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मेरठ

किसी उपन्यास या गल्प को इस बात पर विचार करना चाहिए कि उसे कथा से क्या हासिल हुआ: आरिफ नकवी

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मेरठ। “किसी को इस बात पर विचार करना चाहिए कि उपन्यास, या कथा साहित्य ने कथा से क्या हासिल किया है। अब कहानी कैसे लिखनी है ये तय करने की जरूरत नहीं है. हम कहानियों पर अपने सिद्धांत नहीं थोप सकते. आज की कहानी और कुछ साल पहले की कहानी में फर्क है. इस बात पर भी विचार किया जाना चाहिए कि आज के समय में कहानियाँ कहना कठिन है। ये शब्द थे जर्मनी के मशहूर लेखक और शायर आरिफ नकवी के, जो आयु सा और शुफाई उर्दू द्वारा आयोजित “उर्दू उपन्यासों और गल्पकथाओं पर कहानियों का प्रभाव” विषय पर ऑनलाइन अपना अध्यक्षीय भाषण दे रहे थे। उन्होंने कहा कि आज का द. कथा लेखकों के लिए आख्यानों का अध्ययन बहुत महत्वपूर्ण है। वर्णन कथन की कला है। कहानी जितनी लंबी होगी, उतनी ही दिलचस्प होगी. वर्णनात्मक शक्ति कल्पना की कला है।

इससे पहले कार्यक्रम की शुरुआत सईद अहमद सहारनपुरी ने पवित्र कुरान की तिलावत से की। बाद में एम.ए. द्वितीय वर्ष की छात्रा फरहत अख्तर ने हदिया नात पेश की। अध्यक्षता प्रोफेसर असलम जमशेद पुरी और जर्मनी के मशहूर लेखक आरिफ नकवी ने की। समारोह में एमजीएम कॉलेज, संभल के पूर्व प्राचार्य एवं प्रमुख आलोचक प्रोफेसर आबिद हुसैन हैदरी ने विशिष्ट अतिथि के रूप में ऑनलाइन भाग लिया। डेम अंसारी, कोलकाता ने पेपर लेखक के रूप में भाग लिया। वक्ता के रूप में लखनऊ से आयोसा की अध्यक्ष प्रोफेसर रेशमा परवीन और मशहूर उपन्यासकार शब्बीर अहमद ने हिस्सा लिया। स्वागत भाषण सईदा मरियम इलाही, निज़ामत डॉ. इरशाद सयानवी ने दिया और धन्यवाद ज्ञापन की रस्म एमए द्वितीय वर्ष की निजहत अख्तर ने निभाई। .

यह बात प्रसिद्ध आलोचक एवं कथाकार एवं उर्दू विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर असलम जमशेदपुरी ने कही। कहानियाँ सुनना और सुनाना मनुष्य की स्वाभाविक प्रवृत्ति है। आज के कई कथा लेखकों की रचनाओं में कथा का प्रभाव पाया जाता है। जहाँ प्राचीन काल में कथाएँ अपने युग की सभ्यता को अनोखे ढंग से प्रस्तुत करती थीं, वहीं आज भी उपन्यासों और किंवदंतियों के रूप में कथा का विकास जारी है। .

प्रो अब्द हुसैन हैदरी ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि आज के कथा साहित्य ने कहानी के प्रभाव को स्वीकार कर लिया है. इंतार हुसैन और कुर्रतुल ऐन हैदर के उपन्यास और उपन्यास भी इस बात को साबित करते हैं। कथा शैली उनके उपन्यासों और उपन्यासों को विशिष्टता प्रदान करती है। मौलाना मोहम्मद अली जौहर, इंतार हुसैन, इशरत नकवी, आफताब अहमद, सैयद सज्जाद हैदर यिल्दिरम, ख्वाजा नजीर और फराक आदि ने अपनी रचनाओं में अच्छे कथात्मक रंग प्रस्तुत किये हैं।

प्रोफेसर रेशमा परवीन ने कहा कि तारिक छतारी, शम्सुर्रहमान फारूकी आदि की रचनाओं में कथात्मक प्रभाव हैं। जब हम साहित्य पढ़ते हैं तो उसमें कहीं न कहीं कोई कहानी जरूर होती है। इन कहानियों की भाषा और माहौल हमें प्रभावित करते हैं. डेम अंसारी ने अपना पेपर बहुत अच्छे से पढ़ा है। कम उम्र के बावजूद इतना सार्थक पेपर लिखना बहुत बड़ी बात है। इसके लिए बधाई।

