मेरठ के मवाना क्षेत्र से एक 6 साल की बच्ची का ढाई घंटे तक स्कूल के अंदर बंद रहने का मामला सामने आया है। परिजनों का आरोप है कि हेडमिस्ट्रेस की लापरवाही के चलते ऐसा हुआ है। स्कूल परिसर से सटे मंदिर परिसर में हो रही रामायण का पाठ सुनकर घरों को लौट रहे ग्रामीणों को बच्चे के रोने की आवाज सुनाई दी। उन्होंने जाकर देखा तो बच्ची के बंद कमरे में होने का पता चला। उन्होंने पुलिस और शिक्षा विभाग के अधिकारियों को इसकी सूचना दी। जिसके बाद थाना प्रभारी इंदु कुमारी और एबीएसए बच्ची को कमरे का ताला खुलवाकर कमरे से बाहर निकाला। इस मामले में एबीएसए ने हेडमिस्ट्रेस को उसकी लापरवाही के चलते निलंबित कर दिया है।
बता दे कि ये मामला मेरठ मवाना एबीएसए त्रिवेंद्र कुमार के अनुसार गांव अकबरपुर सादात में प्राथमिक विद्यालय नंबर एक मे 150 छात्र पंजीकृत व एक हेडमिस्ट्रेस अनीता रानी व तीन अध्यापक एक सहायक अध्यापक तैनात हैं। शनिवार को प्रधान अध्यापिका अनीता रानी विद्यालय की छुट्टी के बाद कमरों का ताला बंद कर चली गई। लगभग 3:40 बजे स्कूल के पीछे मंदिर परिसर से रामायण का पाठ सुनकर घरों को लौट रहे ग्रामीणों को कमरे से बच्चे के रोने की आवाज सुनाई दी। बच्ची के रोने चीखने की आवाज पर ग्रामीणों की भीड़ जमा हो गई। कमरा चारों तरफ से बंद होने की वजह से कुछ पता नहीं चल पा रहा था।
ग्रामीणों ने बच्ची से बाहरी खिड़की खोलने की बात कही तो बच्ची ने जैसे तैसे खिड़की खोल दी। जिससे बच्ची को कुछ राहत महसूस हुई। इस दौरान ग्रामीणों ने बीएसए आशा चौधरी को पूरे मामले से अवगत करा दिया। ग्रामीणों ने हंगामा काटना शुरू कर दिया। सूचना मिलते ही स्कूल पहुच कर थाना प्रभारी इंदु कुमारी व एबीएसए ने लोगों को शांत करने की कोशिश की। लेकिन ग्रामीण बीएसए को मौके पर बुलाने की मांग पर अड़ गए। काफी देर चले हंगामा के बाद करीब ढाई घंटे बाद थाना प्रभारी ने सख्ती दिखाते हुए कहा कि पहले बच्ची को बहार निकाला जाएगा। थाना प्रभारी ने ताला खोलकर बच्ची को बाहर निकलवाया। ओर बच्ची को सुरक्षित परिजनों को सौपा गया।
बीएसए मेरठ आशा चौधरी ने बताया है कि मामला संज्ञान में है। प्रधान अध्यापिका अनीता रानी को उनकी लापरवाही के चलते निलंबित कर दिया है। मामले की जांच की जा रही है। जांच के बाद जो भी उचित कार्यवाही की जा सकती है वो की जायेगी।
मेरठ के मवाना क्षेत्र से एक 6 साल की बच्ची का ढाई घंटे तक स्कूल के अंदर बंद रहने का मामला सामने आया है। परिजनों का आरोप है कि हेडमिस्ट्रेस की लापरवाही के चलते ऐसा हुआ है। स्कूल परिसर से सटे मंदिर परिसर में हो रही रामायण का पाठ सुनकर घरों को लौट रहे ग्रामीणों को बच्चे के रोने की आवाज सुनाई दी। उन्होंने जाकर देखा तो बच्ची के बंद कमरे में होने का पता चला। उन्होंने पुलिस और शिक्षा विभाग के अधिकारियों को इसकी सूचना दी। जिसके बाद थाना प्रभारी इंदु कुमारी और एबीएसए बच्ची को कमरे का ताला खुलवाकर कमरे से बाहर निकाला। इस मामले में एबीएसए ने हेडमिस्ट्रेस को उसकी लापरवाही के चलते निलंबित कर दिया है।
बता दे कि ये मामला मेरठ मवाना एबीएसए त्रिवेंद्र कुमार के अनुसार गांव अकबरपुर सादात में प्राथमिक विद्यालय नंबर एक मे 150 छात्र पंजीकृत व एक हेडमिस्ट्रेस अनीता रानी व तीन अध्यापक एक सहायक अध्यापक तैनात हैं। शनिवार को प्रधान अध्यापिका अनीता रानी विद्यालय की छुट्टी के बाद कमरों का ताला बंद कर चली गई। लगभग 3:40 बजे स्कूल के पीछे मंदिर परिसर से रामायण का पाठ सुनकर घरों को लौट रहे ग्रामीणों को कमरे से बच्चे के रोने की आवाज सुनाई दी। बच्ची के रोने चीखने की आवाज पर ग्रामीणों की भीड़ जमा हो गई। कमरा चारों तरफ से बंद होने की वजह से कुछ पता नहीं चल पा रहा था।
ग्रामीणों ने बच्ची से बाहरी खिड़की खोलने की बात कही तो बच्ची ने जैसे तैसे खिड़की खोल दी। जिससे बच्ची को कुछ राहत महसूस हुई। इस दौरान ग्रामीणों ने बीएसए आशा चौधरी को पूरे मामले से अवगत करा दिया। ग्रामीणों ने हंगामा काटना शुरू कर दिया। सूचना मिलते ही स्कूल पहुच कर थाना प्रभारी इंदु कुमारी व एबीएसए ने लोगों को शांत करने की कोशिश की। लेकिन ग्रामीण बीएसए को मौके पर बुलाने की मांग पर अड़ गए। काफी देर चले हंगामा के बाद करीब ढाई घंटे बाद थाना प्रभारी ने सख्ती दिखाते हुए कहा कि पहले बच्ची को बहार निकाला जाएगा। थाना प्रभारी ने ताला खोलकर बच्ची को बाहर निकलवाया। ओर बच्ची को सुरक्षित परिजनों को सौपा गया।
बीएसए मेरठ आशा चौधरी ने बताया है कि मामला संज्ञान में है। प्रधान अध्यापिका अनीता रानी को उनकी लापरवाही के चलते निलंबित कर दिया है। मामले की जांच की जा रही है। जांच के बाद जो भी उचित कार्यवाही की जा सकती है वो की जायेगी।