितीय सत्र में सुभारती फाइन आर्ट कॉलेज स्थित सत्यजीत रे प्रेक्षागृह में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित हुआ।
पर्यावरण कमेटी के अध्यक्ष डॉ. मुकेश रूहेला ने स्वागत भाषण में सभी को विश्व पर्यावरण दिवस की बधाई दी। उन्होंने पर्यावरण दिवस के इतिहास पर चर्चा करते हुए सुभारती विश्वविद्यालय द्वारा पर्यावरण को संरक्षित करने की दिशा में किये जा रहे विभिन्न कार्यों से सभी को रूबरू कराया। उन्होंने बताया कि प्रकृति के संरक्षण से ही मानव सभ्यता का संरक्षण किया जा सकता है।
सुभारती विश्वविद्यालय के कुलपति मेजर जनरल डॉ. जी.के.थपलियाल ने सभी को विश्व पर्यावरण दिवस की बधाई दी। उन्होंने कहा कि पर्यावरण का संरक्षण करना हमारा नैतिक कर्तव्य है। उन्होंने बताया कि सुभारती विश्वविद्यालय भारत का ऐसा विश्वविद्यालय है, जो पर्यावरण संरक्षण के लिए विशेष कार्यक्रम संचालित करता है और विश्वविद्यालय के कैम्पस एवं हॉस्टल में प्लास्टिक के प्रयोग पर प्रतिबंध है। उन्होंने बताया कि सुभारती विश्वविद्यालय के समस्त कॉलेज एवं विभाग में होने वाले अंतरराष्ट्रीय/राष्ट्रीय सेमिनार, संगोष्ठी एवं कार्यशाला आदि में अतिथियों का स्वागत सुभारती पर्यावरण संरक्षण जागरूकता अधिनियम के तहत पौधा देकर किया जाता है। इसके अलावा प्रदूषण रोकने के लिए सप्ताह में दो दिन विश्वविद्यालय में कार का प्रयोग नहीं किया जाता है।
सुभारती विश्वविद्यालय की मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ.शल्या राज ने कहा कि जिस प्रकार हम अपने परिवार का ध्यान रखते है इसी प्रकार हमें अपनी प्रकृति का भी ध्यान रखने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि हमारा जीवन प्रकृति पर निर्भर है, इसलिये हमें अपने पर्यावरण का संरक्षण करना चाहिए। उन्होंने कहा कि इससे प्रकृति की सुन्दरता में वृद्धि होगी एवं सकारात्मक ऊर्जा का संचार होगा।
संस्कृति विश्वविद्यालय उत्तराखंड से आए पर्यावरणविद डॉ.विनय सेठी ने कहा कि नैतिक दायित्व के रूप में पर्यावरण का संरक्षण करना चाहिए। उन्होंने गौरैया को बचाने व उसके लिए गौरैया हॉउस बनाने के बारे में विस्तार से सभी को जानकारी दी। उन्होंने कहा कि गोरैया हमारे पर्यावरण की महत्वपूर्ण पक्षी है, इसका संरक्षण पर्यावरण के लिए आवश्यक है।
सुभारती विश्वविद्यालय की छात्र परिषद की ओर से आस्था गुप्ता ने विश्वविद्यालय द्वारा पर्यावरण संरक्षण हेतु किये जा रहे कार्यो से सभी को पीपीटी के माध्यम से रूबरू कराया। कार्यक्रम में वीडियो रील व स्किट प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया।
पर्यावरण कमेटी के सचिव डॉ.संचित प्रधान ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
इस अवसर पर प्रतिकुलपति डॉ. हिमांशु ऐरन, पर्यावरण कमेटी के अध्यक्ष डॉ. मुकेश रूहेला, डॉ. निखिल श्रीवास्तव, पर्यावरण समिति के सचिव डॉ. संचित प्रधान, डॉ अभय शंकरगौड़ा, डॉ. पिंटू मिश्रा, डॉ. मनोज कपिल, अमित कुमार वर्मा, हर्षवर्धन कौशिक, डॉ गौरब कुमार, डॉ कृष्ण कुमार, डॉ ज्योत मधुर, डॉ ऐश्वर्या राय, डॉ श्वेता भारद्वाज आदि सहित पर्यावरण कमेटी एवं विश्वविद्यालय के पदाधिकारी व विद्यार्थी उपस्थित रहे।