मेरठ के टीपीनगर कमलानगर निवासी कृष्ण अवतार गोयल के बेटे आशीष, बहू ज्योति के शव मेरठ आ चुके हैं। पति-पत्नी अपने 7 साल के बच्चे के साथ तिरुपति बालाजी में दर्शन करने गए थे। यहां सड़क हादसे में पति-पत्नी की मौत हो गई। केवल 7 साल का बेटा शिवेन ही बचा है। दोनों के शव शुक्रवार को फ्लाइट से दिल्ली, फिर मेरठ लाए गए। बेटे-बहू का शव देख मां बेहोश हो गई।
बुधवार को आशीष, ज्योति की तिरुपति बालाजी के रास्ते में जाते समय सड़क दुघर्टना में मौत हो गई। बताया जा रहा है कि कार एक ट्रक में जा घुसी। जिसके चलते कार दुर्घटना में पति पत्नी की मौत हो गई केवल बेटा शिवेन बचा है। जैसे ही मेरठ में घरवालों को ये हादसे की खबर मिली तो रो-रोकर बुरा हाल है। मेरठ से परिजन गुरुवार को ही बंगलुरु पहुंचे, लेकिन पेपर वर्क के कारण गुरुवार को डेड बॉडी मेरठ नहीं आ सकी।
कृष्ण अवतार गोयल ने बताया कि बेटा, बहू और पोता मिलकर फ्लाइट से बेंगलुरु गए। वहां से दोस्त की कार लेकर तिरुपति बालाजी दर्शन करने जा रहे थे। मंदिर से लगभग 12 किमी दूर चित्तूर के पागला थाना क्षेत्र में बुधवार सुबह करीब साढ़े तीन बजे हादसा हो गया। उनकी कार आगे चल रहे ट्रक में साइड से घुस गई। बेटा, बहू आगे की सीट पर थे दोनों की वहीं मोके पर ही मौत हो गई।
पोता पीछे बैठा था इसलिए बच गया। सूचना पर छोटा बेटा वैभव, भांजा आयुष, साला मनीष वहां गए उनके शवों का पोस्टमार्टम ने कराया है। पोता शिवेन भी उनके साथ है उसे चोटें आई हैं। आज वो लोग मेरठ लाए हैं। घर मे शव आते ही कोहराम मच गया । बहु ओर बेटे का शव देख कर माँ रोते हुए बेहोश हो गई। वही विधि विधान के साथ पंच तत्वों में शवो को विलीन कर दिया गया है। आसपास के लोगो का कहना है कि दोनो बहु बेटे का स्वभाव काफी अच्छा था और मिलनसार था लैकि प्रभु की यही इच्छा थी। वही पोते को देख कर परिवार का रो रो कर बुरा हाल है।