युगांडा में फंसे भारतीय मजदूर अशोक कुमार की घर वापसी हो गई है। इनके साथ कुछ और मजदूर वापस आए है। कुछ दिनों पहले अशोक ने युगांडा से अपना वीडियो जारी किया था। जिसमें उसने भारत सरकार से मदद मांगी थी।
मेरठ के सरधना निवासी अशोक कुमार ने वीडियो में कहा था कि उसकी तरह और भी कई मजदूर युगांडा में फंसे हुए हैं। हमें वतन वापसी करनी है, हमें मदद चाहिए। यहां सभी मजदूरों को परेशान किया जा रहा है। वीडियो सामने आने के बाद मेरठ के राज्यसभा सांसद डॉ. लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने विदेश मंत्री को चिट्ठी लिखकर युगांडा से मजदूरों की सकुशल वापसी की मांग की थी। जिसके बाद अब वहां फंसे कुछ मजदूरों की वापसी हुई है।
अशोक शर्मा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर 38 सेकेंड की एक वीडियो शेयर किया था। वीडियो में अशोक ने बताया, युगांडा में नौकरी करने गए थे। आरोप है कि वहां काम करने के दौरान कंपनी को उनका काम पसंद नहीं आया। जिसके चलते उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है। पुलिस के झूठे केस में गिरफ्तार करने की धमकी देकर उन्हें बंधक बनाया हुआ है।
उन्होंने शेयर वीडियो में भावुक होते हुए भारत सरकार से देश वापस बुलाने की अपील की है। वहीं, अशोक के भाई राहुल ने बताया कि पांच मार्च को वह कुल सात लोग गन्ना मिल में नौकरी करने गए थे। आरोप है कि खतौली निवासी एक युवक युगांडा की एचके शुगर मिल में खुद को जीएम बताकर उन्हें नौकरी दिलाने की बात कहकर साथ ले गया था। अशोक के साथ उत्तर प्रदेश के कुल चार, उत्तराखंड, हरियाणा और बिहार से एक-एक युवक भी साथ गए थे।
राज्यसभा सांसद लक्ष्मीकांत वाजपेई ने मंत्रालय में पत्र भेजा। इस में लिखा-युगांडा में 7 भारतीय फंसे हैं। उन्हें वापस लाने का प्रयास किया जाएं। मेरठ के करनावल निवासी अशोक शर्मा, पटना के मृत्युंजय कुमार, हरियाणा के ऋषि पाल, उत्तराखंड निवासी योगेंद्र कुमार, मुजफ्फरनगर के योगेश कुमार, सहारनपुर के जसवीर सिंह हैं।
जिनको जीएस शुगर लिमिटेड ने भट्टी में झोकने की धमकी दी है। इन लोगों के पासपोर्ट और दस्तावेज भी जब्त कर लिए हैं। जल्द से जल्द जीएस शुगर लिमिटेड से बात कर इन लोगों को भारत वापस लाया जाए।