यूपी पुलिस भर्ती और नीट एग्जाम में पेपर लीक के मामले में CSIR नेट के पेपर में सेंधमारी की गई । मेरठ के जानेमाने सुभारती यूनिवर्सिटी में शुक्रवार को CSIR नेट की परीक्षा चल रही थी। अचानक UP STF की टीम ने यूनिवर्सिटी में पहुंचकर छापा मारा। छापेमारी के दौरान टीम को सर्वर रूम में कर्मचारी के पास मोबाइल मिला है। मोबाइल में 4 स्टूडेंट्स के सिस्टम की आईडी नंबर और रोल नंबर मिले हैं। वहीं एसटीएफ ने 3 कर्मचारियों को गिरफ्तार करके अपने साथ ले गई है।
यूपी एसटीएफ ने सर्वर रूम के लैपटॉप में टीम को एनी डेस्क सॉफ्टवेयर भी मिला है। एसटीएफ की टीम ने मौके से 3 कर्मचारियों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है। यूपी एसटीएफ चीफ अमिताभ यश ने बताया कि एग्जाम सेंटर में नकल की गोपनीय सूचना मिली थी।
सूचना पर अचानक यूपी एसटीएफ की टीम मौके पर पहुंची। वहां छापा मारा है। छापेमारी में परीक्षा के सर्वर रूम में लोकल नेटवर्क एरिया के जरिए कनेक्शन मिला है। एग्जाम कराने वाले कर्मचारी अरुण से एक मोबाइल मिला है। जिसमें चार अभ्यर्थियों के नाम, रोल नंबर, सिस्टम आईडी मिली है।
STF ने यहां से 2 लैपटॉप, 1 मोबाइल बरामद किया है। सर्वर रूम से LAN के जरिए एक्स्ट्रा एडमिन दिया गया और ADR एक्सेस से अभ्यर्थियों की स्क्रीन बाहर शेयर की गई थी। उसी से सॉल्वर के जरिए पेपर कराया जा रहा था। दो दिन में 14 अभ्यर्थियों का डेटा कर्मचारी के मोबाइल में नाम, रौल नंबर, IP सहित मिला है।
पेपर को बाहर से सॉल्वर से सॉल्व कराया जा रहा था। वहीं 25 जुलाई की परीक्षा के दिन 11 अभ्यर्थियों के नाम, डेटा, रोल नंबर भी अरुण के मोबाइल की डिलीट हिस्ट्री में मिले हैं।
नकल और छापेमारी के पूरे मामले से सुभारती यूनिवर्सिटी मैनेजमेंट ने पल्ला झाड़ लिया है। विवि के मीडिया प्रभारी की ओर से एक विज्ञप्ति जारी की गई है। जिसमें कहा गया है कि इस परीक्षा के आयोजन से सुभारती विवि का कोई संबंध नहीं हैं।
सुभारती विवि को परीक्षा कराने का दायित्व नहीं था। हमारा कैंपस टीसीएस को किराए पर दिया गया। टीसीएस संस्था ही पेपर करा रही थी। पेपर में जो भी अवैध कार्य होता मिला है उसकी जिम्मेदारी टीसीएस संस्था की है।
सुभारती यूनिवर्सिटी के एडिशनल रजिस्ट्रार सैय्यद जफर हुसैन ने कहा- यह सूचना प्रसारित हो रही है कि सुभारती विश्वविद्यालय, मेरठ में स्थित नेट परीक्षा केन्द्र में एसटीएफ ने एक सर्च अभियान चलाया। सर्च के दौरान कुछ ऐसे संकेत मिले है जिसमें कुछ अवैध कार्य किए जा रहे थे।
इस सम्बन्ध में सुभारती विश्वविद्यालय प्रबंधन यह स्पष्ट करना चाहता है कि कथित नेट परीक्षा के आयोजन से सुभारती विश्वविद्यालय प्रबंधन का कोई सम्बन्ध नहीं है। सुभारती विश्वविद्यालय को यह परीक्षा आयोजित करने का दायित्व नहीं दिया गया था और न ही सुभारती विश्वविद्यालय ने इस परीक्षा को आयोजित कराया है।
विश्वविद्यालय अपने परिसर की जगह टीसीएस संस्था को किराए पर दिया है तथा परीक्षा का संचालन TCS करा रही है। यदि इस परीक्षा में कोई अवैध कार्य होता पाया जाता है तो उसका पूर्ण दायित्व TCS संस्था का है न कि सुभारती विश्वविद्यालय प्रबंधन का।
सुभारती विश्वविद्यालय प्रबंधन जांच एजेंसियों का पूरा सहयोग कर रहा है जिससे अवैध कार्य करने वालों को चिह्नित किया जा सके।