सुप्रिया सुले ने भाई अजित पवार की बगावत से नाराज़गी ज़ाहिर की है ,कहा अब इस चुनौती से होगा सामना
बारामती लोकसभा क्षेत्र में छह विधानसभा क्षेत्र हैं. यहां 6 विधायक हैं. इसमें से केवल 2 एनसीपी के हैं. एक हैं अजित पवार और दूसरे हैं एक हैं और दूसरे हैं इंदापुर के विधायक दत्ता भरणे. फिलहाल दत्ता भरणे अजित पवार के खेमे में बने हुआ है अजित पवार ने चाचा से बगावत शुरू कर दी है जिसके बाद से ही पार्टी में बड़ी गहमा गहमी बानी हुई है। इस सब के बिच लोकसभा के चुनाव को अब दो हिस्सों में बटते हुआ देखा जा रहा है। वही अजित पवार के खेमे और चाचा के खमे में चल रही उठा पटक को लेकर सुप्रिया सुलह की समस्या बढ़ती नज़र आने लगी है उधर सुप्रिया सुलह ने भी भाई की बगावत से नाराज़गी ज़ाहिर ही हो और कहा है की अब भाई से सीधा सामना होगा जिसको लेकर पवार परिवार अब आमने सामने आ गये है।
बारामती में 6 विधानसभा क्षेत्र आती है जिसमे 6 विधायक है इसमें से केवल 2 एनसीपी के हैं. एक हैं अजित पवार और दूसरे हैं इंदापुर के विधायक दत्ता भरणे. फिलहाल दत्ता भरणे अजित पवार के खेमे में हैं. जबकि बाकी 4 में से २ बीजेपी के है बाकि २ विधायक कांग्रेस के है। बीजेपी के भीमराव तपकिर खड़कवासला सीट से विधायक है। जबकि राहुल कुल दौंड विधानसभा से विधायक है। वहीं पुरंदर सीट से कांग्रेस के संजय जगताप और भोर विधानसभा से संग्राम थोपटे विधायक है।
बीजेपी की बारामती सीट पर है नज़र
दरअसल, बीजेपी ने महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव में 45 से ज्यादा सीटें जीतने की प्लानिंग कर चुकी है। इसके लिए पार्टी ने कुछ हाई प्रोफाइल निर्वाचन क्षेत्रों पर ध्यान देना शुरू कर दिया है। जो कि पिछले चुनाव तक बीजेपी की पहुंच से बाहर थे. इसमें बारामती एक प्रमुख सीट है ,जहां से बीजेपी लंबे समय से अपना ध्यान केंद्रित कर रही है। यहां तक कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और अन्य केंद्रीय नेताओं ने हाल ही में कई बार बारामती क्षेत्र का दौरा भी किया है। बीजेपी की नीतियों को किसानों,महिलाओं और युवाओं तक पहुंचाया है। इतना ही नहीं, बीजेपी के नेता बारामती लोकसभा सीट के डॉक्टरों, शिक्षकों और इंजीनियरों के साथ भी बैठक कर रहे हैं. 1967 से बारामती विधानसभा सीट पवार परिवार के पास है. जबकि 1991 से बारामती लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र पवार परिवार का अभेद्य गढ़ है।