मेरठ। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के सूक्ष्म जीव विज्ञान विभाग में कुलपति प्रोफेसर संगीता शुक्ला जी के निर्देशन में चल रही सात दिवसीय कार्यशाला का आज समापन हो गया। इस कार्यशाला के अंतिम दिन में मुख्य अतिथि के रूप में प्रोफेसर राकेश पांडे, सेंट्रल इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिसिन एरोमेटिक प्लांट्स लखनऊ, और प्रोफेसर वाई विमला, प्रोफेसर अशोक कुमार चौबे, उपस्थित रहे।सर्वप्रथम प्रोफेसर जितेंद्र सिंह ने अतिथियों का स्वागत किया।
प्रोफेसर राकेश कुमार ने अपने व्याख्यान में माइक्रोबायोलॉजी में मॉडल जीवों के महत्व पर प्रकाश डाला। प्रोफेसर राकेश कुमार के अनुसार मॉडल जीवों का उपयोग वैज्ञानिक अनुसंधानों में नए उपद्रवों की धारणा, उनके प्रभाव का अध्ययन, और नई उपचार विधियों की विकसित करने में मदद करता है। इससे वैज्ञानिक समुदाय को समझने में आसानी होती है कि कैसे जीनेटिक और मोलेक्यूलर स्तर पर प्रकारों की प्रेरणा, बिगड़ने और ठीक होने की प्रक्रियाएँ होती हैं। माइक्रोबायोलॉजिकल अनुसंधान की गति में वृद्धि होती है और नई उपचार विधियों का विकास संभव होता है। प्रोफैसर वाई विमला ने कहा जीवाणु और वायरसों के संवेदनशीलता में वृद्धि के साथ, नई रोगों के विकास का खतरा बढ़ता जा रहा है।इससे निपटने के लिए, नई और प्रभावी टीकाकरण तकनीकों का विकास करना आवश्यक है।प्रोफेसर अशोक कुमार चौबे ने बताया माइक्रोबायोलॉजी के क्षेत्र में नए और उत्कृष्ट उपायों का विकास हमारे भविष्य को उज्जवल बना सकता है। नई टेक्नोलॉजी के साथ साथ, वैज्ञानिकों की साझेदारी और गठबंधन महत्वपूर्ण होगी जो अद्वितीय चुनौतियों का समाधान करने में सहायक हो सकती है। डॉ दिनेश पवार एवं डॉक्टर लक्ष्मण नागर ने इस कार्यशाला में सहयोग के लिए सभी वैज्ञानिकों का धन्यवाद दिया। इस कार्यक्रम में विभाग के शिक्षक डॉक्टर अंजली मलिक, डॉ अश्वनी शर्मा वे अन्य मौजूद रहे।