मेरठ, 26 मई 2023। वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त भारत अभियान को सफल बनाने के लिए लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। जिला क्षय रोग विभाग टीबी मरीज खोजने में की कसर बाकी नहीं छोड़ रहा है। विभाग ने अब तक दिए गये लक्ष्य से अधिक टीबी मरीजों को खोज लिया है। इन सभी का उपचार चल रहा है।
जिला क्षय रोग अधिकारी डा. गुशलन राय ने बताया – शासन की ओर से विभाग को 6167 टीबी मरीज खोजने का लक्ष्य 31 मई तक दिया गया था, जिसमें सरकारी का लक्ष्य 4083 प्राइवेट का लक्ष्य 2083 था। विभाग के प्रयास से अब तक (22 मई तक) 5991 टीबी मरीज खोज लिये गये हैं, जिनमें सरकारी स्तर पर 3442 और निजी चिकित्सालयों में टीबी मरीजों का नोटिफिकेशन 2549 हैं। उन्होंने बताया अब तक मिले लक्ष्य का 97.2 प्रतिशत काम पूरा कर लिया गया है। उन्होंने बताया 15 मई से 6 जून तक चलाए जा रहे विशेष टीबी रोगी खोज अभियान में एक सप्ताह में तीन मरीज मिल चुके हैं। उन्होंने बताया गत 15 मई को जनपद में मनाये गये निक्षय दिवस पर 15 मरीज मिले, जिनका विभाग की ओर से उपचार शुरू कर दिया गया है।
डा. राय ने जनपद की लोगों से अपील की है कि अगर किसी को भी टीबी के लक्षण नजर आएं तो अपने नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र पर जाकर जांच अवश्य कराएं। आपकी जरा सी लापरवाही से यह बीमारी आपके परिवार, आस पड़ोस और संपर्क में आने वाले लोगों को हो सकती है। उन्होंने कहा- विभाग तो अपने स्तर से टीबी के प्रति जागरूकता लाने का प्रयास कर रहा है, लेकिन आम जनता को टीबी के प्रति जागरूक होने की आवश्यकता है।
उन्होंने बताया सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर टीबी उपचार का प्रावधान है। इतना ही नहीं निक्षय पोषण योजना के तहत टीबी का उपचार चलने तक टीबी मरीज को प्रतिमाह पांच सौ रुपये दिये जाते हैं। यह रकम सीधे खाते में ट्रांसफर की जाती है। इसके अतिरिक्त निक्षय मित्र टीबी से ग्रसित गोद लिए गए मरीजों को पोषण आहार समय समय पर प्रदान करते हैं।
डीटीओ ने बताया कि सरकारी का टारगेट 9800 है। जबकि प्राइवेट का टारगेट 5000 है। इस कारण से प्राइवेट का टारगेट अधिक दिखाई दे रहा है। उन्होंने बताया कि प्राइवेट डॉक्टर के यहां नोटिफिकेशन के लिए डा फॉर यू एनजीओ कार्य कर रहा है। इसके कारण भी टीबी मरीजों को संख्या में बढोत्तरी हुई है। पहले विभाग दोनो को देख रहा था।