UP Board 10th Result: यूपी बोर्ड ने 12वीं के साथ साथ 10वीं का रिजल्ट भी जारी किया है. 10वीं का परीक्षाफल माध्यमिक शिक्षा परिषद की ऑफिशियल वेबसाइट upmsp.edu.in और upresults.nic.in पर देखा जा सकेगा. हालांकि, छात्रों की सहूलियत के लिए रिजल्ट इस वर्ष aajtak.in पर भी होस्ट किए जा रहे हैं.
UP Board 10th Result 2023 Declared: दिल थामकर बैठे छात्रों के इंतजार की घड़ियां खत्म हो गई हैं. यूपी बोर्ड ने 10वीं-12वीं का रिजल्ट जारी कर दिया है. इस साल 10वीं की परीक्षा में कुल 89.78 प्रतिशत छात्र और छात्राएं पास हुए हैं. इस साल परीक्षा में छात्रों का पास प्रतिशत 86.64 % और छात्राओं का प्रतिशत 93.34% है. इस साल 29 लाख से ज्यादा छात्र-छात्राओं ने दसवीं की परीक्षा दी थी. सीतापुर की छात्रा प्रियांशी सोनी ने यूपी बोर्ड दसवीं की परीक्षा में 600 में से 590 अंक लाकर प्रदेश में टॉप किया है.
इस बार यूपी बोर्ड की परीक्षा में ख़ास बात ये रही कि विभाग ने जल्दी रिज़ल्ट घोषित करने का रिकॉर्ड बना लिया है. इसके पीछे सबसे बड़ी वजह समय पर परीक्षा के बाद जल्दी मूल्यांकन है. बता दें कि यूपी बोर्ड की दसवीं और बारहवीं की परीक्षा 16 फ़रवरी से शुरू होकर 4 मार्च तक चलीं. उसके बाद 18 मार्च से उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन का काम शुरू हुआ. पहली बार सबसे कम समय में सिर्फ़ 14 दिन में मूल्यांकन का काम पूरा कर लिया गया.
इस बार सबसे ज़्यादा परीक्षकों को मूल्यांकन के काम में लगाया गया था. प्रदेश भर में 258 मूल्यांकन केंद्रों पर रविवार और अवकाश के दिनों में भी मूल्यांकन का काम हुआ. इससे रिज़ल्ट जल्दी तैयार होने का रास्ता साफ़ हो गया. मूल्यांकन के बाद रिज़ल्ट की प्रक्रिया के लिए गोपनीयता के साथ ही डेटा फ़ीडिंग(data feeding) का काम हुआ.
यहां देखें टॉपर लिस्ट
जल्दी रिजल्ट से 12वीं के छात्रों को मिलेगा फायदा अगर पूर्व के वर्षों से तुलना करें तो पिछले वर्ष 18 जून 2022 को रिज़ल्ट घोषित हुआ था जबकि 2021 में 31 जुलाई को नतीजे आए थे. इस बार मूल्यांकन record समय पर होने का लाभ न सिर्फ़ उन छात्रों को मिलेगा जो बारहवीं के बाद प्रतियोगी परीक्षा या दूसरे विश्वविद्यालयों में एडमिशन की परीक्षा में शामिल होते हैं
यूपी के माध्यमिक शिक्षा निदेशक महेंद्र देव का कहना है कि ‘इस बार जल्दी कॉपी चेक होने और जल्दी रिज़ल्ट जारी होने से यूपी बोर्ड के विद्यालयों में आगे का शैक्षिक कैलेंडर भी इससे नियमित हो सकेगा.’ दरअसल पूर्व के वर्षों में अप्रैल में भी उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन होता था जिससे शिक्षक उसी कार्य में उसी कार्य में व्यस्त रहते थे.