शब्बीर अहमद ने कहा कि कहानी कहना कोई आसान काम नहीं है, कहानी में वास्तविकता कहानी को सच्ची कहानी बनाती है। कहानी में मौलिकता सबसे पहले आती है. सच्चाई आग के दरिया में नहीं, बंद कोनों से अलग होकर बात करनी चाहिए। कथा साहित्य में कथात्मक रंग की गुंजाइश कम होती है, लेकिन उपन्यास में बहुत कुछ है। हमें यह भी देखना चाहिए कि कथात्मक तत्व क्या हैं और उनका कितना उपयोग किया जाता है।

इस मौके पर मशहूर साहित्यकार नूर जमशेद पुरी ने भी अपने विचार व्यक्त किये।इस मौके पर डॉ. आसिफ अली, डॉ. शादाब अलीम, डॉ. अलका वशिष्ठ, मोहम्मद शमशाद, फैजान जफर समेत अन्य छात्र मौजूद रहे।

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मेरठ

वारंट कोर्ट से निरस्त होने के बाद भरी झुठे मुकदमें में फंसाने का कर रहे प्रयास

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मेरठ।  मंगलवार को  एसएसपी कार्यालय पहुंची एक युवती ने कंकरखेड़ा पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा  है कंकरखेड़ा पुलिस कोर्ट से निरस्त हो चुके वारंट के आधार पर  रात के समय उनके घर पर दबिश दे रही है। थाने के पुलिसकर्मी महिलाओं के साथ अभद्र व्यवहार कर रहे है। उसने थाना पुलिस पर आरोप लगाया है पुलिस ने उसके पिता व भाई को जबरन 151 चालान काट दिया है।

एसएसपी कार्यालय पहुंची शोभापुर निवासी मनीषा ने बताया  उनके  घर पर थाना कंकरखेड़ा की पुलिस लगातार दबिश दे रही है एवं प्रार्थीनी के भाइयों को जबरदस्ती घर से उठाकर झूठे मुकदमों में फंसाना चाहते हैं  20 नवम्बर  की रात्रि 1.00 बजे पुराना वारंट लेकर व  21 को  जबरन घर में घुस रहे है।  जिसकी रिकॉर्डिंग प्रार्थीनी के पास है, जबकि प्रार्थी के भाई टेटे उर्फ कैलाश के वारंट अपर जिला जज कोर्ट संख्या- 20 से 4 नवम्बर  को निरस्त हो चुके थे जिसकी कॉपी प्रार्थीनी ने पुलिस वालों को दिखाई थी इसके बावजूद भी पुलिस चौकी फाजलपुर कंकरखेड़ा का समस्त स्टाफ बेवजह हमें तंग व परेशान कर उत्पीड़न कर रहे हैं । उसने आरोप लगाया कि प्रार्थीनी के भाई सचिन के साथ मारपीट की उसका गला दबाया और जबरदस्ती अपने साथ उठाकर पुलिस चौकी फाजलपुर ले गये प्रार्थीनी के पिताजी सचिन को छुटाने जब पुलिस चौकी गये तो इन लोगों ने प्रार्थी के भाई सचिन व पिताजी जयभगवान का आपसी झगडा दिखाकर धारा 151 सीआर. पी.सी. में झूठा चालान काटा दिया।  पीड़ित महिला ने कप्तान को प्रार्थना पत्र देकर न्याय की गुहार लगायी है।

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मेरठ

शीशे तोड़कर बंद मकान में चोरी, तीन पकड़े

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मेरठ। साकेत में शीशे तोड़कर बंद मकान में चोरी करने वाले बदमाशों को पुलिस ने पकड़ लिया है। तीन आरोपी पकड़े गए हैं। इनमें एक किशोर है। साकेत में सुभाष चंद शर्मा लंबे समय से बाहर गए हुए थे। शुक्रवार दोपहर चोरों ने उनके बंद मकान में शीशे का दरवाजा तोड़कर वारदात की थी। चोर अंदर तीन एयर कंडीशनर, दो गीजर सहित अन्य सामान चोरी किया था।

इंस्पेक्टर सिविल लाइन महेश राठौर ने बताया कि कुछ कैमरों में आरोपी कैद हो गए थे। देर रात पुलिस ने आरोपियों की पहचान करते हुए उन्हें गिरफ्तार कर लिया। उनकी निशानदेही पर माल बरामद हो गया। दो आरोपियों की पहचान जतिन पुत्र राजपाल निवासी नगला बट्टू साकेत और शाहिद पुत्र अख्तर निवासी जाकिर काॅलोनी थाना लोहिया नगर के रूप में हुई, जबकि तीसरा आरोपी किशोर है। किशोर ने ही रेकी की थी। जतिन कुछ समय पहले ही जेल से बाहर आया है, जबकि शाहिद की मवाना बस अड्डे पर कबाड़ की दुकान है।

