उन्हें बिजनेस में अपना नाम बनाना है, बीटेक के बाद जो उनका अपना जो एक स्टार्टअप चल रहा है उसे एक अलग लेवल पर लेकर जाना है। बकौल अविरल मेरा एक सपना है कि मैं एक दिन फोर्ब्स में पब्लिश हूं और उस सपने के लिए काफी मेहनत कर रहा हूँ बाकी अब देखते हैं कैसे क्या होता है।
रतन टाटा को मानते आदर्श, पिता से लेते हैं प्रेरणा
बिजनेस में अविरल रतन टाटा को आदर्श मानते हैं जबकि प्रेरणा अपने पिताजी से लेते हैं। अविरल ने बताया कि उनके पिता बॉर्डर पर हैं और वहां माइनस 12 से 16 डिग्री में भी वह देश के लिए खड़े हैं उस चीज को सोचकर वह काफी मेहनत करते हैं की जो पिता उनके लिए खड़े हैं देश के लिए खड़े हैं उनके सपने भी हैं कि उनके बच्चों के सपने पूरे हों। तो इसलिए वह खुद भी काफी मेहनत करते हैं।
खुद को बताते हैं माता पिता का सबसे नालायक बेटा
अविरल का कहना है कि कह सकते हैं कि माता पिता का सबसे नालायक बेटा आज इस मुकाम पर है। वह इस सफलता के लिये अपने गुरुजनों की भी सराहना करते हैं।
चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय की कुलपति संगीत शुक्ला ने भी अविरल की इस कामयाबी पर उन्हें शुभकामनाएं दीं। वहीं सर छोटू राम इंस्टीट्यूट ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के डायरेक्टर नीरज गोयल बताते हैं कि अविरल नें अपनी लगन और मेहनत से संस्थान का भी मां बढाया है । उन्होंने कहा कि हम गौरवान्वित हैं कि संस्थान के इतिहास में पहली बार किसी स्टूडेंट को इतना शानदार पैकेज मिला है।