अमेरिका की एक यूनिवर्सिटी में कंप्यूटर साइंस के प्रोफेसर डॉ. मनोज कपिल ने अपनी नौकरी को त्यागकर देश सेवा के प्रति अपना संकल्प दिखाया है। वे ह्यूस्टन टी विश्विद्यालय, अमेरिका में कार्यरत हैं, लेकिन उन्होंने वहाँ की नौकरी छोड़कर मेरठ के स्वामी विवेकानंद सुभारती विश्वविद्यालय में डीन इंजीनियरिंग के पद पर कार्यरत होने का निर्णय लिया है। वह 16 मई को स्वामी विवेकानंद सुभारती विश्वविद्यालय में कार्यभार ग्रहण करेंगे।
डॉ. कपिल के इस कदम से शिक्षा क्षेत्र को एक महत्वपूर्ण बल मिलेगा। उनके द्वारा उठाए गए इस कदम से, जो लोग अपने देश को छोड़कर बाहर नौकरी करने की सोचते हैं, उन्हें देश में ही अपने क्षेत्र को मजबूत बनाने का प्रोत्साहन मिलेगा। इससे वे देश के विकास में योगदान दे सकेंगे और अपने कौशल को देश के विकास में उपयोग कर सकेंगे।
डॉ मनोज कपिल ने कहा कि स्वामी विवेकानंद सुभारती विश्वविद्यालय के शिक्षा, सेवा, संस्कार एवं राष्ट्रीयता के मंत्र से प्रभावित होकर देश प्रेम के भाव से वह विदेश की नौकरी छोड़ रहे है। साथ ही स्वामी विवेकानंद सुभारती विश्वविद्यालय द्वारा देशहित में किये जा रहे कार्यों को बल देने की दिशा में वह शिक्षा क्षेत्र में विदेशों में चल रहे अनेक प्रयोगों को अपने देश में कैसे रोपित करना है, इस पर काम करेंगे। इससे छात्रों को विदेश जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी और वे अपने देश में ही विदेशों जैसी उच्च शिक्षा का लाभ उठा सकेंगे।
बता दें कि डॉ. मनोज कपिल का नाम कई अंतरराष्ट्रीय उपलब्धियों से सजा हुआ है।