आयुष्मान आरोग्य मंदिर के सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों की राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम में सक्रिय भागीदारी में जनपद मेरठ ने पूरे प्रदेश में प्रथम स्थान प्राप्त किया है जनपद के 97% आयुष्मान आरोग्य मंदिर टीबी उन्मूलन कार्यक्रम में सक्रिय योगदान दे रहे हैं स्वास्थ्य विभाग और अन्य विभागों की मदद से और जनता के सक्रिय भागीदारी के साथ ही 2025 तक टीबी मुक्त भारत का लक्ष्य हासिल किया जा सकता है
डीटीओ ने बताया कि विश्व टीबी दिवस के आयोजन का उद्देश्य जन समुदाय को टीबी के बारे में जागरूक करना है। उन्होंने कहा – टीबी पूरी तरह साध्य है। नियमित उपचार के बाद टीबी पूरी तरह ठीक हो जाती है। दो सप्ताह से अधिक खांसी या बुखार, खांसी में खून या बलगम आना, रात में सोते समय पसीना आना, थकान रहना, वजन कम होना और सीने में दर्द रहना टीबी के लक्षण हो सकते हैं। इनमें से यदि एक भी लक्षण नजर आए तो टीबी की जांच अवश्य कराएं। टीबी की जांच और उपचार की सुविधा सभी सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर उपलब्ध है। अपनों के बचाव के लिए क्षय रोगी मास्क का प्रयोग करें। दो माह के नियमित उपचार के बाद रोगी के संपर्क में रहने वालों को संक्रमण का खतरा नहीं रहता। क्षय रोगी दवा बीच में न छोड़ें। चिकित्सक की सलाह पर पूरा उपचार लें।
सोशल वेलफेयर सोसाइटी ने टीबी मरीजों को किया पोषाहार का वितरण
गुरुवार को कंटोनमेंट हॉस्पिटल के टी बी विभाग में विश्व क्षयरोग दिवस के उपलक्ष्य में कार्यक्रम आयोजित किया गया । जिसमें मुख्य अतिथि सारथी सोशल वेलफेयर सोसाइटी की अध्यक्ष कल्पना पांडे व जनप्रतिनिधि अरिवल कुमार सिद्धू द्वारा मरीजों को पोषण आहार वितरित किया गया। कार्यक्रम में उपस्थित चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर अंकिता भारद्वाज द्वारा सभी टी बी मरीजों को टीबी की बीमारी से बचाव के उपाय बताए गए। टीवी विभाग से विक्रांत ढाका, नफीस, जितेंद्र कुमार, और योगेश कटारिया मनवीर सिंह आदि उपस्थित रहे।