मेरठ। आज राष्ट्रीय राजमार्ग बाईपास स्थित श्री वैंकटेश्वरा विश्वविद्यालय/ संस्थान में वैंकटेश्वरा शिक्षक सम्मान- 2024” एवं “संस्कार युक्त शिक्षा से शिखर की ओर भारत” विषय पर एकदिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का शानदार आयोजन किया गया| इस अवसर पर देश के विभिन्न से पधारें शिक्षाविदों ने एक सुर में संस्कार युक्त शिक्षा के बल पर भारत को फिर से दुनिया का सिरमौर बनाने की पुरजोर वकालत करते हुए ‘नवभारत निर्माण’ में शिक्षकों की भूमिका को सर्वोच्च बताया| समारोह में उत्तर प्रदेश, दिल्ली, उत्तराखंड समेत देश के विभिन्न हिस्सों से पधारें चार सौ बाईस (422) शिक्षकों को शॉल, स्मृति चिन्ह, एवं प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।
अपने सम्बोधन में मुख्य अतिथि/ वक्ता विख्यात गुरुकुल चोटीपुरा की आचार्या डा. सुमेधा दीदी ने कहा कि शास्त्रों में भी गुरु का स्थान भगवान से भी ऊपर रखा गया है, आने वाला भारत कैसा होगा, यह इस बात पर निर्भर करता है कि युवा पीढ़ी को आपके द्वारा दी जाने वाली शिक्षा, दीक्षा एवं संस्कारों का स्तर क्या होगा| बच्चों को जिद करने पर आप उन्हें एक ‘उपहार’ ना दिलाये, तो वो एक बार ही रोयेगा, लेकिन यदि उसे सही ‘संस्कार’ नही दिलाये गये तो वो पूरे जीवन रोयेगा| इसलिए राष्ट्र निर्माण में संस्कार युक्त शिक्षा का समावेश नव भारत निर्माण में सबसे अहम है।
श्री वैंकटेश्वरा विश्वविद्यालय/ संस्थान के डा. अब्दुल कलाम आजाद सभागार में आयोजित “वैंकटेश्वरा शिक्षक सम्मान समारोह- 2024” एवं “संस्कार युक्त शिक्षा से शिखर की ओर भारत” विषय पर आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारम्भ संस्थापक अध्यक्ष डा. सुधीर गिरि, मुख्य अतिथि आचार्या सुमेधा दीदी, प्रतिकुलाधिपति डा. राजीव त्यागी, कुलपति डा. ए. के. शुक्ला, राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित शिक्षक/ साहित्यकार डा. यतीन्द्र कटारिया आदि ने सरस्वती माँ की प्रतिमा के सन्मुख दीप प्रज्ज्वलित करके किया।
एकदिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी को कुलपति डा. ए. के. शुक्ला, डा. यतीन्द्र कटारिया, कुलसचिव प्रो. पीयूष पाण्डे ने भी सम्बोधित किया| इस अवसर पर सी.ई.ओ. अजय श्रीवास्तव, डा. राजेश सिंह, डा. दिव्या गिरधर, डा. योगेश्वर शर्मा, डा. टी.पी. सिंह, डा. लक्ष्मण सिंह रावत, एस.एस. बघेल, अरुण गोस्वामी, तरुण काम्बोज, प्रशांत दहिया एवं मेरठ परिसर से डा. प्रताप सिंह, मारुफ़ चौधरी एवं मीडिया प्रभारी विश्वास राणा आदि लोग उपस्थित रहे| उपरोक्त कार्यक्रम का शानदार संचालन डा. वर्षा यादव एवं प्रशांत कुमार ने किया।