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मेरठ

रोते बिलखते अपनों के शव लेकर परिजन रवाना, मोर्चरी पर मची रही चींख पुकार

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मेरठ।  गंगानगर के यू पॉकेट में खुदाई के दौरान मिटटी में दबने से मारे गये बिहार व रायबरेली के परिजन मेरठ पीएम हाऊस पहुंचे अपनों के शव देख परिजन बिलख पड़े। बार-बार बस यही कहते कि मेरठ में परिवार के गुजर-बसर के लिए आए थे। लेकिन यहां पर सबकुछ लुट गया। मोर्चरी पर सुबह से दोपहर तक परिजन रोते-बिलखते रहे। उनका दुख देख हर किसी की आंख नम हो गई।  गंगानगर यू पॉकेट में रविवार को आवासीय बेसमेंट की खोदाई के दौरान मिट्टी की ढांग गिरने से तीन मजदूरों की मौत के बाद शवों का पोस्टमार्टम परिजनों के पहुंचने के बाद हुआ। रायबरेली और बिहार से परिजन को मेरठ से पहुंचने में समय लगा। पोस्टमार्टम के बाद परिजन शवों को अपने साथ लेकर रवाना हो गए।

रामचंद्र (40) पुत्र मंगल गांव समदपुर, हलौर महराजगंज रायबरेली, गुरु प्रसाद (45) पुत्र श्रीराम निवासी समदपुर हलौर महराजगंज रायबरेली और रामप्रवेश (50) वर्षीय पुत्र वासुदेव निवासी ग्राम घोरपारन जमुई बिहार के परिजन सुबह मोर्चरी पहुंचे। रामचंद्र के भाई छिद्दा ने बताया कि परिवार में पत्नी राजकला, चार बेटी दीपा, जानवी, रागिनी, जानकी और बेटा अनुज हैं। अभी तक एक बेटी की शादी हुई है। बाकी चारों बच्चे छोटे हैं। पूरे परिवार की जिम्मेदारी रामचंद्र पर थी। भाई यह कहते हुए फफक पड़े कि अब परिवार का पालन-पोषण कैसे होगा।

रामप्रवेश के भाई अनिल ने बताया कि परिवार में पत्नी सुनीता और दो बेटियां कल्पना, करिश्मा और एक बेटा रूपेश हैं। एक बेटी की शादी हुई है। दोनों बच्चों का पालन पोषण रामप्रवेश मजदूरी करके कर रहा था। गुरु प्रसाद के परिवार में पत्नी राजवती, चार बेटी शिवकांति, दिव्यांजलि, लाली और दो वर्षीय अंजलि हैं। परिवार से पत्नी राजवती अपनी दो साल की बेटी अंजलि और लाली के साथ मोर्चरी पहुंची।

राजवती के भाई राजकरण ने काफी देर तक ये नहीं बताया कि गुरु प्रसाद की मौत हो गई। पत्नी को बता रखा था कि चोट लगने के कारण उपचार चल रहा है। पोस्टमार्टम के बाद शव को बाहर लाए तो पत्नी और बेटी को जानकारी हुई। दोनों रोकर बदहवास हो गईं। राजकरण ने बताया कि चार बेटियों की जिम्मेदारी गुरुप्रसाद पर थी। अब कैसे जीवन कटेगा। उनका रुदन देखकर हर कोई रो पड़ा। रिश्तेदारों ने बताया कि तीनों परिवार बेहद गरीब हैं। ऐसे में अब उनका गुजारा कैसे होगा।

दो-दो लाख के चेक भिजवाए

ठेकेदार की तरफ से रखे दीपक ने रिश्तेदार के जरिए तीनों मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख रुपए के चेक भिजवाए। बिहार शव ले जाने के लिए एंबुलेंस के 35 हजार रुपए और रायबरेली शव ले जाने के लिए 15-15 हजार रुपए का भुगतान किया।मृतकों के परिजनों ने मुआवजा राशि और ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए हंगामा किया। इस पर भावनपुर थाना प्रभारी अंडर ट्रेनी सीओ नितिन तनेजा ने श्रम विभाग के अधिकारियों से बात की। अधिकारियों ने मोर्चरी पहुंचकर मृतकों के परिवारों के बारे में जानकारी ली। एसपी देहात कमलेश बहादुर ने बताया कि ठेकेदार गोपाल शर्मा, मुकुल शर्मा और भू स्वामी रघुनाथ की गिरफ्तारी के लिए टीमें दबिश दे रही हैं। दूसरे मजदूरों के बयान दर्ज कर लिए गए हैं। आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

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