मेरठ में 2 सर्राफा कारोबारीयो का 1600 ग्राम सोना लेकर भाग वाले आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पश्चिम बंगाल के हुगली के मेरठ पुलिस 4 लोगो को पकड़ कर लाई है। इन लोगो ने पहले तो सर्राफा कारोबारियों को भरोसे में लिया। उनके पास महनत ओर लग्न के साथ काम करने लगे। ओर मौका देख अचानक मॉल पर हाथ साफ कर दिया। पकड़े गये आरोपियों में एक नाबालिक कारीगर है। जिसमे नाबलिक को जमानत दी गई है। बाकी तीन को कोर्ट में पेश किया जायेगा। वही पुलिस ने आरोपियों से सारा माल बरामद कर लिया है।
16 जनवरी को मनोज कुमार वर्मा ने सदर थाने में सोना चोरी होने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। मनोज वर्मा की सदर बाजार में सोने की शॉप है। मनोज ने बताया था कि उन्होंने 400 ग्राम सोने के जेवर कारीगरों को दिये थे। एक दूसरी शिकायत सदर के ही दूसरे सर्राफा व्यापारी विवेक जैन की थी। उन्होंने कारीगरों को 1600 के सोने का सामान कारीगरी के लिये दिया था। आरोप है कि दोनों कारीगरों को कारीगरी के लिए सामान दिया था। जिसको लेकर कारीगर फरार हो गये थे। ओर सोने को बाजार में बेच दिया था।
पुलिस ने पूरे मामले की जांच के बाद महबूब पुत्र शेख सुल्तान राजदत्ता पुत्र तपन दत्त और अरविंद पुत्र अजित बाबूलाल को गिरफ्तार किया है। तीनो ही हुगली पश्चिम बंगाल के रहने वाले है। पुलिस ने पकड़े गये तीनों आरोपियों के पास से 1600 ग्राम के सोने के आभूषण ओर 2 लाख रुपये नकद बरामद किये है। ये रकम आरोपियों ने जेवर बेचकर कमाई थी। इन आरोपियों पर पुलिस द्वारा मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
सीओ कैंट आदित्य बंसल ने बताया कि जांच में पता चला कि ये आरोपी पिछले 10 सालो से सर्राफा बाजार में काम कर रहे थे। ज्वेलर्स से कारीगरी के लिये ज्वेलरी लेते थे। ओर काम करके उनका सोना लौटाते थे। इन आरोपियों ने बंगाल में चोरी का सारा सामान बेच दिया था। वही से पुलिस द्वारा रिकवरी कर ली गई है। फरार कारीगरों को बंगाल से ही गिरफ्तार किया गया है। ये लोग अपने गाँव हुगली जा रहे थे । इनमें से एक नाबालिग है जिसको बेल दे दी गई है।मेरठ में एक शख्स ने उधारी के 7 लाख रुपये देने से बचने के लिये खुद को गोली मार ली। लेकिन इलाज के दौरान हाफिजुद्दीन की मौत हो गई। इसके बाद हाफिजुद्दीन के बेटो ने पैसे देने वाले संजय त्यागी के खिलाफ मिकदमा दर्ज करवा दिया।
घटना 18 जनवारी की है। इसके बाद सरधना थाना पुलिस ने मृतक के बेटो से सख्ती से पूछताछ की जिसके बाद मृतक के दोनो बेटो ने सच से पर्दा उठाया। पुलिस के मुताबिक 55 साल का हाफिजुद्दीन सरधना के महादेव गाँव का रहने वाला था। हाफिजुद्दीन ने संजय त्यागी से 7 लाख रुपये उधार लिये थे। संजय त्यागी बार बार पैसों का तकाजा कर रहा था। मृतक हाफिजुद्दीन ने 18 जनवारी को संजय से प्लांट बेच कर 18 जनवारी को पैसे देने के लिये बुलाया था। लेकिन पुलिस जांच में पता लगा कि हाफिजुद्दीन के नाम पर कोई प्लाट ही नही था। इसलिए संजय त्यागी को फंसाने ओर पैसा वापस ना लौटाने के लिए ये सारी साजिश रची थी।
पुलिस ने बताया कि संजय को फंसाने के लिए हाफिजुद्दीन ने अपने खेत मे परिवार के साथ मिलकर साजीश रची थी। हाफिजुद्दीन ने संजय को खेत मे बुलाया ओर फिर अपनी पत्नी बेटी और बेटे ओर मज़दूर को दूसरे रास्ते जाने को कहा था। इसके बाद गन्ने के खेत की आड़ लेकर तमंचे से अपने कंधे पर खुद ही गोली मार ली। फिर तमंचा खेत मे फेक दिया।
गोली चलने की आवाज़ सुनकर हाफिजुद्दीन के बेटे शौकीन ओर आदिल मौके पर पहुचे। इसके बाद घायल हाफिजुद्दीन को बेटो ने सरधना के सीएचसी में भर्ती कराया। जहा ज्यादा खून बह जाने से उसकी मौत हो गई। हाफिजुद्दीन ने अस्पताल ले जाते वक्त अपने बेटो को बताया कि पुलिस और गाँव वालों को बताना की संजय त्यागी ने मुझे गोली मारी है। मेने तमंचा खेत मे फेक दिया है। पुलिस को भी यकीन हो जायेगा कि गोली संजय त्यागी ने मारी है। हाफिजुद्दीन ओर उसके परिवार को ये अंदाज़ा भी नही था कि किसी को फंसाने के लिये जो षड्यंत्र रचा था उस षड्यंत्र रचने वाले कि ही मौत हो जयेगी।
इस पूरे मामले में एसपी देहात कमलेश बहादुर ने बताया कि पुलिस को बेटो पर कुछ शक था। जिसके चलते पुलिस ने बेटो से सख्ती से पूछताछ की तो उसके बेटो ने हाफिजुद्दीन की रची सजीश का खुलासा करते हुए सारी घटना को सच्चाई के साथ पुलिस के सामने रख दिया।