नोएडा, 7 मई 2022। उप जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा. उबैद कुरेशी ने अपनी टीम के साथ दो कोल्ड चेन प्वाइंट- जिला अस्पताल और प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र ममूरा का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान वैक्सीन एंड कोल्ड चेन मैनेजर तबस्सुम, डिस्ट्रिक्स वैक्सीन सप्लाई मैनेजर अखिलेश कुमार मौजूद रहे।
वैक्सीन एंड कोल्ड चेन मैनेजर तबस्सुम ने बताया – जिला अस्पताल में निरीक्षण में स्टाक रजिस्टर, इविन पर तापमान आदि सब कुछ ठीक मिला। उपजिला प्रतिरक्षण अधिकारी ने प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र ममूरा के कोल्ड चेन प्वाइंट का भी निरीक्षण किया। वैक्सीन स्टॉक का आइसलैंड रेफ्रिजरेटर (आईएलआर), इलेक्ट्रॉनिक वैक्सीन इंटेलिजेंस नेटवर्क (इविन) और स्टॉक रजिस्टर से मिलान किया गया, जो सही पाया गया। उन्होंने कहा- नियमानुसार सभी वैक्सीन की मात्रा स्टॉक रजिस्टर, आईएलआर और इविन में समान होनी चाहिये। डा. उबैद ने कोल्ड चेन हैंडलर को निर्देश दिया कि सत्र स्थल से वैक्सीन वापस आने के बाद स्टॉक रजिस्टर और इविन पर इसी तर अपडेट रखें, ताकि वैक्सीन स्टॉक में किसी प्रकार का अंतर न रहे। डा.कुरैशी ने इविन पर लगे तापमान लॉगर का भी निरीक्षण किया। इविन पर मिलान करने पर यह तापमान बराबर पाया गया। तापमान लॉग बुक भी समयनुसार भरी जा रही थी।
वैक्सीन एंड कोल्ड चैन मैनेजर तबस्सुम ने बताया वैक्सीन भंडारण, देखभाल, उपलब्धता, तापमान रखरखाव आदि का प्रबंध इलेक्ट्रॉनिक वैक्सीन इंटेलिजेंस नेटवर्क (इविन) के जरिये किया जाता है। किस स्वास्थ्य केन्द्र पर कितनी वैक्सीन उपलब्ध है, कितने की जरूरत है, कितने तापमान पर है, यह सब भी इविन के जरिये होता है। उन्होंने बताया वैक्सीन के रखरखाव में तापमान का बहुत महत्व है। वैक्सीन को आइसलैंड रेफ्रिजरेटर (आईएलआर) में रखा जाता है ताकि निर्धारित तापमान बनाए रखा जाए। फ्रिज का तापमान दो से आठ डिग्री सेल्सियस तक रखा जाता है। आईएलआर पर टेम्परेचर लोगर लगा होता है। इसमें दो सेंसर होते हैं, एक कोल्ड चेन (कमरे) का तापमान बताता है और दूसरा फ्रिज के अंदर का तापमान बताता है। सभी कोल्ड चेन का तापमान ऑनलाइन रहता है। तापमान अगर असामान्य होता है यानि कम या ज्यादा होता है तो जिला स्तर से लेकर सभी कोल्ड चेन हैंडल को पता चल जाता है। इसका यह फायदा होता है कि समय रहते तापमान को दुरुस्त कर लिया जाता है।
इविन तकनीक से कोल्ड चेन कक्ष से लेकर जिला अस्पताल तथा सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र (सीएचसी, पीएचसी) तक निगरानी रखी जाती हैं। एविन ऐप भारत सरकार ने यूएनडीपी के तकनीकी सहयोग से विकसित किया है। सिम और मेमोरी कार्ड युक्त टेंपरेचर लोगर वैक्सीन के फ्रिज पर लगाया जाता है। इविन की मदद से वैक्सीन की उपलब्धता रखरखाव, वितरण की मॉनिटरिंग एक क्लिक में हो जाती है।