विश्वविद्यालय संकाय विकास प्रकोष्ठ द्वारा वरिष्ठ स्तरीय संकाय विकास कार्यक्रम का आयोजन रचनात्मक एवं आलोचनात्मक सोच विषय पर किया गया। कार्यक्रम सुभारती विश्वविद्यालय के मदन मोहन मालवीय सभागार में आयोजित किया गया। विश्वविद्यालय संकाय विकास प्रकोष्ठ के अध्यक्ष एवं प्रबंधन एवं वाणिज्य संकाय के संकायाध्यक्ष डॉ. आर.के. घई ने स्वागत भाषण में वरिष्ठ स्तरीय संकाय सदस्यों के लिए रचनात्मक एवं आलोचनात्मक सोच के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने प्रकोष्ठ द्वारा संकाय सदस्यों के विकास के हेतु आयोजन किये गये विभिन्न कार्यक्रमों की जानकारी भी दी।
मुख्य वक्ता भारत सरकार के स्वास्थ्य और युवा मामलों के मंत्रालय के तहत राजीव गांधी राष्ट्रीय युवा और खेल मामलों के संस्थान से जीवन कौशल शिक्षा के सलाहकार एवं सुभारती विवि के विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी इंद्रजीत सिंह ने क्रिएटिव थिंकिंग और क्रिटिकल थिंकिंग पर एक प्रेरक व्याख्यान दिया, जो एक प्रमुख जीवन कौशल है, आज के आधार पर किसी व्यक्ति के पेशेवर और घरेलू जीवन में सफलता के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने आलोचनात्मक और रचनात्मक सोच के घटक और विशेषताएं और व्यक्तिगत जीवन में जीवन कौशल के महत्व के बारे में चर्चा की। उन्होंने रचनात्मक एवं आलोचनात्मक सोच के घटकों, विशेषताएं और व्यक्तिगत जीवन में जीवन कौशल के महत्व के बारे में सत्र में चर्चा व पारस्परिक संवाद प्रतिभागियों से किया।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि सुभारती इंस्टीट्यूट ऑफ कैंसर मैनेजमेंट एंड केयर के निदेशक डॉ. अनुराग श्रीवास्तव कार्यक्रम रहे। उन्होने चिकित्सा पद्धतियों और सर्जरी प्रक्रियाओं में रचनात्मक एवं आलोचनात्मक सोच की महत्वपूर्ण भूमिका का वर्णन किया।
कार्यक्रम में आचार्यों, विभागाध्यक्षों, प्राचार्यों एवं संकाय अध्यक्षो ने प्रतिभाग किया।
प्रकोष्ठ अध्यक्ष डॉ आर.के.घई ने अपने घन्यवाद प्रस्थाव में विश्वविद्यालय के प्रबंधन एवं कुलपति के प्रति सकाय विकास कार्यक्रमों को एक सतत् प्रक्रिया के रूप में विश्वविद्यालय में क्रियान्वयन हेतु आभार व्यक्त किया।
कार्यक्रम में प्रतिकुलपति डॉ. अभय शंकरगौड़ा, डीन डॉ. पिन्टू मिश्रा, डॉ. जेसमीन आनंदाबाई, डॉ. सोकेन्द्र कुमार, डॉ. श्रवण गर्ग, डॉ. रेनू मावी, डॉ. शिवमोहन, प्राचार्यों, विभागाध्यक्षों एवं आचार्यों की उपस्थिति रही।