https://youtu.be/zMwt_fhjCdY
आलू को सब्ज़ियों का राजा कहा जाता है. बिना आलू हर सब्जी का स्वाद फीका होता है. आप शायद ही आलू खाते वक्त सोचते हों कि इसकी कितनी वैरायटी हो सकती है. या फिर जो आलू आप खा रहे हों उसकी खासियत क्या है. लेकिन आपको जानकर आश्चर्य होगा कि मेरठ में आलू अनुसंधान संस्थान पोटैटो की 70 वैरायटी तैयार कर चुका है। बैंगनी, लाल और पीला आलू देखकर कोई भी दंग रह जाए ऐसा आलू अब मेरठ में वैज्ञानिको ने तैयार किया है जिससे आलू की सुंदरता और उसके स्वाद का अब लो अनुभव कर सकेंगे. बैंगली आलू तो काटने पर अंदर से भी बैंगनी ही होता है. प्रधान वैज्ञानिक डॉक्टर एसके लूथरा बताते हैं कि संस्थान में 4600 किस्म के जनन द्रव्य उपलब्ध हैं जो विभिन्न देशों से मंगाए गए हैं. उन्होंने बताया कि 70 सालो की कड़ी मेहनत और किसानों ओर उपभोक्ताओं के लिये 70 तरह के आलू की वैरायटी तैयार की गई है। जिससे आलू को अलग पहचान मील सके वैज्ञानिक डॉ लूथरा कहते है कि आलू की सबसे ज्यादा फसल को तैयार करने का महारथ चीन को है क्योंकि चीन देश विदेश से इसके अन्न को ला कर अपने देश मे तैयार करता है जिससे चीन में कई तरह के आलू की किस्म है लेकिन भारत एक मात्र ऐसा देश है जिसने अपने ही देश के आलू को नई पहचान और उसका नया रंग रूप दिया है जिससे किसान भी अपनी फसल की अच्छी कीमत बाजार से ले सके और ये आलू उपभोक्ताओं तक आसानी से उनहे आलू को इस्तमाल में लिया जा सके।