मेरठ में एक बार फिर साइबर क्राइम का मामला सामने आया है यहा ठग ने सीबीआई ऑफिसर बता कर एक बुजुर्ग को डिजिटल अरेस्ट कर उसे 28 लाख की ठगी की है। 2.30 घंटे घर में रखा गया और बुजुर्ग को डिजिट अरेस्ट किया गया। इसके बाद बुजुर्ग पुलिस के पास पहुचे ओर शिकायत दर्ज कराई है।
मेरठ में एक बार फिर से डिजिटल अरेस्ट का मामला सामने आया है और इस बार ढाई घंटे में बुजुर्ग को डिजिटल अरेस्ट करके 28 लख रुपए की ठगी की है। मेरठ के कंकरखेड़ा थाना क्षेत्र के निवासी सुरेश पाल को 9 अक्टूबर को एक अज्ञात नंबर से फोन आया और उसने अपने आप को जूनियर टेलीकॉम अवसर महेंद्र सिंह बताते हुए बुजुर्ग सुरेश पाल को बोला कि उनके आधार कार्ड से एक फोन नंबर लिया गया है जिससे इलीगल एडवरटाइजिंग और मैसेज करके लोगों को परेशान किया जा रहा है। इसके बाद ठगी करने वाले व्यक्ति ने बुजुर्ग को बताया कि दिल्ली में आपका नाम पर एफआईआर दर्ज है और आपके पास दिल्ली पुलिस हेडक्वार्टर से फोन किया जाएगा। इस फोन के बाद एक वीडियो कॉल सुरेश पाल को मिली जिसमें वीडियो कॉल करने वाले व्यक्ति ने अपने आप को दिल्ली पुलिस हेडक्वार्टर से आईपीएस सुनील कुमार गौतम सीबीआई का अधिकारी बताया और बुजुर्ग को करीब 2 घंटे 35 मिनट तक डरा धमका कर मनी लांड्रिंग में संकल्प बताते हुए केस दर्ज करने की बात कही। वीडियो कॉल करने वाले ने किसी तरीके से डरा धमका कर पीड़ित सुरेश पाल से 28 लख रुपए ऑनलाइन ट्रांसफर करने के लिए बोला और कहा कि यह जो पैसा आया है इसे ट्रांसफर कर दो केस खत्म करने के बाद आपका पैसा वापस मिल जाएगा यदि आप निर्दोष पाए गए। पीड़ित सुरेश पाल ने दिए गए अकाउंट नंबर पर पैसे ट्रांसफर कर दिए इसके बाद उन्हें एहसास हुआ कि उनके साथ ठगी हुई है। इस मामले में पीड़ित सुरेश पाल ने मेरठ के साइबर थाने में शिकायत दर्ज कराई है शिकायत के आधार पर पुलिस ने मुकदमा पंजीकृत कर लिया है।
मेरठ एसपी क्राइम अवनीश कुमार ने बताया कि एक व्यक्ति के साथ डिजिटल अरेस्ट करके ठगी की गई है जिनकी शिकायत पर मुकदमा पंजीकृत कर अग्रिम विधि कार्रवाई की जा रही है।